Indira Gandhi Death Anniversary: पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की आज पुण्यतिथि है. हम आज आपके लिए लेकर आए हैं भारत की पहली महिला प्रधानमंत्री और भारत की सबसे सशक्त प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के अनमोल विचार, जो किसी भी व्यक्ति को जीवन में आगे बढ़ने की तथा दृढ़ मजबूत रहने की प्रेरणा देंगे
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जब कभी भी आप एक कदम आगे बढ़ाते हैं, आप किसी न किसी को डिस्टर्ब करते हैं.
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हमें यह नहीं भूलना चाहिए कि भारत में ताकत का प्रतीक एक महिला है – शक्ति की देवी.
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क्रोध कभी बिना तर्क के नहीं होता, लेकिन कभी -कभार ही एक अच्छे तर्क के साथ.
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मेरे पिता एक राजनीतिक व्यक्ति और संत थे लेकिन मैं केवल एक राजनैतिक औरत हूँ.
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मेरे सभी खेल राजनीतिक खेल होते थे, मैं जोन ऑफ आर्क की तरह थी, मुझे हमेशा दांव पर लगा दिया जाता था.
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एक देश की ताकत, अंततः इस बात में निहित है कि वो खुद क्या कर सकता है, इसमें नहीं कि वो औरों से क्या उधार ले सकता है.
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अगर मैं एक हिंसक मौत मरती हूँ, जैसा की कुछ लोग डर रहे हैं और कुछ षड्यंत्र कर रहे हैं, मुझे पता है कि हिंसा हत्यारों के विचार और कर्म में होगी, मेरे मरने में नहीं.
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शहादत कुछ खत्म नहीं करती, वो महज शुरूआत है.
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क्षमा वीरों का गुण है.
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कुछ करने में पूर्वाग्रह है – चलिए अभी कुछ होते हुए देखते हैं. आप उस बड़ी योजना को छोटे -छोटे चरणों में बाँट सकते हैं और पहला कदम तुरंत ही उठा सकते हैं.
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मेरे दादा जी ने एक बार मुझसे कहा था कि दुनिया में दो तरह के लोग होते हैं. पहले वो जो काम करते हैं और दूसरे वो जो श्रेय लेते हैं. उन्होंने मुझसे कहा था कि पहले समूह में रहने की कोशिश करो, वहां बहुत कम प्रतिस्पर्धा है.
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यदि देश की सेवा करते हुए मेरी मृत्यु भी हो जाये तो मुझे इसका गर्व होगा. मुझे पूरा विश्वास है कि मेरे खून का एक-एक कतरा राष्ट्र के विकास में योगदान और इसे सुदृढ़ और उर्जावान बनाएगा.
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कभी भी किसी दीवार को तब तक ना गिराओ, जब तक कि आपको ये पता ना हो कि यह किस काम के लिए खड़ी की गई थी.
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लोग अपने कर्तव्यों को भूल जाते हैं पर अधिकारों को याद रखते हैं.
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प्रश्न कर पाने की क्षमता ही मानव प्रगति का आधार है.
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भारत में कोई राजनेता इतना साहसी नहीं है कि वो लोगों को यह समझाने का प्रयास कर सके कि गायों को खाया जा सकता है.
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आप बंद मुट्ठी से हाथ नहीं मिला सकते.
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संतोष प्राप्ति में नहीं, बल्कि प्रयास में होता है. पूरा प्रयास पूर्ण विजय है.
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साहस के बगैर आप कोई अच्छा काम नहीं कर सकते हैं. आप के पास अलग-अलग तरह के साहस होने चाहिए. पहला साहस तो बौद्धिकता का साहस है. आपको विभिन्न मूल्यों से छांटकर पता करना है कि कौन सा आपके लिए सही है जिसका आपको पालन करना चाहिए. आपको अपने रास्ते में आने वाली चीजों के खिलाफ खड़े होने का नैतिक साहस चाहिए.