Extra thumb or little finger personality traits in hindi: ज्यादातर लोगों के हाथ और पैरों में 10 उंगलियां होती हैं. लेकिन क्या आपने कभी अपने आसपास किसी व्यक्ति के हाथ में पांच की जगह छह उंगलियां देखी हैं? हालांकि यह देखने में थोड़ा अजीब लगता है, लेकिन ज्योतिष शास्त्र में इसे शुभता और भाग्य के नजरिए से देखा जाता है. कुछ लोगों के हाथों के अलावा पैरों में भी 6 उंगलियां होती हैं. आइए आपको बताते हैं कि ऐसे लोगों का व्यक्तित्व कैसा होता है.
जिन लोगों के हाथ या पैर की छोटी उंगली के पास एक अतिरिक्त अंगुली होती है उन पर बुध पर्वत का प्रभाव अधिक होता है.
यह छठी उंगली छोटी उंगली की दोहरी उंगली के रूप में दिखाई देती है. ऐसी छठी उंगली को सौभाग्य का सूचक माना गया है.
इसी तरह आपके हाथ में कनिष्ठा या छोटी उंगली के किनारे छठी अंगुली का होना बृहस्पति ग्रह से भी संबंधित है. बृहस्पति को लोगों की आर्थिक प्रगति में फलदायी माना गया है.
छोटी उंगली के किनारे हाथ पर अतिरिक्त उंगली के साथ वाले लोगों का ग्रह असाधारण व्यावसायिक सफलता और लाभ प्रदान करने कराता है. साथ ही, ऐसे व्यक्ति को सही गणना, त्रुटि, लाभ और हानि के प्रति अधिक विचारशील माना जाता है.
पैरों में एक एक्स्ट्रा छोटी उंगली जुनून, बुद्धि और एक साहसी व्यक्तित्व का संकेत भी माना जाता है.
यह छठी अंगुली हाथ या पैर के अंगूठे से जुड़ी हुई दिखाई देती है. पारंपरिक मतानुसार ऐसी छठी अंगुली को भी सौभाग्य का सूचक माना गया है.इसी के साथ पैर का छठा अंगूठा भी कई लोगों में सफलता का संकेत माना जाता है.
जिन लोगों के हाथ या पैर के मूल अंगूठे के बगल में एक अतिरिक्त छोटे या रिंच-चाबी के आकार का अंगूठा होता है, उन्हें शनि भगवान का आशीर्वाद माना जाता है.
इनका व्यक्तित्व बेहद आकर्षक होता है. एक अतिरिक्त कामुकता के साथ, ये लोग प्रकृति और सुंदरता के प्रेमी भी माने जाते हैं.
इस अतिरिक्त अंगूठे की स्थिति, शक्ति और आकार भी एक कारक है कि उनके जीवन में शनि की उपस्थिति कितनी मजबूत होगी.
इसके अलावा वहीं जिन लोगों के अंगूठे के पास एक अतिरिक्त अंगुली होती है उन पर शुक्र पर्वत (चरित्र लक्षण) का प्रभाव भी अधिक होता है.
जिन लोगों के हाथ या पैर में छठी अंगुली होती है ऐसे लोग अच्छे आलोचक भी होते हैं. हस्तरेखा शास्त्र के अनुसार हाथ की उंगलियों की संख्या भी व्यक्ति के दिमाग पर असर डालती है. इसीलिए अंगुलियों और अंगूठों को एक साथ मिलाकर अलग-अलग मुद्राएं बनाकर ध्यान किया जाता है.