Ancient Universities of India: भारत का इतिहास काफी समृद्ध और गौरवशाली रहा है. जिस देश के विद्यार्थी आज के समय में विदेशों में जाकर उच्च शिक्षा लेने को प्राथमिकता दे रहे हैं. इस भारत में प्राचीन काल में जापान, चीन, इंडोनेशिया, तुर्की सहित अन्य देशों से लोग शिक्षा ग्रहण करने आते थे. भारत के कई सौ साल पुराने प्राचीन विश्वविद्यालयों का ढंका पूरी दुनिया में बजता था. लेकिन अब प्राचीन भारत के इसी समृद्ध इतिहास के केवल अवशेष बचे हैं. भारत के गौरवशाली इतिहास के प्रमाण इन विश्वविद्यालयों के खंडहर पर्यटन स्थल के रूप में दुनियाभर में मशहूर हैं. अगर आपको भी ऐतिहासिक जगहों को एक्सप्लोर करने में रुचि है तो जरूर विजिट करें ये जगहें:
नालंदा विश्वविद्यालय
भारत के बिहार राज्य के नालंदा जिले में नालंदा विश्वविद्यालय के अवशेष मौजूद हैं. यह प्राचीन विश्वविद्यालय अपने समृद्ध विरासत और ऐतिहासिक महत्व के लिए प्रसिद्ध पर्यटन स्थल है. इस विश्वविद्यालय के अवशेषों को नालंदा पुरातत्व संग्रहालय में संग्रहित कर रखा गया है. इस विश्वविद्यालय की स्थापना 5वीं सदी में हुई थी, जिसे 13वीं सदीं में जलाकर नष्ट कर दिया गया था. यह विश्वविद्यालय पुराने समय में पूरी दुनिया में उच्च शिक्षा का केंद्र हुआ करता था. नालंदा महाविहार में मिले अवशेषों से नालंदा विश्वविद्यालय के गौरवशाली इतिहास का पता चलता है. यहां आकर आपको इतिहास से जुड़ी कई बातों की जानकारी मिलेगी. नालंदा विश्वविद्यालय के खंडहर इतिहास प्रेमी पर्यटकों के लिए आकर्षण का केंद्र है.
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तक्षशिला विश्वविद्यालय
भारत के इतिहास में तक्षशिला विश्वविद्यालय का उल्लेख शिक्षा के उच्च केंद्र के रूप में किया जाता है. इस विश्वविद्यालय में दुनियाभर से आए लगभग 10,000 से अधिक विद्यार्थी पढ़ते थे. आयुर्वेद विधि शास्त्र के लिए मशहूर इस विश्वविद्यालय में चिकित्सा शास्त्र की भी पढ़ाई होती थी. इस विश्वविद्यालय से बिम्बिसार और अजातशत्रु जैसे महान राजाओं ने शिक्षा ग्रहण की थी. इस विश्वविद्यालय में जैन और बौद्ध धर्म का विशेष प्रभाव था. वर्तमान में तक्षशिला विश्वविद्यालय के अवशेष पाकिस्तान में मौजूद हैं.
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विक्रमशिला विश्वविद्यालय
प्राचीन भारत के वैभवशाली विश्वविद्यालयों में नालंदा और तक्षशिला विश्वविद्यालय के साथ विक्रमशिला विश्वविद्यालय का भी जिक्र मिलता है. बिहार के भागलपुर जिले में स्थित विक्रमशिला विश्वविद्यालय का निर्माण पाल वंश के राजा धर्मपाल ने करवाया था. इस विश्वविद्यालय में कई देशों से विद्यार्थी पढ़ने आते थे. इस विश्वविद्यालय में बौद्ध धर्म का विशेष प्रभाव था. बख्तियार खिलजी नाम के आक्रमणकारी ने विक्रमशिला विश्वविद्यालय को नष्ट कर दिया था. मगर आज भी इसके अवशेष देखने आप भागलपुर जा सकते हैं. विक्रमशिला के खंडहर इतिहास में रुचि रखने वाले सैलानियों के लिए बेहतरीन है.
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