हमने कभी न कभी हॉस्पिटल के चक्कर जरूर काटे होंगे, वहां कई चीजें आपकी सोच से पड़े होंगे, लेकिन एक चीज आपने जरूर नोटिस किया होगा कि आखिर डॉक्टर ऑपरेशन थियेटर में जाने से पहले हरे रंग के लिबास क्यों पहनते हैं? इसके क्या कारण है. तो आइए इसके पीछे छिपे विज्ञान के बारे में जानते हैं कि क्या है बड़ी वजह.
ये तो हम सब जानते हैं डॉक्टर्स ऑपरेशन थियेटर में जानें से पहले सफेद लिबास में रहते हैं. लेकिन मरीज के ऑपरेशन से पहले डॉक्टर और नर्स दोनों के कपड़े चेंज रहते हैं. यहां तक की मरीज के परिजन उनसे मिलने आईसीयू में जाते हैं तो उन्हें भी ब्लू या ग्रीन रंग के कपड़े पहनने को दिए जाते हैं. दरअसल, 20वीं सदी की शुरुआत में एक जानेमाने डॉक्टर ने सफेद कपड़े को हरे रंग से बदला था, उन्हें लगा कि ऐसा करने से ऑपरेशन करते वक्त डॉक्टर्स और दूसरे मेडिकल स्टाफ की आंखों को सुकून और शांति मिलेगा. एक्सपर्ट्स का मानना है कि हरा रंग हमारे मन को शांत रखता है.
सफेद पर खून के लाल धब्बों का दिखना कई डॉक्टरों को अच्छा नहीं लगता और उन्हें मनोवैज्ञानिक रूप से परेशान करता है. 1950 के दशक तक सफेद ने हरे रंग के रंगों को रास्ता दिया, जिससे पर्यावरण में बेहतर कंट्रास्ट प्रदान करने के अलावा आंखों की थकान भी कम हुई है.
Also Read: सर्दियों में आपके बाल रहेंगे हेल्दी, सिल्की और शायनी, फॉलो करें ये हेयर केयर टिप्स
हरा रंग चिकित्सकों को दो कारणों से बेहतर देखने में मदद कर सकता है. सबसे पहले, नीले या हरे रंग को देखने से लाल चीजों के बारे में डॉक्टर की दृष्टि ताजा हो सकती है, जिसमें सर्जरी के दौरान उन्हें ऑपरेशन में फोकस रहता है. यदि कोई सर्जन लाल और गुलाबी रंग की किसी चीज को देखता है, तो वह इसके प्रति Insensitive हो जाता है. मस्तिष्क में लाल सिग्नल वास्तव में फीका पड़ जाता है, जिससे मानव शरीर की बारीकियों को देखना कठिन हो सकता है. कैलिफोर्निया विश्वविद्यालय, डेविस में दृष्टि का अध्ययन करने वाले मनोवैज्ञानिक जॉन वर्नर के अनुसार, समय-समय पर हरे रंग को देखने से किसी की आंखें लाल रंग में बदलाव के प्रति अधिक संवेदनशील हो सकती हैं.
वैज्ञानिक भाषा में इसे ‘विजुअल इल्यूशन’ कहा जाता हैं. दरअसल, सफेद रंग प्रकाश में इंद्रधनुष के सभी रंग, बैंगनी, जामुनी, नीला, हरा, पीला, नारंगी, लाल समाए होते हैं. चूंकि लाल रंग के प्रभाव से आंखों को सफेद रंग सतह से भी हरा रंग दिखने का सिग्नल मिलता है, ऐसे में डॉक्टर जब मरीज के लाल हिस्सों को देखने के बाद पहले से ही ग्रीन या ब्लू लिबास पहने अपने सहयोगियों को देखेगा तो हरे रंग का छायाभ्रम उसमें तुरंत घुल जाएगा और किसी किस्म का विजुअल डिस्टर्बेंस नहीं होगा. इसलिए डॉक्टर हरे रंग का लिबास पहनते हैं.