Jagannath Rath Yatra: ओडिशा का पुरी जिला भगवान जगन्नाथ की पावन भूमि है. आषाढ़ शुक्ल द्वितीया तिथि के दिन वर्ष में एक बार भगवान जगन्नाथ अपने भाई बलभद्र और बहन सुभद्रा के साथ अपने भक्तों को दर्शन देने रथ यात्रा पर निकलते हैं. इस दौरान देश-विदेश से श्रद्धालु भगवान के दर्शन करने के लिए पुरी आते हैं. रथ यात्रा के दौरान जब भगवान जगन्नाथ, बलभद्र और सुभद्रा के साथ अपने मंदिर से निकलते हैं तब पूरा पुरी शहर खचाखच लोगों की भीड़ से भर जाता है. सभी की मनोकामना बस भगवान की एक झलक देखकर उनका आशीर्वाद लेने की होती है. अगर आप भी इस साल रथ यात्रा में शामिल होने पुरी आ रहे हैं, तो आपको कुछ बातों का विशेष ध्यान रखना होगा.
यात्रा शुरू होने से पहले पहुंचे पुरी
अकसर देखा जाता है कि जिस दिन रथ यात्रा शुरू होती है, लोग उसी दिन पुरी पहुंचते हैं. ऐसे में संभावना है की थकान और देरी के कारण आपको रथ यात्रा के दौरान परेशानी हो. इसलिए बेहतर है अगर आप रथ यात्रा का हिस्सा बनना चाहते हैं,तो दो दिन पहले ही पुरी आ जाएं.
होटल और ट्रेन की करें प्री-बुकिंग
विश्व प्रसिद्ध रथ यात्रा भगवान जगन्नाथ का महत्वपूर्ण त्यौहार है, जिसमें शामिल होने देश-विदेश से पर्यटक आते हैं. इस दौरान रथ यात्रा का हिस्सा बनने के लिए लोग महीनों पहले ट्रेन में रिजर्वेशन करवा लेते हैं. मंदिर के आसपास मौजूद होटल और धर्मशालाएं भी रथ यात्रा शुरू होने के पहले ही बुक हो जाती हैं. ऐसे में अगर आप अंतिम समय में होटल और धर्मशाला ढूंढना चाहेंगे तो आपको दिक्कत हो सकती है. बेहतर होगा कि आप कुछ समय पहले ही होटल और धर्मशाला की बुकिंग कर ले.
धार्मिक कपड़े और शुद्ध भोजन का करें उपयोग
भगवान जगन्नाथ रथ यात्रा एक धार्मिक आयोजन है जिसमें लोग भगवान के प्रति अपनी श्रद्धा और भक्ति दिखाने के लिए शामिल होते हैं. ऐसे में इस बात का खास ध्यान रखना चाहिए कि रथ यात्रा के दौरान आप धार्मिक कपड़े पहने और आपका भोजन शुद्ध और सात्विक हो. किसी भी तरीके के अभद्र कपड़े पहनने से आपको यात्रा में शामिल होने से रोका जा सकता है.
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