Patna Sahib: महाराजा रणजीत सिंह ने इस प्रसिद्ध इमारत का निर्माण करवाया था

Patna Sahib: तख्त श्री हरमंदिर जी जिसे पटना साहिब के नाम से भी जाना जाता है, सिख स्थापत्य कला का अनूठा उदाहरण है. यह विश्व प्रसिद्ध पर्यटन स्थल गुरु गोविंद सिंह का जन्म स्थान है. तो चलिए आज आपको बताते हैं पटना साहिब से जुड़ी कुछ विशेष बातें.

By Rupali Das | July 8, 2024 1:00 PM
an image

Patna Sahib: इतिहास का समृद्ध और वैभवशाली राज्य बिहार सभी धर्म के प्रमुख केंद्रों से संपन्न जगह है. यह वही जगह है जहां बोध गया, पावापुरी, राजगीर, नालंदा के खंडहर, बराबर गुफाएं, अशोक के शिलालेख, अगम कुआं, चंडिका स्थान सहित कई प्राचीन मंदिर और पुरानी इमारतें ऐतिहासिक धरोहर और विरासत के रूप में मौजूद हैं. इन्हीं में से एक है तख्त श्री हरमंदिर जी जो सिख समुदाय का दूसरा सबसे पवित्र तीर्थ स्थल है. यह उस स्थान पर बना हुआ है जहां गुरु गोविंद सिंह का जन्म हुआ था.

Patna Sahib: कहां मौजूद है यह गुरुद्वारा

विश्व प्रसिद्ध तख्त श्री हरमंदिर जी बिहार की राजधानी पटना के पटना सिटी में स्थित है. इस कारण इसे पटना साहिब के नाम से भी जाना जाता है. सिख धर्म के पांच पवित्र तख्त में से एक इस गुरुद्वारे का निर्माण महाराज रणजीत सिंह ने करवाया था. यहां आप रेल, सड़क और हवाई मार्ग से आ सकते हैं. यहां बड़ी संख्या में पर्यटक घूमने और अरदास करने आते हैं.

Also Read: West Bengal Tourism: ये शानदार समुद्र तट है कपल के लिए खास

Patna Sahib: सिख समुदाय से है जुड़ाव

तख्त श्री हरमंदिर जी सिख समुदाय की आस्था से जुड़ा एक ऐतिहासिक दार्शनिक स्थल. यह सिख धर्मावलम्बियों का प्रमुख पवित्र स्थल है. गुरु गोविंद सिंह के बचपन का नाम गोबिंदराय था. इस जगह का इतिहास गुरु नानक देव और गुरु तेग बहादुर सिंह की पवित्र यात्राओं से जुड़ा हुआ है. यह गुरूद्वारा दुनियाभर में फैले सिख समुदाय के लोगों के आस्था और विश्वास का केंद्र है. पटना साहिब में गुरु गोविंद सिंह से संबंधित कई प्रमाणिक वस्तुएं संजोकर रखी गई है. गुरुद्वारे में सुरक्षित इन वस्तुओं में गोविंद राय के बचपन का पालना, लोहे के तीर, तलवार, पादुका और ‘हुकुमनामा’ है. वैसे तो सालों भर पटना साहिब में पर्यटकों की भीड़ होती है, पर प्रकाशोत्सव के मौके पर पूरा गुरुद्वारा रोशनी और लोगों से जगमगा उठता है.

Also Read: आंखों की रोशनी कमजोर हो गई हो या कोई और दिक्कत, मुंगेर आइए…चंडिका मां सब दुख हर लेंगी

Exit mobile version