Sawan 2024:राजस्थान में भोलेनाथ की आराधना के लिए करे इन स्‍थानों की सैर

राजस्थान, अपनी समृद्ध सांस्कृतिक विरासत और आध्यात्मिक इतिहास के साथ, कई पूजनीय स्थल प्रदान करता है जहां भक्त भोलेनाथ की पूजा कर सकते हैं.

By Pratishtha Pawar | July 18, 2024 9:36 PM

Rajasthan Tourism, Sawan 2024: सावन और महाशिवरात्रि के दौरान पूरे देश में शिव भक्तों का आना जाना शुरू हो जाता है, महादेव शिव के भक्त देश-विदेश से भारत के प्राचीन शिव मंदिरों, द्वादश ज्योतिर्लिंग के दर्शन के लिए यहां आते है.सावन के दौरान राजस्थान में भोलेनाथ की पूजा करने के लिए भगवान शिव को समर्पित सावन का पवित्र महीना पूरे भारत में भक्तों के लिए गहरी श्रद्धा और उत्सव का समय होता है.

सावन के दौरान भगवान शिव से आशीर्वाद पाने के लिए राजस्थान में यह पांच दर्शनीय स्थल बेहद लोकप्रिय हैं-

घुश्मेश्वर ज्योतिर्लिंग मंदिर, सवाई माधोपुर

Ghushmeshwar jyotirlinga temple, sawai madhopur,rajasthan (image credit- social media)

सवाई माधोपुर में स्थित घुश्मेश्वर ज्योतिर्लिंग मंदिर, भगवान शिव के बारह ज्योतिर्लिंगों में से एक है, जो इसे भक्तों के लिए एक महत्वपूर्ण तीर्थ स्थल बनाता है. किंवदंती के अनुसार, मंदिर सुदेहा नाम की एक भक्त महिला और उसकी बहन घुश्मा की चमत्कारी कहानी से जुड़ा हुआ है. यह मंदिर अपनी आध्यात्मिक ऊर्जा और दिव्य आभा के लिए प्रसिद्ध है, जो दूर-दूर से भक्तों को आकर्षित करता है, खासकर सावन के दौरान.

नीलकंठ महादेव मंदिर, अलवर

Neelkanth mahadev temple, alwar, rajasthan (image credit- social media)

अलवर के पास सरिस्का राष्ट्रीय उद्यान में स्थित, नीलकंठ महादेव मंदिर भगवान शिव को समर्पित एक और पूजनीय मंदिर है.  यह मंदिर घने जंगलों और ऊबड़-खाबड़ पहाड़ियों से घिरा एक सुरम्य स्थान पर स्थित है.  ऐसा माना जाता है कि इस मंदिर का निर्माण 10वीं शताब्दी में बड़गुजर शासकों ने करवाया था.  मुख्य देवता, नीलकंठ (भगवान शिव का दूसरा नाम) की पूजा विशेष रूप से सावन के दौरान बहुत भक्ति भाव से की जाती है.  मंदिर का सुदूर स्थान और प्राकृतिक सुंदरता एकांत और ईश्वर के साथ गहरे संबंध की तलाश करने वाले भक्तों के लिए एक आदर्श स्थान प्रदान करती है.

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हर्षनाथ मंदिर, सीकर

Harshnath temple, sikar, rajasthan (image credit- social media)

सीकर के पास हर्षनाथ पहाड़ियों के ऊपर स्थित, हर्षनाथ मंदिर भगवान शिव को समर्पित एक प्राचीन मंदिर है.  माना जाता है कि मंदिर का निर्माण 10वीं शताब्दी में हुआ था, यह नागर शैली की वास्तुकला का एक शानदार उदाहरण है. आंशिक रूप से खंडहर होने के बावजूद, मंदिर की पवित्रता बरकरार है, और यह शिव भक्तों के लिए एक महत्वपूर्ण तीर्थ स्थल बना हुआ है.  आसपास के परिदृश्य के मनोरम दृश्य और शांत वातावरण सावन के दौरान हर्षनाथ मंदिर की यात्रा को आध्यात्मिक रूप से उत्थान करने वाला अनुभव बनाते हैं.  मंदिर का ऐतिहासिक महत्व और इससे जुड़ी किंवदंतियाँ इसके आकर्षण को और बढ़ा देती हैं.

एकलिंगजी मंदिर, उदयपुर

Eklingji temple, udaipur,rajasthan (image credit- social media)

उदयपुर से लगभग 22 किलोमीटर की दूरी पर स्थित, एकलिंगजी मंदिर राजस्थान के सबसे महत्वपूर्ण शिव मंदिरों में से एक है. 8वीं शताब्दी में निर्मित मंदिर परिसर अपनी आश्चर्यजनक वास्तुकला और जटिल नक्काशी के लिए जाना जाता है. मुख्य देवता, एकलिंगजी, भगवान शिव की चार-मुखी काले संगमरमर की मूर्ति द्वारा दर्शाए गए हैं.सावन के दौरान, मंदिर में हजारों भक्त प्रार्थना करने और आशीर्वाद लेने आते हैं.

परशुराम महादेव मंदिर, पाली

Parshuram mahadev temple, pali, rajasthan (image credit- social media)

अरावली पर्वतमाला की सुंदर पहाड़ियों के बीच स्थित, परशुराम महादेव मंदिर भगवान शिव को समर्पित एक पूजनीय मंदिर है. माना जाता है कि इस प्राचीन गुफा मंदिर का निर्माण भगवान विष्णु के छठे अवतार भगवान परशुराम ने यहाँ तपस्या करने के बाद किया था. मंदिर तक की यात्रा में लगभग 500 सीढ़ियां चढ़नी पड़ती हैं, जो इसे भक्तों के लिए आध्यात्मिक रूप से पुरस्कृत करने वाला अनुभव बनाती है. मंदिर में प्राकृतिक रूप से निर्मित शिवलिंग है, जिसकी पूजा विशेष रूप से सावन के दौरान बहुत भक्ति के साथ की जाती है.  

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