Happy Teacher’s Day: आज 5 सितंबर यानी शिक्षक दिवस है. आज के ही दिन हर साल शिक्षक दिवस के रूप में मनाया जाता है. हमारे देश में शिक्षकों को भगवान का दर्जा दिया जाता है क्योंकि एक शिक्षक ही हर इंसान को अच्छी शिक्षा देता है और हर चुनौतियों में लड़ना सिखाता है. माता-पिता के बाद एक शिक्षक ही होता है जो हमें काबिल बनाने के लिए डांटता-पिटता है, बावजूद कभी अपने छात्रों के लिए बुरा नहीं चाहता है. ऐसे में शिक्षकों को सम्मान देते हुए भारत में 5 सितंबर को शिक्षक दिवस के रूप में मनाया जाता है.
भारत में हर साल 5 सितंबर को शिक्षक दिवस मनाया जाता है. इस तारीख के पीछे विशेष कारण है. इसी दिन सन् 1888 को भारत के दूसरे राष्ट्रपति डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन का जन्म हुआ था. वे दूसरे राष्ट्रपति होने के अलावा पहले उपराष्ट्रपति, एक दार्शनिक, प्रसिद्ध विद्वान, भारत रत्न प्राप्तकर्ता, भारतीय संस्कृति के संवाहक, शिक्षाविद और हिन्दू विचारक थे. उनका मानना था कि शिक्षा के प्रति सभी को समर्पित रहना चाहिए, सभी को निरंतर सीखने की प्रवृत्ति बनी रहनी चाहिए, जिस व्यक्ति के पास ज्ञान और कौशल दोनों हैं उनका कोई न कोई मार्ग खुला रहता है. ऐसे में इस दिन को मनाने का महत्व और ज्यादा बढ़ जाता है.
देश के दूसरे राष्ट्रपति और पहले उप-राष्ट्रपति डॉ. राधाकृष्णन का जन्म 5 सितंबर 1888 को तमिलनाडु के तिरुमनी गांव में एक ब्राह्मण परिवार में हुआ था. उनका निधन 17 अप्रैल 1975 को चेन्नई में हुआ. डॉ. राधाकृष्णन को बचपन से ही पढ़ने-लिखने का बहुत शौक था. ऐसे ही एक दिन उनके जन्म दिवस पर जम्दिन मनाने की बात कही गई, इसे लेकर उन्होंने कहा कि कि मैं आपकी इस बात से खुश हुए कि आप मेरे जन्मदिन को मनाना चाहते है, आगे उन्होंने कहा कि अगर इस दिन को शिक्षा के क्षेत्र में अपना योगदान देने वाले अध्यापकों के सम्मान के मनाएंगे तो मेरे लिए काफी खुशी की बात होगी. जिसके बाद से ही हर 5 सितंबर को शिक्षकों के सम्मान के लिए इस दिन को शिक्षक दिवस के रूप में मनाते हैं.
इन दिन स्कूल कॉलेजों और विश्वविद्यालयों में कई तरह के कार्यक्रम का आयोजन किया जाता है. इस दिन को खास बनाने के लिए छात्रों को एक जरूरी काम करना चाहिए, अपने शिक्षकों से संपर्क करना चाहिए, उन्हें धन्यवाद या शुक्रिया अदा करना चाहिए, क्योंकि आज आप जिस मुकाम पर भी हैं, उसमें उनकी विशेष भूमिका रही है.