ताज का कीजिए हॉट एयर बैलून से दीदार, हवा से दिखेगा खूबसूरत नजारा, मात्र इतना रुपए लगेगा किराया

आगरा आने वाले पर्यटक पहली बार खुले आसमान से ताजमहल को हवा से निहार सकेंगे. आगरा किला व अन्य स्मारकों सहित शहर की खूबसूरती को हवाई मार्ग से निहार सकेंगे. एयर बैलून का सुबह 5.30 बजे से पहली उड़ान शुरू होगी. जिनमें सात से आठ पर्यटक बैठ सकेंगे

By Sandeep kumar | February 24, 2024 11:38 AM

आगरा में ताज महोत्सव में इस बार हॉट एयर बैलून का नया रोमांच जुड़ेगा. यहां आने वाले पर्यटक पहली बार खुले आसमान से ताजमहल को हवा से निहार सकेंगे. आगरा किला व अन्य स्मारकों सहित शहर का हवाई नयनाभिराम दृश्य दिखेगा. हॉट एयर बैलून का किराया सोमवार यानी आज घोषित हो सकता है. आगरा विकास प्राधिकरण हॉट एयर बैलून की उड़ान कराएगा. सुबह 5.30 बजे से पहली उड़ान शुरू होगी. जिनमें सात से आठ पर्यटक बैठ सकेंगे. पहली उड़ान हॉट एयर बैलून को रस्सी से बांधकर होगी. जिसका किराया करीब 500 रुपए होगा. जबकि दूसरी उड़ान फ्री फॉल होगी. 11 सीढ़ी पार्क से हॉट एयर बैलून उड़ान भरेगा. दूसरी तरफ शिल्पग्राम या किसी अन्य स्थान पर उतरेगा. उतरने के स्थान को लेकर आगरा विकास प्राधिकरण के अधिकारियों में मंथन हो रहा है. फिलहाल एडीए उपाध्यक्ष चर्चित गौड़ ने बताया कि ताज महोत्सव से हॉट एयर बैलून की उड़ान नियमित हो जाएगी. यूपी में आगरा पहला जिला है, जहां हॉट एयर बैलून से पर्यटक ताजमहल, आगरा किला सहित विभिन्न स्मारक व शहर की खूबसूरती को हवाई मार्ग से निहार सकेंगे. बता दें कि ताज महोत्सव 17 से 27 फरवरी तक चलेगा.

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यमुना में दौड़ेगा क्रूज स्टीमर

मथुरा में गोकुल-से वृंदावन तक क्रूज संचालन के दौरान यमुना नदी किनारों पर ब्रज की पूरी धर्म-संस्कृति को प्रचारित किया जाएगा. पर्यटन के सापेक्ष स्थानीय रोजगार में भी वृद्धि को लक्ष्य बनाया जा रहा है. पर्यटकों के आने से कंठी-माला, ठाकुरजी की पोशाक, नौका-संचालन आदि से जुड़े लोगों को फायदा होगा. गोकुल से यमुना तक लगभग 22 किमी लंबा जलमार्ग है. इसके विकास की रूपरेखा तैयार कर ली गई है. कोशिश है कि यमुना किनारों को ऐसा बनाया जाए कि उन्हें देखकर श्रद्धालु-पर्यटकों को ब्रज की स्थानीय संस्कृति के दर्शन हों. इस बात पर भी जोर दिया जा रहा है कि इस मार्ग में क्रूज चलने के बाद छोटे-छोटे कारोबार करने वालों को इसका सीधा लाभ मिले.

दरअसल क्रूज संचालन से पर्यटकों की संख्या में वृद्धि की उम्मीद जताई जा रही है. इससे कंठी-माला, ठाकुरजी की पोशाक आदि के कारोबार को बढ़ावा मिलेगा. सबसे ज्यादा लाभ उन नाविकों को होगा, जो छोटी नाव या स्टीमर चलाते हैं, क्योंकि ब्रज में अधिकांश लोग यमुना में नौका विहार करना पसंद करते हैं. इसके अलावा चुनरी मनोरथ आदि भी नौकाओं से ही होता है. एमवीडीए के ओएसडी प्रसून द्विवेदी ने बताया है कि यमुना घाटों के सौंदर्यीकरण की कार्ययोजना शासन को भेजी गई है.यमुना में क्रूज चलने के बाद हर वर्ग के लिए जलमार्ग सुलभ और सुगम होगा. यानि जो लोग नाव पर सवारी करना चाहते हैं, वे नाव की सवारी करेंगे, जबकि मध्यम और धनाढ्य वर्ग के लोग अपनी क्षमता के अनुसार क्रूज पर सवारी कर सकते हैं. एक ओर नावों के सहारे चुनरी मनोरथ जैसे पारंपरिक कर्मकांड हो सकेंगे तो दूसरी ओर क्रूज पर सादगी भरी पार्टी भी हो सकेगी.

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इन स्थानों का होगा विकास

बता दें कि जुगल घाट, विहार घाट, केशी घाट, देवराहा बाबा घाट, पानीगांव, कंसकिला, स्वामी घाट, विश्राम घाट, सुदर्शन घाट, गोकुल घाट और गोकुल बैराज के समीप पर विकास कार्य कराए जाएंगे. वहीं एमवीडीए उपाध्यक्ष नगेंद्र प्रताप ने बताया कि यमुना में जलमार्ग विकसित किए जाने के क्रम में छोटी नौकाओं के संचालन को प्रोत्साहित किया जाएगा, ताकि स्थानीय नाविकों की आय में वृद्धि हो.

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