19.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

Jungle Safari : कुछ अनोखे चिड़ियाघर, जहां हर वर्ष पहुंचते हैं लाखों पर्यटक, कहां है दुनिया का पहला जू?

क्या आपको पता है कि दुनिया का सबसे पहला चिड़ियाघर कहां है? चिड़ियाघर वन्यजीव प्रेमियों की पसंदीदा जगहों में से एक होती है. चिड़ियाघरों में न केवल अलग-अलग प्रजाति के जीवों को देखने का मौका मिलता है, बल्कि उनके बारे में जानने-समझने का भी मौका मिलता है.

Jungle Safari : गर्मियों की शुरुआत हो चुकी है. ऐसे में आप अपने बच्चों के ज्ञानवर्धन व मनोरंजन के लिहाज से चिड़ियाघर घूमने का भी प्लान बना रहे होंगे. जैव विविधता के संरक्षण में चिड़ियाघर की भूमिका बेहद महत्वपूर्ण होती है. दुर्लभ व लुप्तप्राय जीव प्रजातियों के लिए यह एक सुरक्षित आश्रय स्थल भी होते हैं. जूलॉजिस्ट व वैज्ञानिकों के लिए भी शोध और परीक्षण के लिहाज से चिड़ियाघरों का खास महत्व है. विलुप्ति की कगार पर जा चुके जीवों की संख्या को भी बढ़ाने की कोशिश भी यहां की जाती है. इसके लिए कई चिड़ियाघर आपसी सामंजस्य से कई दुर्लभ जीव-जंतुओं का आदान-प्रदान भी करते हैं. ऐसे ही कुछ अनोखे चिड़ियाघर के बारे में जानिए, जिन्हें देखने बड़ी संख्या में लोग पहुंचते हैं.

बर्लिन जूलॉजिकल गार्डन, जर्मनी

84 एकड़ में फैले इस चिड़ियाघर में जानवरों की लगभग 1,500 प्रजातियां हैं. बर्लिन के टियरगार्डन का यह चिड़ियाघर वर्ष 1844 में खोला गया था. यह जर्मनी का सबसे पुराना चिड़ियाघर भी है. इसमें लगभग 19,500 जीव-जंतु हैं. आंकड़ों के मुताबिक, हर साल तीन लाख से ज्यादा लोग इस चिड़ियाघर को देखने आते हैं.

सैन डिएगो चिड़ियाघर, अमेरिका

यूएसए के कैलिफोर्निया स्थित, सैन डिएगो चिड़ियाघर को इस तरह तैयार किया गया कि जैसे- हर जानवर को प्राकृतिक आवास में रहने का एहसास हो. संरक्षण के प्रति अपनी प्रतिबद्धता के लिए प्रसिद्ध इस चिड़ियाघर में 650 से अधिक प्रजातियों के हजारों जानवरों को रखा गया है. पर्यटक यहां विशेष रूप से विशाल पांडा और कैलिफोर्निया कोंडोर जैसी लुप्तप्राय प्रजातियों को देखने आते हैं.

कोलंबस चिड़ियाघर और एक्वेरियम

अमेरिकी राज्य ओहायो के पॉवेल में स्थित इस चिड़ियाघर में हर साल 23 लाख से ज्यादा लोग आते हैं. अमेरिका ने कई मौकों पर इस चिड़ियाघर को सर्वोच्च दर्जा दिया है. यह चिड़ियाघर 580 एकड़ में फैला है. इस चिड़ियाघर में लगभग 750 प्रजातियों के 9 हजार से ज्यादा जीव-जंतु मौजूद हैं.

टोरंटो चिड़ियाघर, कनाडा

यह जू वर्ष 1974 में कनाडा के टोरंटो में खोला गया था. यह लगभग 710 एकड़ भू-भाग पर फैला है. इस चिड़ियाघर को सात हिस्सों में बांटा गया है, जिसमें विश्व के विभिन्न हिस्सों से लाये गये पशु-पक्षी रखे गये हैं. यहां 491 प्रजातियों के 5,000 से ज्यादा जानवर हैं.

बीजिंग चिड़ियाघर, चीन

यह चीन के सबसे पुराने चिड़ियाघरों में से एक है. यह चीन के दुर्लभ जानवरों का घर है. बीजिंग चिड़ियाघर 219 एकड़ में फैला है. इसका निर्माण वर्ष 1906 में हुआ था. इस जू में जानवरों की 950 से अधिक प्रजातियां हैं. चिड़ियाघर के पसंदीदा जानवर दक्षिण चीनी बाघ, चीनी घड़ियाल और चीनी ग्रेट सैलामेंडर हैं. इसके अलावा पर्यटक यहां विशाल पांडा मंडप देख सकते हैं, जो इस लुप्तप्राय प्रजाति के संरक्षण के लिए समर्पित है. यहां हर साल लगभग छह लाख दर्शक आते हैं.

