Karnataka Tourism: कर्नाटक का खूबसूरत वाटरफाल है शिवसमुद्रम जलप्रपात

कर्नाटक का शिवसमुद्रम जलप्रपात मानसून के समय विशेष रूप से आकर्षक हो जाता है. यहा के ताजे बहते पानी और विशाल झरने एक प्राकृतिक चमत्कार की तरह दिखते हैं, जो सैलानियों को अपनी सुंदरता से मंत्रमुग्ध कर देते हैं.

By Pratishtha Pawar | August 7, 2024 5:44 PM
an image

Karnataka Tourism: भारत के कर्नाटक में स्थित, शिवसमुद्रम जलप्रपात (Shivsamudram Waterfall) एक शानदार प्राकृतिक आश्चर्य है जिसने हाल ही में यात्रियों और प्रकृति प्रेमियों का ध्यान आकर्षित किया है.

मांड्या और चामराजनगर जिलों की सीमाओं पर फैला यह लुभावनी झरना प्रकृति की असीम सुंदरता और शक्ति का एक मनोरम प्रदर्शन प्रस्तुत करता है.

शिवसमुद्रम (Shivsamudram Waterfall), जिसे अक्सर भारत के सबसे खूबसूरत झरनों में से एक माना जाता है, इस विशाल झरने को कावेरी नदी बारिश के मौसम में फिर जीवंत कर देती है. कावेरी नदी के जल प्रवाह से निर्मित यह वॉटरफॉल बेहद ही खूबसूरत नजर आता है. यह झरना लगभग 98 मीटर (320 फीट) की अपनी प्रभावशाली ऊंचाई से गिरता है.

Shivsamudram waterfall

कर्नाटक के हरे भरे सुहाने दृश्य में यह वॉटरफॉल चार चांद लगा देता है.

शिवसमुद्रम जलप्रपात (Shivsamudram Waterfall) सिर्फ एक झरना नहीं है, बल्कि दो अलग-अलग झरनों का मिश्रण है – गगनचुक्की और भारचुक्की जलप्रपात. गगनचुक्की जलप्रपात की विशेषता उनके चौड़े, घोड़े की नाल के आकार के ढलान से है, जबकि भारचुक्की जलप्रपात अपने खंडित और बहु-स्तरीय स्वरूप के लिए जाने जाते हैं. इन दोनों वॉटरफॉल की खूबसूरती से शिवसमुद्रम जलप्रपात बनाता है.

Shivsamudram waterfall

शिवसमुद्रम जलप्रपात तक पहुंचना अपेक्षाकृत सरल है और एक सुखद है. निकटतम प्रमुख शहर बैंगलोर है, जो लगभग 140 किलोमीटर (87 मील) दूर स्थित है. बैंगलोर से, आगंतुक राज्य राजमार्ग 33 के माध्यम से सड़क मार्ग से यात्रा कर सकते हैं, जो झरने के लिए एक सीधा मार्ग प्रदान करता है. ट्रैफ़िक और सड़क की स्थिति के आधार पर ड्राइव में लगभग 3 से 4 घंटे लगते हैं. सार्वजनिक परिवहन पसंद करने वालों के लिए, बैंगलोर से पास के शहर शिवसमुद्रम तक अक्सर बसें चलती हैं, जहां से स्थानीय परिवहन या छोटी टैक्सी की सवारी आपको झरने तक ले जा सकती है.

अधिक मनोरंजक अनुभव के लिए, यात्री मानसून के मौसम में यहां आ सकते हैं,इस अवधि के दौरान, पानी की मात्रा अपने चरम पर होती है, जो झरने की भव्यता को बढ़ाती है. हालांकि, दिसंबर से फरवरी तक शुष्क मौसम के दौरान यात्रा करना भी एक शांत और कम भीड़ वाला अनुभव प्रदान करता है.

Also Read:Gujarat Tourism: गुजरात का यह वॉटरफाल है प्रकृति का खजाना-गिरमल वॉटरफाल

Also Watch:झारखंड: बारिश के बाद लोध फॉल जलप्रपात का नज़ारा 

Exit mobile version