Vastu Tips for Home Enterance: दिवाली का त्यौहार (Diwali Festival) न केवल प्रकाश और खुशियों का पर्व है, बल्कि यह हमारे पारंपरिक रीति-रिवाजों और धार्मिक विश्वासों से भी जुड़ा हुआ है. इस मौके पर घरों को सजाने की परंपरा का विशेष महत्व होता है. तोरण, विशेष रूप से आम के पत्तों की, इस सजावट का अहम हिस्सा मानी जाती है. वास्तु शास्त्र के अनुसार, आम के पत्तों की तोरण न केवल सौंदर्य में वृद्धि करती है, बल्कि सकारात्मक ऊर्जा और शुभता का प्रतीक मानी जाती है.
आम के पत्तों की तोरण का महत्व
1. सकारात्मक ऊर्जा का संचार
आम के पत्तों को हमेशा से ही शुभ माना गया है. जब इन्हें घर के मुख्य द्वार पर तोरण के रूप में लटकाया जाता है, तो यह सकारात्मक ऊर्जा का संचार करती हैं. यह नकारात्मक ऊर्जा को दूर करती हैं और घर में शांति और समृद्धि लाती हैं.
2. धार्मिक महत्व
हिंदू धर्म में आम के पत्तों का विशेष स्थान है. इनका उपयोग पूजा-पाठ में भी किया जाता है, और दिवाली जैसे पवित्र पर्व पर तोरण लगाना शुभ माना जाता है. यह धार्मिक रूप से भी महत्वपूर्ण है क्योंकि इसे देवी लक्ष्मी की कृपा प्राप्ति का प्रतीक माना जाता है.
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3. वास्तु शास्त्र के अनुसार
वास्तु शास्त्र के अनुसार, आम के पत्तों की तोरण को घर के मुख्य द्वार पर लगाने से घर में शुद्ध और सकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह होता है. यह घर में सुख-शांति बनाए रखने के साथ-साथ घर के सभी सदस्यों की सेहत और समृद्धि को भी सुनिश्चित करती है.
4. बुरी नजर से बचाव
आम के पत्तों की तोरण को बुरी नजर से बचाने का भी उपाय माना जाता है. यह घर के अंदर नकारात्मक शक्तियों को प्रवेश करने से रोकती है और परिवार को सुरक्षा प्रदान करती है.
5.सजावट का हिस्सा
आम के पत्तों की तोरण न केवल धार्मिक और वास्तु संबंधी महत्व रखती है, बल्कि यह घर की सजावट में भी चार चांद लगाती है. यह पारंपरिक सजावट का एक सुंदर हिस्सा होती है, जो घर को त्यौहार के रंग में रंग देती है.
दिवाली पर आम के पत्तों की तोरण लगाना सिर्फ एक धार्मिक परंपरा नहीं, बल्कि यह हमारे घरों में सुख, शांति, और समृद्धि लाने का एक अहम माध्यम है. वास्तु शास्त्र के अनुसार, यह सकारात्मक ऊर्जा को आकर्षित करती है और बुरी नजर से बचाव करती है. ऐसे में इस दिवाली, अपने घर को आम के पत्तों की तोरण से सजाएं और त्यौहार की खुशियों को बढ़ाएं.
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