मॉस्को चिड़ियाघर, रूस

वर्ष 1864 में मॉस्को में स्थापित यह चिड़ियाघर दुनियाभर के प्राचीनतम चिड़ियाघरों में से एक है. लगभग 53 एकड़ में फैले इस चिड़ियाघर में जानवरों की लगभग 900 से ज्यादा प्रजातियां हैं. साथ ही जीव-जंतुओं की कुल संख्या 7,500 के करीब है. वर्ष 1990 में इस चिड़ियाघर में एक पैदल पुल बनाया गया, जिसने चिड़ियाघर के दो हिस्सों को जोड़ा. नये चिड़ियाघर में समुद्री मछलीघर भी है.

लंदन चिड़ियाघर, यूनाइटेड किंगडम

यह चिड़ियाघर दुनिया का सबसे पुराना वैज्ञानिक चिड़ियाघर है, जिसकी स्थापना वर्ष 1828 में वैज्ञानिक अध्ययन के लिए की गयी थी. यह 36 एकड़ जमीन पर बना है. यहां जानवरों की 750 से अधिक प्रजातियां और 16,000 से ज्यादा जानवर हैं. इस चिड़ियाघर द्वारा सुमात्रा के बाघ को बचाने की मदद के लिए टाइगर एसआरएस कार्यक्रम चलाया गया था.

लीपजिग चिड़ियाघर, जर्मनी

यह दुनिया के किसी भी अन्य चिड़ियाघर से बहुत अलग है. आधुनिक तकनीकों के इस्तेमाल से यहां वर्षा वन (जंगल) बसाया गया है. इस वजह से यहां विलुप्त होने की कगार पर पहुंचे जानवर सुरक्षित माहौल में जी पा रहे हैं और अपनी आबादी भी बढ़ा रहे हैं. यहां बारिश के पानी को जमा किया जाता है. यहां तकनीक के इस्तेमाल के तौर पर सौर ऊर्जा का उपयोग किया जाता है. जब कभी काफी गर्मी हो जाती है, तो छत में लगी प्लेटों को खोल कर हवा को रेगुलेट किया जाता है.

अरिनगर अन्ना जुलॉजिकल पार्क, चेन्नई

लगभग 1300 एकड़ में फैला यह अपने देश का सबसे बड़ा जू है. यह भारत का पहला पब्लिक जू भी है. इसकी शुरुआत वर्ष 1855 में हुई थी. इस जू में 1500 से ज्यादा जीव-जंतुओं की प्रजातियां मौजूद हैं. इसके साथ ही 2,553 प्रजातियों के पेड़-पौधों से भी यह जू गुलजार है. इसे पहले मद्रास जू के नाम से जाना जाता था, इसके बाद इसका नाम बदल कर तमिल नेता अरिनगर अन्ना के नाम पर कर दिया गया.

नंदनकानन चिड़ियाघर, ओड़िसा

990 एकड़ में फैला यह चिड़ियाघर काफी खूबसूरत है. नंदनकानन का ही अर्थ होता है स्वर्ग का उद्यान. ओड़िसा यह चिड़ियाघर कई दुर्लभ जंगली जीवों का निवास स्थान है, जिनमें भारतीय अजगर, सफेद बाघ, भारतीय छिपकली, मगरमच्छ, एशियाई शेर आदि शामिल हैं. इस चिड़ियाघर में 14 एक्वेरियम मौजूद हैं, जिनमें खूबसूरत रंगीन मछलियां मौजूद हैं, जिन्हें देख कर खास कर बच्चे काफी ज्यादा उत्साहित हो जाते हैं. इस पार्क को वर्ष 1960 में बना कर तैयार किया गया था.

कहां है दुनिया का सबसे पहला जू

इतने चिड़ियाघरों के बारे में जानने के बाद आपके मन में यह सवाल जरूर आया होगा कि दुनिया का सबसे पहला चिड़ियाघर कहां बना था. ईसा पूर्व के वर्षों में मिस्र व चीन में राजाओं द्वारा जू बनाये जाने के उल्लेख मिलते हैं, लेकिन ऑस्ट्रिया के विएना में स्थित चिड़ियाघर, दुनिया का सबसे पुराना जू है. उसे वहां के सम्राट फ्रेंज जोसेफ ने अपनी पत्नी मरिया थेरेसा के लिए वर्ष 1752 में बनवाया था. आम जनता के लिए संसार का सबसे पहला चिड़ियाघर वर्ष 1793 में पेरिस में बनाया गया.

Also Read : Global Warming Study : तेजी से पिघल रहा है ग्लेशियर, पृथ्वी को बचाने में आप ऐसे दें अपना योगदान

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें