अपनी ट्रिप को बनाएं और भी एडवेंचरस, MP Tourism के जबलपुर-भेड़ाघाट Cycle tour के साथ
भेड़ाघाट और धुआँधार झरना प्रकृति की सुंदरता और भारत की ऐतिहासिक गहराई का सार समेटे हुए हैं. चाहे आप रहस्यमय संगमरमर की चट्टानों के बीच घूम रहे हों, शक्तिशाली झरने को महसूस कर रहे हों, या प्राचीन मंदिरों की खोज कर रहे हों, यह जगह आपको भरपूर मजा देगी.
MP Tourism आपकी यात्रा को और भी मजेदार बनाने के लिए समय- समय पर ट्रेकिंग-कैंपिंग के साथ ही अलग-अलग एक्टिविटी लेकर आता है. अगर आप एडवेंचर के शौकीन हैं तो आप जबलपुर-भेड़ाघाट-जबलपुर साइकिल टूर को चुन सकते हैं, जहां पर आपको मिलेगा एक शानदार अनुभव और बेहतर जानकारी. तो इस मानसून कुछ नया ओर मजेदार करे और बनाएं अपने ट्रिप को मजेदार. Cycle tour से संबंधित जानकारी के लिए MP Tourism की साइट विजिट करें.
कहां स्थित है-भेड़ाघाट?
भेड़ाघाट, मध्य प्रदेश के जबलपुर जिले में स्थित एक रमणीय स्थल है. भेड़ाघाट में संगमरमर चट्टानों के बीच तेज प्रवाह से गिरता नर्मदा नदी का पानी पर्यटकों को आकर्षित करता है. यह पर्यटन स्थल जबलपुर से लगभग 21 किलोमीटर दूर स्थित है. संगमरमर की ऊंची दूधिया सफेद संगमरमर की चट्टानों के बीच बहती हुई नर्मदा नदी बेहद ही मनमोहक लगती है. यहां नौका विहार की भी सुविधा उपलब्ध है. दर्शनीय स्थल- पूर्णिमा रात्रि का नौका विहार, धुआंधार जलप्रपात और बंजी जंप आदि यहां के प्रमुख आकर्षण है. भेड़ाघाट के समीप प्रसिद्ध 64 योगिनी तथा गौरीशंकर मंदिर दर्शनीय है.
चांदनी रात में संगमरमर के बीच नाव की सवारी का उठाएं लुत्फ़
जबलपुर के भेड़ाघाट में नर्मदा नदी से सटी संगमरमर की चट्टानों को देखना एक मंत्रमुग्ध कर देने वाला अनुभव है. ये ऊंची सफेद चट्टानें, नदी के किनारे चलते समय जादुई तरीके से अपना आकार बदलती हैं. चांदनी रात में संगमरमर की चट्टानों के बीच बहती नदी में नाव की सवारी का मज़ा भी ले सकते हैं.
भेड़ाघाट में स्थित है बंदर कुदनी व चौंसठ योगिनी मंदिर
“बंदर कुदनी” में तो संगमरमर के पहाड़ इतने नजदीक नजर आते हैं कि इन पहाड़ों को बंदर भी कूदकर पार कर सकता है. इस क्षेत्र के कई घाटों पर डायनासोर के अंडे के भी पाए गए हैं. देवी दुर्गा को समर्पित 10वीं सदी का खूबसूरत चौंसठ योगिनी मंदिर भी यह स्थित है.
नर्मदा नदी के प्रवाह से बनता है- धुआंधार जलप्रपात
शांत नर्मदा ऊंची संगमरमर की चट्टानों से होकर बहती है और थोड़ी ही दूरी पर प्रकृति का अद्भुत नज़ारा दिखाई देता है वो है – धुआंधार झरना.
झरने का नाम इसलिए रखा गया है क्योंकि ऊंचाई से पानी बहुत तेज़ी से गिरता है और धुआंधार दिखाई देता है. झरने को देखने का सबसे अच्छा समय मानसून के दौरान होता है, जब धुआंधार झरना अपने असली रूप में नजर आता है. इसका बहाव इतना तेज होता है कि दूर से ही आपको पास होने का एहसास हो जाता है. झरना इतनी तेजी से बहता है कि इसकी गर्जना दूर से ही सुनाई देती है. प्रकृति के ये चमत्कार जहां अपनी खूबसूरती बिखेरते हैं, वहीं भेड़ाघाट के उसी कस्बे में देवी दुर्गा को समर्पित 10वीं सदी का भव्य चौंसठ योगिनी मंदिर अपनी बेजोड़ कलात्मकता के साथ आपको अतीत में ले जाएगा.
भेड़ाघाट क्यों प्रसिद्ध है?
भेड़ाघाट, जिसे Land of Marbel Rock भी कहा जाता है, अपनी आश्चर्यजनक संगमरमर की चट्टानों के लिए प्रसिद्ध है जो नर्मदा नदी के दोनों ओर बेहतरीन रूप से प्रकृति के द्वारा उकेरी गई हैं. धुआंधार झरना, एक शानदार वॉटर फाल है, जहां नदी एक खड़ी चट्टान से नीचे गिरती है, जिससे एक धुंधली आभा बनती है जो मनोरम और ताज़ा दोनों है.
भेड़ाघाट और धुआंधार झरना प्रकृति की सुंदरता और भारत की ऐतिहासिक गहराई का सार समेटे हुए है. चाहे आप रहस्यमय संगमरमर की चट्टानों के बीच घूम रहे हों, शक्तिशाली झरने को महसूस कर रहे हों, या प्राचीन मंदिरों की खोज कर रहे हों, यह जगह आपको भरपूर मजा देगी.
Also Read- Chhattisgarh Tourism: वन्यजीव उद्यान देखने की है चाह, तो आइए इंद्रावती नेशनल पार्क
रांची से 125 किमी की दूरी पर है यह शानदार वाटर फॉल, हाईट देखकर फट जाएंगी आंखें