Jharkhand Tourism: महाभारत से जुड़ा है इस मंदिर का इतिहास, जानिए क्यों है खास

Sawan 2024: झारखंड धाम भगवान शिव को समर्पित प्रसिद्ध मंदिर है. यहां भगवान शिव ने अर्जुन को पाशुपात अस्त्र दिया था. यहां सावन के महीने में श्रद्धालु भगवान शिव पर जल अर्पण करने आते हैं. तो चलिए आज आपको बताते हैं झारखंड धाम से जुड़ी कुछ खास बातें.

By Rupali Das | July 13, 2024 2:57 PM
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Jharkhand Tourism: झारखंड का इतिहास काफी समृद्ध रहा है. यह राज्य अपनी ऐतिहासिक विरासत, प्राचीन धार्मिक केंद्रों और खूबसूरत संरचनाओं के लिए मशहूर है. यहां मौजूद प्राचीन मंदिरों का विशेष महत्व है. सावन के महीने में झारखंड में मौजूद भगवान शिव के मंदिरों में भक्तों की भीड़ उमड़ती है. यहां मौजूद बाबा बैद्यनाथ धाम, सुरेश्वर धाम, पहाड़ी मंदिर सहित कई प्रसिद्ध शिव मंदिरों में सावन माह में विशेष पूजा-पाठ की जाती है. इन्हीं प्रसिद्ध शिव मंदिरों में से एक है “झारखंड धाम”. अगर आप भी इस सावन शिव मंदिरों में जाने की तैयारी कर रहे हैं तो जरुर विजिट करें झारखंड धाम.

Sawan 2024: क्या है इसका इतिहास

झारखंड के गिरिडीह में मौजूद झारखंड धाम मंदिर का इतिहास काफी पुराना और समृद्ध है. यह हिंदुओं का पवित्र धार्मिक स्थल है, जिसका जुड़ाव महाभारत काल से है. प्राचीन मान्यताओं के अनुसार झारखंड धाम वही स्थान है, जहां भगवान शिव ने अर्जुन को पाशुपात अस्त्र दिया था. भगवान शिव के साक्षात अवतरित होने के बाद इस जगह का महत्व बढ़ गया. यहां स्थापित शिवलिंग के दर्शन करने हर साल सावन के दौरान भक्तों की भारी भीड़ उमड़ती है. इस जगह से श्रद्धालुओं का आध्यात्मिक जुड़ाव है.

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Sawan 2024: बाबा पूरी करते हैं भक्तों की मुराद

सावन का पवित्र महीना हर शिव भक्त के लिए खास होता है. इस दौरान सभी शिवालयों में भक्तों की भीड़ भोलेनाथ के दर्शन करने पहुंचती है. सावन के दौरान गिरिडीह जिले के झारखंड धाम में भी कुछ ऐसा ही नजारा देखने को मिलता है. श्रावण मास में खुली छत वाले इस मंदिर में हजारों की संख्या में श्रद्धालु दर्शन पूजन करने पहुंचते हैं. कहा जाता है कई प्रयासों के बाद भी लोग इस मंदिर का छत बनाने में असफल रहे हैं, जो रहस्यमय बात है. झारखंड धाम मंदिर की विशेषता है की यहां आने वाले श्रद्धालुओं की मनोकामना अवश्य पूरी होती है. इस मंदिर में सालों भर भक्तों का जमावड़ा लगा रहता है. यहां सोमवार और पूर्णिमा के दिन विशेष पूजा की जाती है. सावन के दौरान झारखंड धाम मंदिर का महत्व और ज्यादा बढ़ जाता है, बड़ी संख्या में लोग यहां भगवान पर जल चढ़ाने और दर्शन करने आते हैं. देवघर और बासुकीनाथ में जल अर्पण करने के बाद कांवरिये बाबा पर जल चढ़ाने झारखंड धाम पहुंचते हैं. झारखंड धाम एक प्रसिद्ध ऐतिहासिक और धार्मिक केंद्र है.

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