Vastu Remedies: बाथरूम में डर लगने की समस्या को वास्तु के ये उपाय करेंगे दूर
Vastu Remedies: अगर आपको बाथरूम में घबराहट या डर महसूस होता है, इन उपायों को अपनाने से बाथरूम में डर नहीं लगेगा और आप वहां एक सकारात्मक माहौल महसूस करेंगे. वास्तु के ये सरल उपाय अपनाएं.
Vastu Remedies: अगर आपको बाथरूम में जाते वक्त अजीब सा डर लगता है, तो आप अकेले नहीं हैं. बाथरूम में डर लगने की समस्या एक आम बात है, जो कई लोगों को कभी न कभी महसूस होती है. बहुत से लोग इस समस्या का सामना करते हैं. कई बार बाथरूम के अंधेरे या तंग जगह में घुसते ही दिल में अजीब सी घबराहट महसूस होती है. यह डर कहीं न कहीं मानसिक स्थिति से जुड़ा हो सकता है. लेकिन वास्तुशास्त्र के अनुसार इसका संबंध नकारात्मक ऊर्जा और वास्तु दोष से भी हो सकता है. इसके लिए वास्तुशास्त्र में कई उपाय बताए गए हैं, इन उपायों को अपनाने से बाथरूम में डर नहीं लगेगा और आप वहां एक सकारात्मक माहौल महसूस करेंगे. तो आइए जानते हैं बाथरूम से डर को दूर करने के कुछ सरल वास्तु उपाय.
बाथरूम का दरवाजा हमेशा बंद रखें
वास्तुशास्त्र के अनुसार, बाथरूम का दरवाजा हमेशा बंद रखना चाहिए, खासकर तब जब वह इस्तेमाल में न हो. बाथरूम से निकलने वाली नकारात्मक ऊर्जा घर के अन्य हिस्सों में फैल सकती है, जो कि परिवार के सदस्यों के स्वास्थ्य और मानसिक शांति पर असर डालती है. इसीलिए, यह सुनिश्चित करें कि बाथरूम का दरवाजा हमेशा बंद हो. इसके अलावा, बाथरूम का दरवाजा खोलते या बंद करते समय ध्यान रखें कि वह चिटक न जाए, क्योंकि यह भी नकारात्मक ऊर्जा का संकेत हो सकता है.
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सही स्थान पर दर्पण लगाएं
वास्तु शास्त्र में दर्पण का सही स्थान महत्वपूर्ण होता है. बाथरूम में दर्पण को इस तरह लगाना चाहिए कि वह सीधे दरवाजे के सामने न हो दरवाजे के सामने दर्पण होने से आपके मन में अनावश्यक डर और असुरक्षा का अहसास हो सकता है. दर्पण को बाथरूम के एक तरफ लगाना बेहतर रहेगा, जिससे यह आरामदायक लगे.
नमक का उपयोग करें
वास्तुशास्त्र में नमक को नकारात्मक ऊर्जा को सोखने वाला माना गया है. आप एक छोटे बर्तन में समुद्री नमक या सेंधा नमक लेकर बाथरूम के एक कोने में रख सकते हैं. यह नकारात्मक ऊर्जा को सोखने का काम करता है. समय-समय पर इस नमक को बदलते रहें. इसके अलावा, अगर आप चाहें तो नमक को पानी में घोलकर बाथरूम की सफाई भी कर सकते हैं. इससे बाथरूम में सकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह बढ़ता है और डर का एहसास कम होता है.
बाथरूम का रंग
वास्तु शास्त्र के अनुसार, बाथरूम के रंग का आपकी मानसिक स्थिति पर सीधा असर पड़ता है. अंधेरे और गहरे रंगों से बचना चाहिए क्योंकि ये भावनात्मक असंतुलन और डर को बढ़ा सकते हैं. इसके बजाय, हल्के रंग जैसे कि सफेद, हल्का नीला, या हल्का हरा उपयोग करें. ये रंग न केवल बाथरूम को ज्यादा रोशन बनाते हैं, बल्कि आपके मन को भी शांति प्रदान करते हैं.
बाथरूम की सफाई और स्वच्छता बनाए रखें
बाथरूम को हमेशा साफ और स्वच्छ रखें. गंदा बाथरूम नकारात्मक ऊर्जा का मुख्य स्रोत माना जाता है. अगर बाथरूम में दुर्गंध आती है, या पानी का निकास सही तरीके से नहीं हो रहा है, तो यह समस्या को और बढ़ा सकता है. इसलिए, रोजाना बाथरूम की सफाई पर ध्यान दें और समय-समय पर उसे अच्छी तरह से धोएं. अगर बाथरूम में सीलन है तो उसे तुरंत ठीक कराएं, क्योंकि यह भी नकारात्मक ऊर्जा को आकर्षित करता है.
सकारात्मक ऊर्जा के तत्व
बाथरूम में सकारात्मक ऊर्जा बढ़ाने के लिए कुछ छोटे-छोटे उपाय किए जा सकते हैं. जैसे कि एक छोटा पौधा, ताजे फूल या अच्छी खुशबू वाले एयर फ्रेशनर का उपयोग करें. यह चीजें आपके बाथरूम को जीवंत और सकारात्मक बना सकती हैं. पौधों को खासकर उत्तर या पूर्व दिशा में रखना अच्छा होता है क्योंकि यह सकारात्मक ऊर्जा को आकर्षित करता है.
बाथरूम में हवादार खिड़की लगवाएं
अगर बाथरूम में हवादार खिड़की नहीं है, तो बाथरूम का माहौल और भी डरावना लग सकता है. प्राकृतिक रोशनी और ताजगी के लिए बाथरूम में खिड़की होना जरूरी है. अगर आपके बाथरूम में खिड़की नहीं है, तो आप वेंटिलेशन के लिए एक एग्जॉस्ट फैन भी लगवा सकते हैं. यह ताजगी और हवा का प्रवाह बनाए रखने में मदद करता है, जिससे नकारात्मक ऊर्जा बाहर निकल जाती है और बाथरूम में प्रवेश करते ही घबराहट महसूस नहीं होती.