21.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

Odisha Tourism: अनोखा है कलिंग वास्तुकला में बना लिंगराज मंदिर

Odisha Tourism: भगवान त्रिभुवनेश्वर को समर्पित लिंगराज मंदिर ओडिशा के प्राचीन मंदिरों में से एक है. मंदिरों के शहर भुवनेश्वर में स्थित यह मंदिर कलिंग वास्तुकला में बनी अद्भुत संरचना है. तो चलिए आज आपको बताते हैं लिंगराज मंदिर से जुड़ी कुछ रोचक बातें.

Odisha Tourism: भारत के ओडिशा राज्य की राजधानी भुवनेश्वर को टेंपल सिटी या मंदिरों के शहर नाम से भी जाना जाता है. भुवनेश्वर में मौजूद 500 से ज्यादा मंदिर सालों पुराने हैं, जो इस शहर के समृद्ध सांस्कृतिक विरासत के प्रतीक हैं. विश्व भर में अपनी सुंदर वास्तुकला के लिए प्रसिद्ध भुवनेश्वर का एक्रम क्षेत्र मंदिर यूनेस्को की लिस्ट में शामिल है. इस शहर में आपको राज रानी मंदिर, मुक्तेश्वर मंदिर और वासुदेव मंदिर जैसे कई प्राचीन खूबसूरत मंदिर देखने को मिलेंगे. इन्हीं प्राचीन मंदिरों में से एक है भगवान शिव को समर्पित लिंगराज मंदिर. यह मंदिर विश्व प्रसिद्ध पर्यटन स्थल है. अगर आप भी ओडिशा के प्राचीन मंदिरों को घूमने का प्लान बना रहे हैं, तो जरूर आएं लिंगराज मंदिर.

Also Read: Odisha Tourism: ओडिशा का ‘मिलेनियम सिटी’ के नाम से मशहूर है कटक

इस मंदिर में साथ विराजते हैं भगवान भोलेनाथ और विष्णु

भुवनेश्वर शहर में मौजूद लिंगराज मंदिर, एक ऐसा मंदिर है जहां गैर हिंदुओं का प्रवेश वर्जित है. भगवान त्रिभुवनेश्वर अर्थात शिव को समर्पित इस मंदिर में देवाधिदेव महादेव और भगवान हरि एक साथ विराजमान हैं. 11वीं सदी में बने इस प्राचीन मंदिर का निर्माण सोमवंशी राजा ययाति केसरी ने कलिंग वास्तुकला में करवाया था. भुवनेश्वर के प्रमुख मंदिरों में से एक लिंगराज मंदिर हिंदुओं का पवित्र धाम है.

बलुआ पत्थर और लेटराइट से निर्मित लिंगराज मंदिर के परिसर में कई छोटे-छोटे मंदिर हैं. इस मंदिर में ग्रेनाइट पत्थर से बने शिवलिंग की पूजा-अर्चना की जाती है. मंदिर परिसर में ही भगवान विष्णु की भी मूर्ति स्थापित है. हिंदुओं के आस्था के केंद्र लिंगराज मंदिर में भगवान शिव और हरि साथ में पूजे जाते हैं. माना जाता है सोमवंशी राजाओं द्वारा निर्मित लिंगराज मंदिर में गंग शासकों द्वारा आगे का निर्माण कार्य कराया गया.

Also Read: Odisha Tourism: अपनी अनोखी संबलपुरी साड़ियों के लिए मशहूर है यह शहर

कैसी है मंदिर की वास्तुकला

ओडिया और देउल शैली में बने लिंगराज मंदिर की वास्तुकला आकर्षक और खूबसूरत है. इस मंदिर के निर्माण में चार घटक शामिल हैं, जिनमें गर्भगृह युक्त संरचना – विमान, असेंबली हाॅल – जगमोहन( यज्ञशाला) , फेस्टिवल हॉल – नटामंडीरा( नाट्यशाला) और प्रसाद का हॉल – भोग मंडप हैं. इस मंदिर की अनोखी वास्तुकला लोगों को अपनी आकर्षित करती है. बड़ी संख्या में लोग मंदिर की खूबसूरती निहारने और भगवान विष्णु व महादेव का दर्शन करने लिंगराज मंदिर पहुंचते हैं. कहा जाता है इस मंदिर में स्थित सरोवर में स्नान करने से मनुष्य की शारीरिक और मानसिक बीमारियां दूर हो जाती हैं. भुवनेश्वर का लिंगराज मंदिर हिंदुओं के आस्था और विश्वास का प्रतीक है.

Also Read: Odisha Tourism: बजट 2024 में ओडिशा के पर्यटन क्षेत्र भी शामिल, केंद्र की सहायता से मिलेगा बढ़ावा

जरूर देखें:

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें