Yana Caves,Karnataka Tourism:कर्नाटक के उत्तर कन्नड़ जिले में पश्चिमी घाट के सदाबहार जंगलों के बीच याना की विशाल क्रिस्टलीय जैसी चट्टानें ऊंचाई पर कई वर्षों से खड़ी हैं. याना की गुफाए तीर्थयात्रियों, ट्रेकर्स और प्रकृति प्रेमियों के लिए एक परफेक्ट डेस्टिनेशन है. ठंडी और हवादार पहाड़ियों से गुजर कर जाने वाले 16 किमी का ट्रेक आपको पहाड़ की तलहटी तक ले जाते है जहां से चट्टान की संरचनाएं शुरू होती हैं.
याना के सिर पर, आश्चर्यजनक चोटियां भैरवेश्वर और जगनमोहिनी शिखर (या चोटियां) स्थित है. भगवान शिव को समर्पित एक गुफा मंदिर इन शिखरों के नीचे स्थित है. समय के साथ हो रहे बदलाव ने इन चूना पत्थर की संरचनाओं को काले भूरे रंग में बदल दिया है, और कई मधुमक्खियों के छत्ते चट्टान की सतह पर बिखरे हुए हैं.
Yana Caves:आखिर क्या शहरी हलचल से दूर बसीं याना गुफाओं का राज
याना अपनी दो विशाल चट्टान संरचनाओं के लिए पूरे विश्व में प्रसिद्ध है, जिन्हें भैरवेश्वर शिखर और मोहिनी शिखर के रूप में जाना जाता है. ये भव्य संरचनाएं ठोस काले क्रिस्टलीय कार्स्ट चूना पत्थर से बनी हैं. भैरवेश्वर शिखर, जो कि 120 मीटर ऊंचा है, और मोहिनी शिखर, जो 90 मीटर ऊंचा है, प्रकृति की भव्यता का प्रमाण है. आसपास की हरी-भरी हरियाली, सुपारी, नारियल के पेड़ और शांत वातावरण, याना को उन लोगों के लिए एक परफेक्ट डेस्टिनेशन बनाता है जो शहरी जीवन की भागदौड़ से दूर शांति की खहोज में जाना चाहते हैं.
Yana Caves:ऐतिहासिक महत्व- साढ़े 6 करोड़ साल पुरानी है याना गुफाएं
याना ऐतिहासिक रूप से महत्वपूर्ण स्थान रहा है. यहां की अनोखी चट्टानी संरचनाओं ने विद्वानों, भूवैज्ञानिकों और इतिहासकारों को पुराने समय से ही अपनी ओर आकर्षित किया है. माना जाता है कि ये चट्टानें लाखों वर्षों में चूना पत्थर के क्षरण के कारण बनी हैं, जिससे ये विस्मयकारी संरचनाओं का निर्माण हुआ है, चट्टानों का बदलता हुआ रंग लोगों के मन में एक और जिज्ञासा उत्पन्न करता है. वैज्ञानिकों के द्वारा की गई रेडियों कार्बन डेटिंग (Radiocarbon dating) के अनुसार ये चट्टानें ओर गुफाए लगभग साढ़े 6 करोड़ साल पुरानी है.
Yana Caves:यही वह स्थान है जहां भस्मासुर हुआ था भस्म
याना में राजसी चट्टानों के नाम हिंदू पौराणिक कथाओं के एक दिलचस्प खंड से जुड़े हैं. किंवदंती के अनुसार, भस्मासुर नामक दुष्ट राक्षस ने भगवान शिव की तपस्या की और उनसे वरदान में मांग कि जिसके सिर पर भी वह हाथ रखे वो भस्म हो जाए. भगवान शिव ने भस्मासुर को वरदान दे दिया.जिसके सिर पर वह हाथ रखता,वो भस्म होकर राख हो जाता.
अपनी इस शक्ति पर अहंकार कर वह भोलेनाथ को भस्म करने के उद्देश्य से आगे बढ़ा. उससे बचने के लिए, भगवान शिव पृथ्वी पर आए और इस स्थान पर छिप गए. तब भगवान विष्णु ने एक सुंदर अप्सरा , मोहिनी का रूप धारण करके राक्षस को नृत्य करने के लिए चुनौती दी और उसे अपने जाल में फसाते हुए सिर छूने के लिए कहा, जिससे वह भस्म हो गया.
