पश्चिम बंगाल में दुर्गा पूजा की तैयारी : कारीगरों को मूर्ति बनाने के लिए आयोजक कर रहे अग्रिम भुगतान
कोलकाता के सबसे बड़े दुर्गा पूजा पंडालों में से एक ‘कॉलेज स्क्वायर सार्वजनीन दुर्गा पूजा’ ने कुम्हारटोली में अपनी मूर्ति के लिए बुकिंग की और पंडाल की सजावट करने वाले तथा बिजली व्यवस्था करने वालों को भी अग्रिम भुगतान कर दिया.
पश्चिम बंगाल के सबसे बड़े उत्सव दुर्गा पूजा की तैयारी शुरू हो गयी है. पूजा का आयोजन करने वाली संस्थाओं ने चार महीने पहले ही कारीगरों को मूर्तियां, पंडाल बनाने और रोशनी की व्यवस्था करने का जिम्मा सौंपना शुरू कर दिया है. दुर्गा पूजा से जुड़े लोगों ने उत्तर कोलकाता में मूर्तियां बनाने के लिए मशहूर बस्ती कुम्हारटोली में कारीगरों को रथ यात्रा के दिन अग्रिम भुगतान कर दिया. रथ यात्रा को पवित्र अवसर माना जाता है. इसलिए आयोजकों ने इस दिन मूर्तियां बनाने के लिए अग्रिम भुगतान किया है.
मूर्ति बनाने वाले और पंडाल सजाने वालों को मिला काम
राजधानी कोलकाता के सबसे बड़े दुर्गा पूजा पंडालों में से एक ‘कॉलेज स्क्वायर सार्वजनीन दुर्गा पूजा’ ने कुम्हारटोली में अपनी मूर्ति के लिए बुकिंग की और पंडाल की सजावट करने वाले तथा बिजली व्यवस्था करने वालों को भी अग्रिम भुगतान कर दिया. कॉलेज स्क्वायर पूजा समिति के प्रवक्ता विकास मजूमदार ने कहा, ‘पिछले वर्षों की तरह, हमने अपने मूर्तिकार सनातन रुद्र पॉल को उनकी कार्यशाला में अग्रिम राशि देकर रथ यात्रा के दिन से दुर्गा पूजा की तैयारियां शुरू कर दी हैं. हमने पंडाल निर्माता और इलेक्ट्रीशियन को भी कुछ धन राशि दे दी है.’
20 अक्टूबर से इस साल शुरू होगी दुर्गा पूजा
कोलकाता के सबसे बड़े आयोजकों में शुमार मोहम्मद अली पार्क के कर्ता-धर्ता ने रथ यात्रा वाले दिन ‘खूंटी पूजा’ कर इस सालाना उत्सव दुर्गा पूजा की तैयारियों की शुरुआत की. ‘खूंटी पूजा’ में पंडाल लगाने में इस्तेमाल बांस के खंभों की पूजा की जाती है. इस साल 20 अक्टूबर से शुरू होने वाली दुर्गा पूजा के दौरान पंडाल में देवी की मूर्ति स्थापित की जाती है.
रथ यात्रा के दिन हुई 1000 मूर्तियों की बुकिंग
संतोष मित्र स्क्वायर जैसी बड़े बजट वाली पूजा की मूर्तियां बनाने के लिए पहचाने जाने वाले कुम्हारटोली के प्रख्यात मूर्तिकार मिंटू पॉल ने बताया कि उन्हें रथ यात्रा वाले दिन 10 पूजा पंडालों के लिए बुकिंग मिली है. कुम्हारटोली मृतशिल्पी समिति के एक प्रवक्ता ने बताया कि रथ यात्रा वाले दिन बस्ती में विभिन्न कार्यशालाओं में कम से कम 1,000 मूर्तियों की बुकिंग की गयी है.