World Tourism Day 2024 : भारत एक ऐसी किताब है, जिसके हर पन्ने पर एडवेंचर है. हालांकि, यहां साहसिक खेलों का चलन दुनिया के अन्य देशों की तुलना में अपेक्षाकृत नया है, लेकिन बहुत तेजी से बढ़ा है, खासतौर पर युवाओं में. साहसिक खेलों में शुमार किया जानेवाले रिवर राफ्टिंग के प्रति युवाओं में क्रेज तेजी से बढ़ा है. रिवर राफ्टिंग ने न केवल एडवेंचर स्पोर्ट्स करनेवालों को, बल्कि आम यात्रियों और पर्यटकों को भी आकर्षित किया है. गरजती हुई नदियों की बहुतायत वाले भारत में आप कई रिवर राफ्टिंग स्थल आसानी से पा सकते हैं. इन जगहों की एक अन्य खासियत ये है कि इनमें से प्रत्येक स्थान अपनी प्राकृतिक सुंदरता के लिए सराहा जाता है.
गंगा नदी, ऋषिकेश
भारत में व्हाइट वॉटर रिवर राफ्टिंग के लिए ऋषिकेश सबसे शानदार स्थानों में से एक है. उत्तराखंड में गढ़वाल में बसा ऋषिकेश चार हिस्सों में गंगा नदी की तेज लहरों में राफ्टिंग की सुविधा प्रदान करता है. ऋषिकेश में रिवर राफ्टिंग का 16 किमी लंबा रास्ता है, जो शिवपुरी से लक्ष्मण झूला तक ले जाता है. गंगा नदी के इस क्षेत्र में सफेद रेत वाले नदी तटों और हिमालय की पर्वत श्रृंखलाएं के बीच आप प्राकृतिक सुंदरता का भी यादगार अहसास कर सकते हैं. गढ़वाल में ऋषिकेश से ऊपर पहाड़ों की ओर आगे बढ़ने पर दो अन्य स्थान हैं, जहां आप राफ्टिंग का आनंद ले सकते हैं, जैसे मंदाकिनी का 26 किमी लंबा खंड जो आपको चंद्रपुरी से रुद्रप्रयाग तक ले जाता है. इसके साथ बेहद खूबसूरत मानी जानेवाली हर्षिल घाटी में भागीरथी नदी में हर्षिल से झाला के बीच राफ्टिंग कर सकते हैं.
ब्यास नदी, कुल्लू मनाली
कुल्लू भारत में व्हाइट वॉटर राफ्टिंग के लिए सबसे लोकप्रिय स्थानों में से एक है. यहां ब्यास नदी के विस्तार पर आप रिवर राफ्टिंग का लुत्फ उठा सकते हैं. यह रैपिड्स उत्साही लोगों के लिए एक बेहद रोमांचक स्थान है. कुल्लू घाटी में रिवर राफ्टिंग पिरडी से शुरू होती है. यह आगे चलकर लगभग 14 किमी की दूरी तय करते हुए झिरी तक जाती है. ब्यास नदी के सुरम्य दृश्य और रैपिड्स का रोमांच के बीच आप इस जगह से यादगार अनुभव हासिल कर सकते हैं. एडवेंचर के शौकीन लोगों के लिए कुल्लू में एक जरूरी जगह है. जुलाई से सितंबर की अवधि को छोड़कर आप पूरे वर्ष यहां राफ्टिंग का आनंद ले सकते हैं.
तीस्ता रिवर, सिक्किम एवं दार्जिलिंग
सिक्किम की सबसे प्रसिद्ध नदी तीस्ता सिक्किम, दार्जिलिंग और कलिम्पोंग पहाड़ी क्षेत्र से होकर बहती है. तीस्ता नदी अलग-अलग तीव्रता के रैपिड्स की एक श्रृंखला के साथ रिवर राफ्टरों को एक रोमांचक अनुभव प्रदान करती है. यह भारत में एक बेहतरीन रिवर राफ्टिंग स्थल है. यहां नदी में रैपिड्स परिवर्तनशील हैं और काफी हद तक पानी के प्रवाह पर निर्भर करते हैं. यहां आप पैडल राफ्टिंग में भी हाथ आजमा सकते हैं. यहां राफ्टिंग का आनंद लेते समय विशेष रूप से देखने लायक एक जगह है, जहां तीस्ता नदी रंगीत नदी से मिलती है. तीस्ता नदी में राफ्टिंग केवल सर्दियों के महीनों यानी अक्तूबर से अप्रैल तक ही होती है. गर्मियों की शुरुआत या वसंत ऋतु यहां राफ्टिंग का आनंद लेने का अच्छा समय है.
सिंधु नदी, लद्दाख
यहां राफ्टिंग सीजन जुलाई से शुरू होता है और सितंबर के अंत तक चलता है. इस समयावधि में, सिंधु में जलस्तर काफी बढ़ जाता है, जिससे यह भारत में रिवर राफ्टिंग के लिए सबसे अच्छे स्थानों में से एक बन गया है. इस नदी में कई राफ्टिंग पॉइंट हैं, जैसे फे से निमो में सिंधु जांस्कर संगम तक. ये दोनों लेह के गांव हैं. उप्शी से निमो – उप्शी लेह मनाली राजमार्ग पर स्थित है और निमो लेह में एक गांव है. उप्शी से खारू – खारू कश्मीर का एक छोटा सा गांव है. सिंधु नदी में राफ्टिंग निश्चित रूप से जीवन में एक बार मिलने वाला अनुभव है, जिसे आप जीवन भर याद रखेंगे.
यमुना नदी, नैनबाग
उत्तराखंड से निकलने वाली यमुना नदी राफ्टिंग शौकीनों और अनुभवी राफ्टरों दोनों के लिए एक रोमांचक अनुभव प्रदान करती है. इसके दो खंड हैं -एक नैनबाग से जुड्डो तक और दूसरा यमुना पुल से जुड्डो तक. नैनबाग-जुड्डो खंड में 3 रैपिड्स हैं और यह राफ्टरों में सबसे लोकप्रिय हैं. भले ही गंगा देश में राफ्टिंग के लिए अधिक लोकप्रिय विकल्प बनी हुई है, हाल के वर्षों में कई लोग यमुना में राफ्टिंग अनुभव को तरजीह दे रहे हैं. यहां राफ्टिंग के लिए सबसे अच्छा समय मध्य सितंबर से मध्य जून तक है. नैनबाग एक सुंदर पहाड़ी शहर है, जो तीन जिलों टिहरी, उत्तरकाशी और देहरादून के संगम का प्रतीक है. मसूरी से नैनबाग की दूरी महज 41 किलोमीटर है.
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