UNESCO की विश्व धरोहर सूची में शामिल हुआ “अहोम मोइदम”, जानिए कैसे पहुंचे यहां

UNESCO Heritage Site: असम के चराईदेव में मौजूद है अहोम राजवंश का कब्रिस्तान. इस प्रसिद्ध ऐतिहासिक स्थल को देखने काफी संख्या में सैलानी पहुंचते हैं. हाल ही में यूनेस्को ने इसे विश्व धरोहर स्थल की सूची में शामिल किया है. तो आइए जानते हैं अहोमों के मोइदम तक कैसे पहुंचे.

By Rupali Das | July 28, 2024 2:30 PM

UNESCO Heritage Site: असम के ताई-अहोम वंश के शाही कब्रिस्तान को यूनेस्को की विश्व धरोहर सूची में शामिल किया गया है. इसे अहोम मोइदम के नाम से जाना जाता है, जो लगभग 95.02 क्षेत्रफल में फैला हुआ है. इस मोइदम के बफर जोन का इलाका लगभग 754.511 हेक्टेयर का है. अगर आप भी पूर्वोत्तर के पहले यूनेस्को विश्व धरोहर स्थल जाने का प्लान बना रहे हैं तो ये होगा आपका रूट.

असम के चराईदेव जिले में स्थित “अहोम मोइदम”, शाही परिवार का कब्रिस्तान है. यह मिस्र के पिरामिडों से मिलता-जुलता असम के कलाकारों की शानदार वास्तुकला का प्रतीक है. चराईदेव जिला गुवाहाटी शहर से लगभग 400 किलोमीटर दूर स्थित है. आप यहां ट्रेन, बस, कार, हवाई जहाज और कैब के माध्यम से आसानी से आ सकते हैं.

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भोजो और सिमलुगुरी स्टेशन है सबसे करीब

अहोमों के मोइदम का सबसे निकटतम रेलवे स्टेशन भोजो स्टेशन है, जहां से इसकी दूरी महज 6.3 किमी है. आप सिमलुगुरी रेलवे स्टेशन से भी चराईदेव आ सकते हैं, अहोम मोइदम से इस रेलवे स्टेशन की दूरी केवल 32 किलोमीटर है.

मोहनबाड़ी है नजदीकी एयरपोर्ट

चराईदेव जिले में स्थित अहोम मोइदम तक आने के लिए सबसे नजदीकी हवाई अड्डा डिब्रूगढ़ का मोहनबाड़ी है. इस हवाई अड्डे की मोइदम से दूरी लगभग 85 किलोमीटर है.

शिवसागर से है अच्छे संपर्क

आप सड़क के रास्ते अपनी गाड़ी या कैब के माध्यम से भी चराईदेव आ सकते हैं. असम के चराईदेव और शिवसागर शहर के बीच अच्छे संपर्क स्थापित हैं. इन दोनों शहर के बीच लगभग 28 किलोमीटर की दूरी है. आप शिवसागर से कैब या टैक्सी बुक कर अहोम मोइदम देखने आ सकते हैं. यहां आपके लिए सार्वजनिक परिवहन की सुविधा भी उपलब्ध है.

अहोम मोइदम असम का आकर्षक पर्यटन स्थल है. इसे देखने बड़ी संख्या में सैलानी चराईदेव पहुंचते हैं. यह असम का प्रसिद्ध ऐतिहासिक दर्शनीय स्थल है.

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