भोपाल की Taaj-ul-Masjid पर धूमधाम से मनती है ईद, 24 हजार फुट में है फैली

Taaj-ul-Masjid को भोपाल की बेगम शाहजहां ने बनवाया था. इसे दिल्ली की जामा मस्जिद के समान मुगल वास्तुकला का बेजोड़ नमूना माना जाता है.

By Pratishtha Pawar | June 27, 2024 5:23 PM

देश की बड़ी मस्जिदों में शुमार Taaj-ul-Masjid मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल में स्थित है. करीब 24 हजार वर्ग फुट में फैली यह मस्जिद मुगल वास्तुकला का एक बेहतरीन उदाहरण है. इसकी तुलना दिल्ली की प्रतिष्ठित जामा मस्जिद से की जाती है. ताज-उल-मस्जिद यानि “मस्जिदों का ताज” जहां पर हर ईद पर हजारों की संख्या में लोग नमाज अदा करने के लिए इकट्ठा होते हैं.

भोपाल की बेगम ने रखी थी नींव

बहादुर शाह जफर के शासनकाल में भोपाल रियासत की शाहजहां बेगम के आदेश पर 1877 में इस मस्जिद का निर्माण कार्य शुरू किया गया था.

Taj-ul-Masajid, Bhopal, India (Image Source-Social Media)

इसे बनाने में 100 साल से भी अधिक समय लग गया. 1971 में अल्लामा मोहम्मद इमरान खान नदवी अजहरी और भोपाल के मौलाना सैयद हशमत अली साहब की कोशिशों से इसका निर्माण कार्य पूरा हुआ.

बेगम शाहजहां के महल के सामने ही स्थित है यह मस्जिद

यह मस्जिद बेगम शाहजहां के महल के सामने स्थित है. बेगम पढ़ी-लिखी थीं. मस्जिद में नमाज अदा करने के लिए विशेष स्थान का होना, उनकी दूरदर्शिता और स्त्री शक्ति के प्रति उनके सम्मान को दर्शाता है.

शाहजहां बेगम ने अपने जीवनकाल में कई महलों का निर्माण करवाया. बताया जाता है कि बेगम को इमारतें बनवाने का बहुत शौक था. अपने जीवनकाल में उन्होंने भोपाल में स्थित ताज-उल-मस्जिद, भोपाल का ताजमहल, नूरी मस्जिद, निशात मंजिल, नवाब मंजिल आदि का निर्माण कराया.

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कैसे पहुंचें

भोपाल में राजा भोज हवाई अड्डा (Raja Bhoj International Airport) ताज-उल-मस्जिद से केवल 9 किलोमीटर की दूरी पर है. रेलवे स्टेशन केवल 4 किलोमीटर दूर है. सड़क मार्ग से भोपाल पहुंचने के लिए नियमित बसें चलती हैं जो पास के स्थानों जैसे सांची, उज्जैन, विदिशा, इंदौर और अन्य स्थानों से जोड़ती हैं. स्थानीय परिवहन के साथ ही Ola, Uber or Rapido की सुविधा भी मिल जाती है.  

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