Premanand Ji Maharaj: पीरियड्स में महिलाएं क्या कर सकती हैं? प्रेमानंद जी महाराज ने बताया

Premanand Ji Maharaj: इन दिनों महिलाओं के साथ ऐसा व्यवहार करने के पीछे लोगों के अपने-अपने तर्क होते हैं. इसी मामले पर प्रेमानंद जी महाराज ने अपना विचार दिया है.

By Shashank Baranwal | February 9, 2025 7:49 PM
an image

Premanand Ji Maharaj: महिलाओं को पीरियड्स आना एक प्राकृतिक प्रक्रिया है, जिसे हर महीने गुजरना पड़ता है. इस दौरान लड़कियों और महिलाओं को पूजा-पाठ करने, रसोई में जाने के साथ कई चीजों को करने की मनाही होती है. इतना ही नहीं महिलाओं के लिए अलग कमरे में रहने की व्यवस्था की जाती है. हालांकि, इन दिनों महिलाओं के साथ ऐसा व्यवहार करने के पीछे लोगों के अपने-अपने तर्क होते हैं. इसी मामले पर प्रेमानंद जी महाराज ने अपना विचार दिया है. ऐसे में आइए जानते हैं कि प्रेमानंद जी महाराज पीरियड्स के समय महिलाओं की पूजा-पाठ और अन्य कामों की मनाही पर क्या कहते हैं.

यह भी पढ़ें- Premanand Ji Maharaj: मुझे चुंगली करने की आदत है, जानें शख्स की समस्या पर प्रेमानंद जी महाराज ने क्या जवाब दिया

यह भी पढ़ें- Premanand Ji Maharaj: प्रेमानंद जी महाराज के दर्शन हुए दुर्लभ, श्रद्धालुओं में छाई बेचैनी

ये चीजें नहीं कर सकती महिलाएं

प्रेमानंद जी महाराज कहते हैं कि मासिक धर्म यानी पीरियड्स के दौरान मंदिर में पूजा-पाठ करना निषेध माना जाता है. महिलाओं को मंदिर नहीं जाना चाहिए. इसके अलावा, उन्हें किसी भी तरह का धार्मिक अनुष्ठान भी नहीं करना चाहिए. इसके अलावा, महिलाएं किसी भी तरह की साप्ताहिक अनुष्ठान भी नहीं कर सकती हैं. महाराज जी का कहना है कि पीरियड्स के समय महिलाएं धार्मिक ग्रंथ, ठाकुर जी की सेवा करना, रसोई बनाना और मंदिर जाना सब निषेध माना जाता है. वह कहते हैं कि पीरियड्स के समय शरीर अपवित्र रहता है. इसी वजह से इन कामों को करने की मनाही है.

सिर्फ ये चीजें कर सकती हैं महिलाएं

प्रेमानंद जी महाराज के अनुसार, पीरियड्स के तीन दिनों में महिलाएं कुछ काम जरूर कर सकती हैं. महिलाएं मासिक धर्म आने के तीन दिनों तक पूरे मन से ठाकुर जी का नाम जप कर सकती हैं. इसके अलावा, भजन और भक्ति भी कर सकती हैं.

यह भी पढ़ें- Premanand Ji Maharaj: दिल से निकली बद्दुआ का क्या होता है असर? प्रेमानंद जी महाराज का जवाब कर देगा हैरान

Disclaimer: यह आर्टिकल सामान्य जानकारियों और मान्यताओं पर आधारित है. प्रभात खबर किसी भी तरह से इनकी पुष्टि नहीं करता है.

Exit mobile version