Travel Northeast: क्यों पूरब का स्विट्जरलैंड कहलाता है नागालैंड, 80 प्रतिशत से अधिक है यहां का लिट्रेसी रेट

प्राकृतिक खूबसूरती और प्रदूषण मुक्त वातावरण से परिपूर्ण, छोटी-बड़ी पहाड़ियों व आदिवासी संस्कृति के बीच बसा नागाओं की भूमि में कुछ ऐसा जादू है कि आप भी नागालैंड जरूर जाना चाहेंगे.

By Vivekanand Singh | May 14, 2024 9:22 PM

Travel Northeast: नागालैंड की सबसे दिलचस्प बात यह है कि यहां 16 प्रमुख जनजातियां निवास करती हैं, जिनका एक राज्य में रहते हुए भी खान-पान, भाषा, वेशभूषा, तीज-त्योहार और परंपराएं बिल्कुल अलग-अलग हैं.

कोहिमा का प्रवेश द्वार दीमापुर

चाहें आप हवाई यात्रा करें या रेल या फिर सड़क यात्रा कोहिमा पहुंचने के लिए दीमापुर से होकर जाना पड़ता है. इस कारण इसे कोहिमा का प्रवेश द्वार कहते हैं. यहां मध्ययुगीन काचरी राजवंश के खंडहर, चुमुकेदिमा और इंटंगकी वाइल्ड लाइफ सेंचुरी दर्शनीय स्थल हैं. नागालैंड की राजधानी कोहिमा का वास्तविक नाम केवहिमा है, पर अंग्रेजों द्वारा इसके वास्तविक नाम केवहिमा का ठीक ढंग से उच्चारण नहीं कर पाने के कारण वे इस शहर को कोहिमा पुकारने लगे. शहर के चारों ओर की पहाड़ियों पर खिलने वाले केवही फूलों की सुंदरता के कारण इसका नाम केवाहिमा रखा गया था.

आकर्षक हॉर्नबिल महोत्सव

कोहिमा से 12 किलोमीटर की दूरी पर स्थित नागा गांव किसामा में प्रति वर्ष 1 से 10 दिसंबर तक पर्यटन एवं कला व संस्कृति विभाग द्वारा हॉर्नबिल फेस्टिवल का आयोजन किया जाता है, जिसे देखने देश-विदेश से लोग आते हैं. इस महोत्सव का नाम हॉर्नबिल पक्षी के नाम पर रखा गया है, जो इनके जिंदगी का एक अहम हिस्सा होते हैं. इस अवसर पर न केवल नागा जनजाति, बल्कि राज्य में निवास करने वाले सभी जनजातियों, उपजनजातियों के समृद्ध और बहुरंगी संस्कृति की झलक देखने को मिलती है. इस समारोह में नृत्‍य प्रदर्शन, नागा नायकों की बहादुरी की प्रशंसा में गाये जाने वाले गीत, शिल्‍प, परेड, खेल, भोजन के मेले और कई धार्मिक अनुष्‍ठान होते हैं.

पूर्वोत्तर का सबसे बड़ा कैथोलिक चर्च

पूर्वोत्तर भारत का सबसे बड़ा चर्च कैथोलिक गिरजाघर कोहिमा में स्थित है, जिसके इमारत की खूबसूरती और लकड़ी की बेहतरीन कारीगरी देखने दूर-दूर से लोग आते हैं. इसके अलावा कोहिमा युद्ध स्मारक उन वीरों की बहादुरी को दर्शाता है, जिन्होंने द्वितीय विश्व युद्ध में दुश्मनों से जूझते हुए अपने प्राणों की आहुति दी थी.

कोहिमा म्यूजियम तथा चिड़ियाघर

जनजातीय इतिहास, परंपरा, संस्कृति की विस्तृत जानकारी प्राप्त करने की पर्यटकों की जिज्ञासा कोहिमा म्यूजियम जाकर ही पूरी हो सकती है, जहां देखने लायक अनेक वस्तुएं रखी हुई हैं. हरे-भरे चिड़ियाघर या प्राणी उद्यान में सर्वाधिक लोकप्रिय एक दुर्लभ प्रजाति की ट्रगोपन पक्षी और जंगली भैसे की खास प्रजाति मिथुन है, जो संयोग से इस राज्य का राजकीय पक्षी और राजकीय पशु है.

फूलों के लिए मशहूर जुकोऊ घाटी

Travel northeast: क्यों पूरब का स्विट्जरलैंड कहलाता है नागालैंड, 80 प्रतिशत से अधिक है यहां का लिट्रेसी रेट 2

समुद्र तल से 248 मीटर की ऊंचाई पर स्थित तथा कोहिमा से 30 किलोमीटर दूर स्थित जुकोऊ घाटी अपने जड़ी-बूटियों और रंग-बिरंगे फूलों के लिए मशहूर है. यहां के कल-कल करते झरने, शांत वातावरण और खिले हुए फूलों की बहार पूरी घाटी को अत्यंत मनोरम बना देते हैं. जप्फू पीक एक खूबसूरत व्यू प्वाइंट के रूप में पहचाना जाता है, जहां से सूर्योदय और सूर्यास्त दोनों देखना मनुष्य को रोमांच से भर देता है.

नागालैंड से जुड़ी अन्य रोचक बातें

नागालैंड के निवासी ज्यादातर मांसाहारी होते हैं, जहां चावल और उबली सब्जी के साथ चिकन, मछली, भैंसे, सूअर, बकरे, सांप, मेढक के मांस के अलावा कुत्ते का मांस बहुत ही शौक से खाया जाता है. यहां के लगभग 90 प्रतिशत लोग ईसाई धर्म को मानते हैं. यहां नागा जीवन से जुड़े पारंपरिक चित्रों, लकड़ी की नक्‍काशी वाले सामानों, शॉल और मूर्तियों की शॉपिंग की जा सकती है. यहां के 80 प्रतिशत लोग कृषि कार्य करते हैं. यहां के ज्यादातर लोग रंग-बिरंगी चादर और पैरों में कड़ा अवश्य पहनते हैं.

Also Read: Northeast India: कुदरत व अध्यात्म का अनोखा संगम है अरुणाचल प्रदेश का तवांग, घूमने जरूर जाना चाहेंगे आप

Next Article

Exit mobile version