Sawan 2024: अद्भुत है बाबा महेंद्रनाथ की कहानी, सावन में उमड़ता है जनसैलाब
Sawan 2024: बिहार के सिवान में स्थित महेंद्रनाथ मंदिर का निर्माण नेपाल के राजा ने करवाया था. इस मंदिर के तालाब में स्नान करने से चर्म रोग दूर हो जाता है. सावन में यहां भक्तों की भीड़ उमड़ती है. आइए जानते हैं क्या है इस मंदिर का रहस्य और इतिहास.
Sawan 2024: भगवान शिव के प्रिय सावन महीने में आस्था का जनसैलाब देखने को मिल रहा है. पूरे देश के कोने-कोने से शिव भक्त बाबा पर जलार्पण करने प्रसिद्ध शिव मंदिर पहुंच रहे हैं. बिहार के सिवान में स्थित बाबा महेंद्रनाथ मंदिर भी श्रद्धालुओं के आस्था का केंद्र है. यहां सावन के महीने में हजारों भक्त बाबा पर जल चढ़ाने पहुंचते हैं. इस प्राचीन शिव मंदिर के प्रति लोगों में अपार श्रद्धा है. अगर आपने भी श्रावण मास में बिहार के प्रसिद्ध शिवालयों में दर्शन-पूजन करने की योजना बनाई है, तो जरूर आएं महेंद्रनाथ मंदिर.
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Sawan 2024: यहां मिलती है चर्म रोगों से मुक्ति
सिवान जिला मुख्यालय से लगभग 30 किलोमीटर दूर स्थित है, महेंद्रनाथ मंदिर. इस मंदिर को लेकर कई पौराणिक मान्यताएं प्रसिद्ध हैं. बाबा महेंद्रनाथ इस मंदिर में आने वाले भक्तों के सारे रोग और कष्ट हर लेते हैं. बिहार का यह शिव मंदिर काफी चमत्कारिक है. बाबा यहां आने वाले हर भक्त की मनोकामना जरुर पूरी करते हैं. पूरे साल महेंद्रनाथ मंदिर में बड़ी संख्या में श्रद्धालु आते हैं. सावन महीने में भक्त बाबा पर जल चढ़ाने दूर-दूर से सिवान आते हैं. यहां भारत के साथ नेपाल से भी श्रद्धालु बाबा के दर्शन करने आते हैं. सालों पुराने इस प्रसिद्ध शिव मंदिर का निर्माण नेपाल के राजा ने करवाया था.
स्थानीय लोगों का कहना है महेंद्रनाथ मंदिर के समीप एक सरोवर है, जिसमें केवल स्नान करने से चर्म रोग ठीक हो जाता है. इस कारण न केवल देश बल्कि विदेश से भी चर्म रोग से ग्रसित मरीज बाबा महेंद्रनाथ के दर्शन करने आते हैं. हर वर्ष सावन के महीने में भक्तों की भीड़ बाबा के दर्शन के लिए महेंद्रनाथ मंदिर पहुंचती है. महेंद्रनाथ मंदिर बिहार का प्रसिद्ध पर्यटन केंद्र भी है.
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Sawan 2024: नेपाल के राजा ने करवाया था मंदिर का निर्माण
बिहार के सिवान जिले में स्थित महेंद्रनाथ मंदिर का निर्माण नेपाल के राजा महेंद्र वीर विक्रम शाहदेव ने करवाया था. इस कारण मंदिर का नाम महेंद्रनाथ पड़ा. इस मंदिर की कहानी काफी रोचक और दिलचस्प है. पौराणिक मान्यताओं के अनुसार नेपाल के राजा महेंद्र वीर को कोढ़ जैसी गंभीर बीमारी हो गई थी. इस रोग से निजात पाने के लिए नेपाल नरेश वाराणसी में गंगा स्नान करने आ रहे थे. यात्रा के दौरान राजा घने जंगल में विश्राम करने लगे. यह जंगल वर्तमान में बिहार का सिवान जिला है. इस दौरान नेपाल नरेश को तेज प्यास लगी. वह आसपास पानी ढूंढने लगे. तभी उन्हें पानी से भरा एक गड्ढा मिला, जिसमें हाथ डालते भोलेनाथ की कृपा से नेपाल नरेश का कुष्ठ रोग ठीक हो गया. उसी रात भगवान शिव ने नेपाल के राजा को सपने में दर्शन देकर कहा कि पीपल वृक्ष के नीचे खुदाई करवाकर मंदिर का निर्माण कराओ. नेपाल नरेश ने दूसरे ही दिन पीपल वृक्ष के नीचे खुदाई करवाई. यहां खुदाई के दौरान शिवलिंग निकला. नेपाल के महाराज ने उसी स्थान पर भव्य मंदिर का निर्माण करवाया, जिसे लोग आज महेंद्रनाथ मंदिर के नाम से जानते हैं. इस मंदिर के समीप राजा ने एक विशाल जलाशय खुदवाया, जिसमें भक्त आस्था की डुबकी लगाते हैं. यह मंदिर बिहार के प्रमुख धार्मिक केंद्रों में से एक है.
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