UV Rays से कैसे करें बचावः ये किरणें आंखों और त्वचा को पहुंचाती हैं नुकसान, जानें लें ये TIPS

सूरज से मुख्य रूप से तीन प्रकार की विकिरणें निकलती हैं. इनमें अल्ट्रा-वायलेट यानी यूवी-ए, यूवी-बी और यूवी-सी शामिल हैं. यूवी-ए और यूवी-बी मनुष्य की सेहत पर गहरा प्रभाव डालती हैं, जबकि यूवी-सी से कोई खास फर्क नहीं पड़ता. इन किरणों से बच्चों को बचाना बेहद जरूरी है. विशेषज्ञों ने इसके उपाय बताए हैं.

By Sameer Oraon | September 2, 2022 10:53 AM

यूवी किरणें (Ultraviolet Radiation) : यूवी किरणों का हमारी सेहत पर गहरा प्रभाव पड़ता है. इसका सीधा प्रभाव हमारी आंखों पर पड़ता है. ये किरणें हमें कई तरह के नुकसान पहुंचाती हैं. हमारी आंखें शरीर के सबसे महत्वपूर्ण अंगों में से एक है. यह सबसे ज्यादा कमजोर और संवेदनशील भी होती है. ऐसे में पृथ्वी की सतह तक पहुंचने वाली यूवी विकिरण के बढ़ते स्तर से बचने के लिए आवश्यक सावधानियां बरतने की जरूरत है.

यूवी किरणें क्या है?

यूवी विकिरण यानी Ultraviolet Radiation या पराबैंगनी प्रकाश भी कहते हैं. बताएं आपको कि सूरज की रोशनी में तीन प्रकार की विकरणें होती है- यूवी-ए, यूवी-बी और यूवी-सी. इनमें यूवी-सी ओजोन परत द्वारा अवशोषित होता है और इसमें कोई जोखिम नहीं होता है. यह यूवी-ए और यूवी-बी विकिरण है, जो आंखों और दृष्टि को प्रतिकूल रूप से प्रभावित करता है. यूवी विकिरणों में इन्फ्रारेड, दृश्यमान प्रकाश और अल्ट्रावायलेट. लेजर, कमाना बिस्तर (Tanning Bed) और वेल्डिंग मशीन जैसे कृत्रिम स्रोत भी यूवी विकिरण उत्सर्जित करते हैं.

यूवी किरणों से सुरक्षा

कई बार लोगों को तेज धूप में भी बाहर समय बिताना अच्छा लगता है. ऐसे में उन लोगों को और खासकर बच्चों को सूरज की पराबैंगनी किरणों से बचाव जरूरी है. विशेषज्ञों के अनुसार, पराबैंगनी प्रकाश (यूवी किरणें) के संपर्क में आने से त्वचा कैंसर और अंधापन जैसी बीमारी होती है. हालांकि, यह भी माना जाता है कि सूर्य का प्रकाश विटामिन डी का उत्पादन करता है, जो मजबूत और स्वस्थ हड्डियों को कैल्शियम मुहैया कराने में सहायता करता है. ऐसे में हर किसी को सूर्य की रोशनी के संपर्क में रहना पड़ता है. डॉक्टर और विशेषज्ञों की सलाह को मानें, तो सूरज की पहली किरण यानी सुबह की ताजी धूप ही सेहत के लिए लाभकारी है. वहीं, दोपहर की चिलचिलाती धूप हमारी सेहत, स्कीन और आंखों पर गहरा प्रभाव डालती है.

यूवी किरणों से त्वचा कैंसर, मोतियाबिंद, और जल्दी बुढ़ापा कुछ ऐसी स्थितियां हैं, जिनकी रोकथाम के उपायों जैसे यूवी जोखिम को कम करने या समाप्त करने में मदद की जा सकती है.

इन 4 लक्षणों से ऐसे करें सनबर्न की पहचान

सनबर्न की पहचान करने के लिए त्वचा रोग विशेषज्ञों की ओर से आम तौर पर चार प्रकार के लक्षण बताए गए हैं. इन लक्षणों से सनबर्न की पहचान करना आसान हो जाता है.

  • त्वचा लाल हो जाती है

  • यह प्रभावी तौर पर गर्म और तंग है

  • त्वचा में कुछ दर्द और परेशानी हो सकती है

  • एक गंभीर सनबर्न के परिणामस्वरूप छाले और त्वचा छिल सकती है

यूवी किरणों से त्वचा की रक्षा करने के 7 तरीके

  1. यूवीए और यूवीबी किरणों से खुद को बचाने के लिए, व्यापक स्पेक्ट्रम वाले सनस्क्रीन पर नरमी से थपकी दें जो पानी प्रतिरोधी हो और जिसमें कम से कम 30 का एसपीएफ़ हो.

  2. जब भी संभव हो, सुरक्षात्मक कपड़े पहनें, जैसे लंबी आस्तीन, स्लैक, चौड़े किनारे वाली टोपी और धूप का चश्मा. यूवी सुरक्षा कारक वाले कपड़ों की तलाश करें.

  3. अपने बच्चों के आहार में विटामिन डी शामिल करें, और सुनिश्चित करें कि बड़े बच्चे और बच्चे सनस्क्रीन से ढके हुए हैं.

  4. रेत, बर्फ या पानी के निकायों के पास अतिरिक्त सावधानी बरतें. वे सूर्य से यूवी किरणों को परावर्तित करते हैं. जिसके कारण आप वैसी जगहों पर परिणामस्वरूप आप जलने के लिए अधिक संवेदनशील हो सकते हैं.

  5. एक स्वस्थ आहार का पालन करके पर्याप्त विटामिन डी का सेवन करें जिसमें विटामिन की खुराक भी शामिल हो सकती है.

  6. बिना टैनिंग बेड का इस्तेमाल करें. सूरज के पराबैंगनी स्पेक्ट्रम और कमाना बिस्तरों से यूवी किरणें झुर्री और त्वचा कैंसर का कारण बन सकती हैं.

  7. अपने होठों की सुरक्षा के लिए उन पर कम से कम एसपीएफ 15 वाला लिप बाम लगाएं

TIP: सनब्लॉक पहनना जरूरी है. आपको बादल वाले दिनों में भी सनस्क्रीन लगाना चाहिए.

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