Dhanbad के इस मंदिर में पत्थर बांधकर मन्नत मांगने पर पूरी होती है मुराद, जानें कैसे कर सकेंगे दर्शन

Jharkhand Tourism: मैथन डैम झारखंड में पर्यटकों को आकर्षित करने का मुख्य केंद्र है. तो आइए आज आपको बताते हैं मैथन डैम के बारे में.

By Rupali Das | June 15, 2024 5:54 PM
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Jharkhand Tourism: प्रकृति के अनमोल खजानों से भरा झारखण्ड, अनेक पर्यटन क्षेत्रों से परिपूर्ण है. यहां मौजूद डैम, पहाड़ियां, जंगल और मंदिर पर्यटकों को अपनी ओर खींचते हैं. इनकी आभा और सुंदरता लोगों का मन मोह लेती है. प्राकृतिक संसाधनों से संपन्न इस राज्य में “मैथन डैम” है, जो पर्यटकों के बीच बहुत प्रसिद्ध है. हजारों पर्यटक हर साल यहां घूमने और पिकनिक मनाने आते हैं. अगर आप भी झारखंड में घूमने का प्लान बना रहे हैं, तो मैथन डैम है आपके लिए शानदार.

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Jharkhand Tourism: कैसे आएंगे मैथन डैम

मैथन डैम धनबाद में स्थित है, जो रांची से करीब 194 किलोमीटर की दूरी पर है. यह झारखंड के सबसे बड़े डैम में से एक है, इसकी ऊंचाई 165 फीट है. यह बांध बराकर नदी पर बना हुआ है. यहां मौजूद अंडरग्राउंड पावर स्टेशन पर्यटकों के लिए आकर्षण का मुख्य केंद्र है. यहां पर मां कल्याणेश्वरी का मंदिर भी है, जिसमें लोगों की अटूट आस्था है. मैथन डैम अपने प्राकृतिक सुंदरता के साथ-साथ धार्मिक महत्व को लेकर भी काफी मशहूर है.

Jharkhand Tourism: क्यों है प्रसिद्ध मैथन डैम

मैथन डैम झारखंड के प्रमुख पर्यटन स्थलों में से एक है. झारखंड आने वाले पर्यटक मैथन डैम घूमने जरूर जाते हैं. इसका नाम मैथन “मां का स्थान” से लिया गया है, जिसका अर्थ है “मां कल्याणेश्वरी के लिए जगह”. जो इस स्थान के धार्मिक महत्व को बढ़ाती है. मैथन डैम एक खूबसूरत झील पर बना हुआ है, जो 65 वर्ग किलोमीटर में फैला हुआ है. यहां पर पर्यटक खूबसूरत जंगल और सुंदर झील के बीच नौकायन का आनंद उठा सकते हैं. पर्यटक अक्सर यहां सूर्यास्त और सूर्योदय का नजारा देखने आते हैं, जो बहुत ही रमणीय होता है. मां कल्याणेश्वरी के मंदिर में जाकर लोगों को मानसिक शांति और सुख मिलता है.

Jharkhand Tourism: मंदिर का है खास महत्व

मैथन डैम के पास मौजूद मां कल्याणेश्वरी का मंदिर अद्वितीय शक्तियों से भरा हुआ है. लोगों का मानना है कि इस जगह पर मां कल्याणेश्वरी प्रकट हुई थी. मां कल्याणेश्वरी को लेकर पर्यटकों में अपार श्रद्धा और विश्वास है. यहां माता की अष्टधातु से बनी मूर्ति स्थापित है. इस मंदिर में लोग अपनी मनोकामना पूरी करने आते हैं. यहां एक नीम का पेड़ है, जिसमें लोग पत्थर बांधकर अपनी मनोकामना मांगते हैं और मन्नत पूरी होने पर पत्थर को नदी में विसर्जित कर देते हैं. हर साल बड़ी संख्या में श्रद्धालु माता के दर्शन करने आते हैं. इनमें झारखंड और बंगाल के लोगों की संख्या सबसे ज्यादा रहती है. मां सबका कल्याण करती हैं इसलिए मंदिर का नाम कल्याणेश्वरी मंदिर है.

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