Bihar Tourism: ब्रह्मा जी ने की थी इस चमत्कारिक शिवलिंग की स्थापना

Bihar Tourism: बक्सर जिले में मौजूद बाबा ब्रह्मेश्वर नाथ मंदिर की स्थापना स्वयं भगवान ब्रह्मदेव ने की थी. इस मंदिर का चमत्कार देख आक्रमणकारी गजनवी को उल्टे पांव लौटना पड़ा था. यहां सावन में भक्तों की भीड़ उमड़ती है. तो चलिए आज आपको बताते हैं ब्रह्मेश्वर नाथ मंदिर के बारे में.

By Rupali Das | July 17, 2024 11:30 AM
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Bihar Tourism: बिहार राज्य में मौजूद कई ऐसी प्राचीन ऐतिहासिक और धार्मिक जगहें हैं, जो इसे पर्यटन स्थल के रूप में मशहूर करती हैं. बिहार कई धर्मों का प्रमुख केंद्र है, जिसमें पटना साहिब से लेकर अजगैवीनाथ मंदिर और प्राचीन बौद्ध मठों से लेकर जैन तीर्थ स्थल तक शामिल हैं. यहां सालों भर सैलानियों का आना-जाना लगा रहता है. बिहार के अन्य प्रमुख धार्मिक और पर्यटन केंद्रों में से एक है ब्रह्मेश्वर नाथ मंदिर. इस मंदिर में स्थापित शिवलिंग को चमत्कारिक माना जाता है. अगर आपने भी सावन में बिहार घूमने का प्लान बनाया है, तो जरुर विजिट करें ब्रह्मेश्वर नाथ मंदिर.

Sawan 2024: क्यों खास है ब्रह्मेश्वर नाथ मंदिर

बिहार के बक्सर जिले में स्थित ब्रह्मेश्वर नाथ मंदिर का इतिहास काफी पुराना है. इसे लेकर मान्यता है की सृष्टि के रचयिता ब्रह्मदेव ने स्वयं इस मंदिर की स्थापना की थी. यही कारण है मंदिर का नाम बाबा ब्रह्मेश्वर नाथ पड़ा. यह मंदिर कई मायनों में खास है, जिसका जिक्र पुराणों में भी मिलता है. भगवान शिव को समर्पित इस मंदिर में श्रावण मास के दौरान बड़ी संख्या में श्रद्धालु दर्शन-पूजन के लिए आते हैं. बाबा ब्रह्मेश्वर नाथ मंदिर भगवान शिव के दिव्य शिवालयों में से एक है. इस मंदिर की खासियत है कि भगवान शिव के सभी मंदिरों का दरवाजा पूर्व की ओर खुलता है, जबकि बाबा ब्रह्मेश्वर नाथ का दरवाजा पश्चिम की ओर खुलता है. इस प्रसिद्ध मंदिर का चमत्कार देख आक्रमणकारी मोहम्मद गजनवी भी डर गया था. सावन के पवित्र महीने में बाबा ब्रह्मेश्वर नाथ की विशेष पूजा-अर्चना की जाती है. इस दौरान श्रद्धालु बाबा का जलाभिषेक करने मंदिर पहुंचते हैं.

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Sawan 2024: इस मंदिर का चमत्कार देख भागा था गजनवी

प्राचीन ब्रह्मेश्वर नाथ मंदिर को साक्षात ब्रह्मदेव का आशीर्वाद प्राप्त है. इस प्रसिद्ध शिवालय को दिव्य और चमत्कारिक माना जाता है. कहा जाता है मंदिरों को लूटने के क्रम में जब गजनवी बक्सर पहुंचा तब ब्राह्मणों ने गजनवी को ऐसा करने से मना किया. ब्राह्मणों ने कहा इस मंदिर की स्थापना स्वयं ब्रह्म देव ने की है. इस कारण मंदिर को तोड़ना असंभव है, इसलिए इसे छोड़ दें. ब्राह्मणों को जवाब देते हुए गजनवी ने कहा अगर यह मंदिर इतना ही चमत्कारिक है तो रात भर में इसके द्वार की दिशा बदल जानी चाहिए नहीं तो सुबह इस मंदिर को तोड़ दिया जाएगा. अगले दिन जब गजनवी मंदिर तोड़ने पहुंचा तो द्वार की दिशा बदली हुई थी. मंदिर का दरवाजा पूर्व से हटकर पश्चिम की ओर खुला हुआ था. यह चमत्कार देख गजनवी डर गया और फौरन वहां से भाग खड़ा हुआ. इस घटना के बाद बाबा ब्रह्मेश्वर नाथ का महत्व और ज्यादा बढ़ गया. सालों भर लोग बाबा ब्रह्मेश्वर नाथ के दर्शन करने बक्सर आते हैं. सावन माह में मंदिर में भक्तों का तांता लगा रहता है. बाबा ब्रह्मेश्वर नाथ मंदिर बिहार का प्रमुख आध्यात्मिक, धार्मिक और पर्यटन केंद्र है.

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