Sawan 2024: इस मंदिर में होती है खंडित शिवलिंग की पूजा, श्रावण माह है खास
Sawan 2024: झारखंड के चित्रेश्वर मंदिर में खंडित शिवलिंग की पूजा होती है. कई मायनों में खास इस मंदिर में डेढ़ महीने का श्रावण होता है. आइए सावन के पावन मौके पर आपको बताते हैं इस प्राचीन मंदिर से जुड़ी कुछ विशेष बातें.
Sawan 2024: हजारों साल पुराना चित्रेश्वर मंदिर भगवान शिव का पवित्र धाम है. यह प्राचीन मंदिर झारखंड, बंगाल और ओडिशा राज्य के लोगों के आस्था का केंद्र है. यह प्रसिद्ध शिव मंदिर बंगाल, झारखंड और ओडिशा राज्य के संगम स्थल बहरागोड़ा से लगभग 12 किलोमीटर दूर स्थित है. इस मंदिर में हजारों सालों से भगवान शिव की पूजा होती आ रही है. सावन महीने में यहां भक्तों की भारी भीड़ उमड़ती है, जिसे नियंत्रित करने के लिए मंदिर समिति को प्रशासन से मदद लेनी पड़ती है. बड़ी संख्या में शिव भक्त शिवलिंग पर जल चढ़ाने चित्रेश्वर मंदिर पहुंचते हैं. अगर आप भी पवित्र श्रावण मास में झारखंड के प्राचीन शिवालयों में दर्शन-पूजन के लिए आ रहे हैं, तो जरूर करें चित्रेश्वर महादेव के दर्शन.
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Sawan 2024: क्यों होती है खंडित शिवलिंग की पूजा
चित्रेश्वर शिव मंदिर झारखंड का ऐसा शिवालय है, जहां दो भागों में विभाजित शिवलिंग की पूजा की जाती है. यह प्राचीन मंदिर पूर्वी सिंहभूम के बहरागोड़ा में स्थित है. इस शिवालय में पूरे साल भक्तों की भीड़ उमड़ती है. सावन के पवित्र महीने में यहां श्रद्धालुओं का जनसैलाब देखने को मिलता है. इस मंदिर का वर्णन हिंदू पौराणिक ग्रंथों में भी मिलता है. ओडिशा के वास्तुकला में निर्मित इस मंदिर में खंडित शिवलिंग की पूजा की जाती है. स्थानीय लोगों के अनुसार धालभूम राजा और पश्चिम बंगाल के गोपीवल्लभपुर के राजा के बीच अकसर मंदिर पर अधिकार और सीमा विवाद के कारण संघर्ष होते रहता था. इस विवाद से नाराज होकर शिवलिंग भीतर से दो टुकड़ों में विभाजित हो गया. यही कारण है आज भी चित्रेश्वर शिव मंदिर में खंडित शिवलिंग की पूजा की जाती है. इस शिवलिंग के दर्शन करने लोग दूर-दूर से चित्रेश्वर धाम पहुंचते हैं.
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Sawan 2024: यहां डेढ़ महीने का होता है श्रावण
चित्रेश्वर शिव मंदिर में पूरे साल भक्तों का आना-जाना लगा रहता है. लेकिन यहां सावन माह में श्रद्धालुओं का जनसैलाब आता है. श्रावण मास शुरू होने से पहले मंदिर परिसर की विशेष रूप से साफ-सफाई की जाती है. इस दौरान भोलेनाथ के दर्शन करने आने वाले श्रद्धालुओं की सुख सुविधाओं का भी ध्यान रखा जाता है. बड़ी संख्या में शिव भक्त बाबा पर जल चढ़ाने चित्रेश्वर मंदिर पहुंचते हैं.
चित्रेश्वर मंदिर में श्रावण डेढ़ महीने का होता है. जबकि अन्य शिवालयों में सावन केवल एक महीने का होता है. चूंकि, चित्रेश्वर मंदिर पश्चिम बंगाल, ओडिशा और झारखंड की सीमा तट पर स्थित है. इस कारण इस मंदिर में बांग्ला और ओडिया परंपरा का प्रभाव भी देखने को मिलता है. बंगाली और ओडिया लोगों का पंचांग हिंदी पंचांग से 15 दिन पहले शुरू होता है. इस कारण ओड़िया और बंगाली भाषी लोगों का सावन भी 15 दिन पहले ही शुरू हो जाता है. जबकि हिंदी पंचांग के अनुसार पूर्णिमा से पूर्णिमा तक सावन माह होता है. इसलिए चित्रेश्वर मंदिर में डेढ़ माह का श्रावण होता है. भोलेनाथ के प्रिय सावन माह में चित्रेश्वर मंदिर में विशेष पूजा की जाती है. बाबा यहां आने वाले भक्तों की मुराद पूरी करते हैं. चित्रेश्वर शिव मंदिर हिंदू धर्म के आस्था और श्रद्धा का प्रतीक है.
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