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Vegan Diet: देशभर में बढ़ा वीगन डाइट का ट्रेंड, जानिए इसके फायदे और नुकसान

Vegan Diet: वीगन डाइट अपनाना आजकल एक नया ट्रेंड बन गया है. आजकल आपको हर कोई वीगन डाइट फॉलो करते हुए दिख जाएंगे. आइए जानते हैं क्या है वीगन डाइट और इसके क्या-क्या फायदे और नुकसान हैं...

Vegan Diet: आजकल दुनियाभर में वीगन डाइट का ट्रेंड चल रहा है. वीगन यानी शाकाहारी भोजन से भी एक कदम आगे. वीगन डाइट में सिर्फ मीट-मछली और अंडे ही नहीं बल्कि डेयरी प्रोडक्ट यानी दूध, दही, घी, पनीर आदि का सेवन भी प्रतिबंधित रहता है. इस डाइट में केवल अनाज, सब्जियां, फल, फलियां और ड्राय फ्रूट्स जैसी चीजें ही खायी जा सकती हैं. यह बदलाव सिर्फ शारीरिक खान-पान का नहीं, बल्कि पर्यावरण के प्रति सजग और आध्यात्मिकता को अपनाने जैसा है. वीगन कल्चर को अपनाने वाले लोगों का मानना है कि नॉन-वेज थाली को तैयार करने में कार्बन उत्सर्जन ज्यादा होता है. जबकि, पोषणयुक्त शाकाहारी भोजन को तैयार करने में कार्बन उत्सर्जन कम होता है. समय की भी बचत होती है. वहीं, कई युवा बेजुबान जानवरों की हत्या और शोषण न हो, इस कारण भी वीगन कल्चर अपना रहे हैं.

प्लांट बेस्ड फूड है वीगन डाइट

वीगन डाइट (Vegan Diet) को फॉलो करनेवाले लोग पशुओं से मिलनेवाले किसी भी उत्पाद जैसे मांस, अंडा, शहद, डेयरी उत्पादों का सेवन नहीं करते. दुनिया भर में पशु कल्याण, सेहत और बढ़ते वजन को घटाने के लिए वीगनिज्म को फॉलो किया जा रहा है. ऐसे में वीगन डाइट का पालन करनेवाले लोग पोषक तत्वों की पूर्ति के लिए अपने भोजन में सब्जी या प्राकृतिक उत्पादों को शामिल कर रहे हैं. ये चीजें पूरी तरह प्लांट बेस्ड हैं.

लाइफ स्टाइल प्रोडक्ट भी

लाइफ स्टाइल और ब्यूटी प्रोडक्ट में अब वीगनिज्म कल्चर दिखने लगा है. नेचुरल स्किन केयर प्रोडक्ट के रूप में लोग उन्हीं चीजों को अपना रहे हैं, जिसमें किसी तरह का फीस या एनिमल ऑयल न हो. कई मल्टीनेशनल कंपनियों ने इस बात को ध्यान में रखकर वीगन और ऑर्गेनिक प्रोडक्ट की रेंज लांच कर दी है. लोगों का मानना है कि वीगन प्रोडक्टस के इस्तेमाल से स्किन एलर्जी और अन्य त्वचा संबंधित समस्याएं दूर हो रही हैं. इसके अलावा अब लेदर बैग, बेल्ट, पर्स, जूते समेत अन्य प्रोडक्ट को तैयार करने में पॉलियूरेथेन यानी फैब्रिक लेदर का इस्तेमाल किया जा रहा है.

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70% रूक सकता है कार्बन उत्सर्जन

ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी ने एक शोध किया. इसमें पाया गया कि यदि एक व्यक्ति वीगन भोजन अपनाता है, तो वह कार्बन फुटप्रिंट में 73% की कमी कर लेता है. यदि कोई व्यक्ति एक माह के लिए वीगन होता है, तो वह मीट और डेयरी उत्पादन में लगने वाले 1.26 लाख लीटर पानी की भी बचत करता है. इस तरह अगर हर व्यक्ति वीगन हो जाए तो 70 प्रतिशत कार्बन उत्सर्जन रुक सकता है.

ये हैं दूध के विकल्प

  • सोया मिल्क : इसमें गाय के दूध के समान पोषण होता है. वीगन डाइट फॉलो करने वाले लोगों के लिए यह प्रोटीन और कैल्शियम का बड़ा स्रोत है. सोया मिल्क में आइसोफ्लेवोन्स और फाइटोस्टेरोल होते हैं, जो कैंसर सेल को नियंत्रित करते हैं. यह बाजार में पेय और पाउडर दूध के विकल्प में मौजूद है. इसकी कीमत 110 से 400 रुपये के बीच है.