याना में आपको मिलेगा ट्रैकिंग एडवेंचर,प्राचीन मंदिरों के दर्शन और भी बहुत कुछ-
कन्नड़ कहावत “Sokku iddare Yana, Rokka iddare Gokarna.”
एक कन्नड़ कहावत है, “सोक्कु इदारे याना, रोक्का इदारे गोकर्ण. ” इसका अनुवाद है, “यदि आपके पास खर्च करने के लिए बहुत पैसा है, तो गोकर्ण जाएं; यदि आप अति उत्साही महसूस कर रहे हैं, तो याना जाएं. ” यह कहावत याना की चुनौतीपूर्ण यात्रा को दर्शाती है.
ट्रैकिंग एडवेंचर
याना ट्रैकिंग के शौकीनों के लिए स्वर्ग है. याना की यात्रा घने जंगलों से होकर गुज़रती है, जहाँ पक्षियों की चहचहाहट और पत्तों की सरसराहट की आवाज़ें सुनाई देती हैं. यह रास्ता लगभग 16 किमी लंबा है और पश्चिमी घाट के लुभावने दृश्य प्रस्तुत करता है.
प्राचीन मंदिर में प्राकृतिक रूप से होता है जलाभिषेक
भैरवेश्वर शिखर के तल पर भगवान शिव को समर्पित एक गुफा मंदिर है. माना जाता है कि यह मंदिर स्वयं प्रकट हुआ है, जहां चट्टानों के ऊपर से लगातार शिवलिंग पर पानी टपकता रहता है. यह प्राकृतिक घटना इस जगह के आध्यात्मिक माहौल को और बढ़ा देती है.
अनोखे सुंदर पक्षी को देखना
याना और इसके आस-पास के इलाके पक्षी देखने वालों के लिए स्वर्ग हैं. दुर्लभ और विदेशी पक्षी प्रजातियों को देखने की संभावना अधिक है, जो इसे प्रकृति प्रेमियों के लिए एक सुखद अनुभव बनाता है.
प्राकृतिक सुरम्य झरने
याना में पास के विभूति झरने की सैर एक बेहतरीन स्थान है. झरने याना से ट्रेक द्वारा लगभग 9.7 किमी दूर पर हैं.
Yana Caves:कैसे पहुंचें
कुमता, याना का निकटतम रेलवे स्टेशन है.मंगलुरु रेलवे स्टेशन से कुमता के लिए ट्रेनें भी उपलब्ध हैं. बेंगलुरु से याना तक की यात्रा लगभग 470 किमी की है. यात्री या तो अपने वाहन चला सकते हैं या बस ले सकते हैं. बेंगलुरु से याना तक NH 48 लगभग 470 किमी है और सड़क मार्ग से लगभग 9 घंटे लगते हैं.KSRTC (कर्नाटक राज्य सड़क परिवहन निगम) और निजी बसें बेंगलुरु से कुमता तक उपलब्ध हैं.
हवाई मार्ग से जाने हेतु-कुमता के लिए सबसे नज़दीकी हवाई अड्डा गोवा में डाबोलिम हवाई अड्डा है. हवाई अड्डे से, आप याना पहुंचने के लिए टैक्सी किराए पर ले सकते हैं या सार्वजनिक परिवहन ले सकते हैं.
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याना के पास आवास
कुमता में कई होटल विकल्प उपलब्ध हैं, जिनमें बजट-अनुकूल लौज से लेकर अधिक शानदार आवास शामिल हैं. कुमता में रहने से याना के साथ-साथ मुरुदेश्वर, गोकर्ण और कारवार जैसे अन्य आस-पास के आकर्षणों तक आसानी से पहुंचा जा सकता है.
याना गुफाएं रोमांच, आध्यात्मिकता और प्राकृतिक सुंदरता का एक अनूठा मिश्रण पेश करती हैं. चाहे आप एक ट्रेकिंग करने वाले हों, तीर्थयात्री हों या प्रकृति प्रेमी हों, याना में आपके लिए कुछ न कुछ है.