  • राइस मिल्क : यह पूरी तरह लैक्टोज फ्री होता है. इसका स्वाद मीठा होता है, इसे लोग भोजन में फ्रेश मिल्क के विकल्प के रूप में इस्तेमाल करते हैं. इसकी कीमत 250 से 650 रुपये के बीच है.

  • पीनट बटर : इसे मूंगफली, गुड़, नमक और सोया तेल से तैयार किया जा सकता है. इसे प्रोटीन, आयरन और कैल्शियम का अच्छा स्रोत माना गया है. पैकेजिंग के आधार पर बाजार में इसकी कीमत ~140 से शुरू है.

  • कोकोनट मिल्क : नारियल के दूध का इस्तेमाल दक्षिण भारत के लोग अधिक करते हैं. इसे घी और दही का अच्छा विकल्प माना जाता है. इसका इस्तेमाल साग-सब्जी में स्वाद भरने के लिए किया जाता है. बाजार में यह पाउडर मिल्क के रूप में मौजूद है. इसकी कीमत 300 रुपये से 750 रुपये तक है.

  • आल्मंड मिल्क : यह बादाम दूध के नाम से आसानी से बाजार में उपलब्ध है. इसमें हेल्दी फैट होता है और प्रोटीन से भरपूर भी. शरीर में यह एंटीऑक्सीडेंट का काम करता है. इसकी कीमत 180 से 1500 रुपये के बीच है.

Benefits of Vegan Diet

यहां जानिए वीगन डाइट के क्या-क्या हैं फायदे 

  • वीगन डाइट से आसानी से वजन घटता है. कोरोना काल के बाद ज्यादातर लोग वजन घटाने के लिए वीगन डाइट को अपना रहे हैं. प्लांट फूड से एंटीऑक्सीडेंट्स की कमी पूरी होती है. इससे ब्लड प्रेशर को नियंत्रित रखने में मदद मिलती है.

  • एक रिसर्च के मुताबिक वीगन डायट अपनाकर कैंसर सेल को कंट्रोल किया जा सकता है. प्लांट बेस्ड फूड हृदय को स्वस्थ रखता है. इसके अलावा टाइप-टू डायबिटीज को नियंत्रित रखता है. इससे सूजन को कम करने में मदद मिलती है.

  • साग-सब्जी युक्त खाद्य पदार्थों से पौष्टिक और पोषक तत्वों की पूर्ति करना आसान है. इनमें प्रचुर मात्रा में फाइबर, एंटीऑक्सीडेंट, मैग्नीशियम, फोलेट, विटामिन ए, विटामिन सी और विटामिन इ उपलब्ध होते हैं. इनके नियमित सेवन से इम्युनिटी सिस्टम को मजबूती मिलती है. इससे लंबे समय से चली आ रही बीमारियों से भी निदान भी मिलता है.

Disadvantages of Vegan Diet

वीगन डाइट के नुकसान भी समझिए

  • मांसाहारी खाना न खाने से शरीर को हाई प्रोटीन नहीं मिल पाता, जो मांसपेशियों के लिए जरूरी है. वीगन डाइट मसल लॉस का कारण बनता है.

  • पोषक तत्व व खनिज न मिलने पर शारीरिक कमजोरी और एनीमिया का खतरा बना रहता है. इसके अलावा, पाचन तंत्र की सामान्य समस्या हो सकती है.

  • मांसाहारी खाना या डेयरी प्रोडक्ट में पोषक तत्व प्रचुर मात्रा में होते हैं. वहीं प्लांट बेस्ड खाद्य पदार्थों से इन पोषक तत्वों की पूर्ति नहीं हो पाती. इससे समय-समय पर शरीर में विटामिन बी-12, विटामिन बी-टू, विटामिन डी, कैल्शियम, प्रोटीन, ओमेगा-3, जिंक जैसे पोषक तत्वों की कमी हो सकती है.

फिट रहने के लिए ये सितारे अपना रहे वीगन लाइफस्टाइल

  • सोनम कपूर

  • अक्षय कुमार

  • आमीर खान

  • शाहिद कपूर

  • जैकलिन फर्नांडीस

  • कंगना रनौत

  • करीना कपूर

  • आलिया भट्ट

रिपोर्ट : अभिषेक रॉय, रांची

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