Why Jesus Is Called Lamb of God: यीशु को ‘ईश्वर का मेमना’ (Lamb of God) क्यूं कहा जाता है?

यीशु को 'ईश्वर का मेमना' क्यों कहा जाता है? जानें उनके बलिदान का महत्व और भेड़ों के प्रति उनके गहरे प्रेम का कारण.

By Pratishtha Pawar | December 24, 2024 6:38 PM

Why Jesus Is Called Lamb of God: यीशु मसीह को अक्सर ‘ईश्वर का मेमना’ (Lamb of God) कहा जाता है.  यह विशेष उपाधि बाइबिल में उनके बलिदान और प्रेम से जुड़ी है.  भेड़ें और मेमने यीशु मसीह के जीवन और उपदेशों का अभिन्न हिस्सा रहे हैं.  यह प्रतीक मासूमियत, विश्वास और पवित्रता का प्रतिनिधित्व करता है.  आइए जानते हैं कि यीशु को यह उपाधि क्यों दी गई और भेड़ों का उनके जीवन में क्या महत्व था.

Why Jesus Is Called Lamb of God: यीशु को ‘ईश्वर का मेमना’ क्यों कहा गया?

Why jesus is called lamb of god: यीशु को ‘ईश्वर का मेमना’ (lamb of god) क्यूं कहा जाता है?

ईसाई धर्म में, पुराने नियम के अनुसार, भेड़ों या मेमनों की बलि देकर पापों का प्रायश्चित किया जाता था.  यीशु मसीह को ‘ईश्वर का मेमना’ कहा गया क्योंकि उन्होंने अपने जीवन का बलिदान देकर मानव जाति के पापों को दूर करने का कार्य किया.  उनके बलिदान को अंतिम और पूर्ण बलिदान माना गया, जिसके बाद और किसी बलिदान की आवश्यकता नहीं रही.

भेड़ों का प्रतीकात्मक महत्व (Significance)

Why jesus is called lamb of god: यीशु को ‘ईश्वर का मेमना’ (lamb of god) क्यूं कहा जाता है?

भेड़ों को ईसाई धर्म में मासूमियत और पवित्रता का प्रतीक माना जाता है. वे अपने चरवाहे पर पूरी तरह निर्भर होती हैं, जो उन्हें सही दिशा में ले जाता है और खतरों से बचाता है. यीशु ने खुद को ‘अच्छा चरवाहा’ कहा, जो अपने अनुयायियों की देखभाल करता है और उन्हें जीवन के सही मार्ग पर ले जाता है.

भेड़ों और यीशु के बीच संबंध

Why jesus is called lamb of god: यीशु को ‘ईश्वर का मेमना’ (lamb of god) क्यूं कहा जाता है?
  1. करुणा और दया:
    भेड़ें अपने सरल और शांत स्वभाव के लिए जानी जाती हैं. यीशु ने भेड़ों को अपने अनुयायियों के रूप में देखा और उनके प्रति करुणा और दया का भाव रखा.
  2. विश्वास और मार्गदर्शन:
    भेड़ें अपने चरवाहे की आवाज पहचानती हैं और उसका अनुसरण करती हैं.  इसी तरह, यीशु ने अपने अनुयायियों से आग्रह किया कि वे ईश्वर पर विश्वास करें और उनके दिखाए मार्ग पर चलें.
  3. खोई हुई भेड़ की कहानी:
    बाइबिल में यीशु ने एक चरवाहे की कहानी सुनाई, जो अपनी 99 भेड़ों को छोड़कर खोई हुई एक भेड़ को ढूंढने निकलता है.  यह कहानी यह सिखाती है कि ईश्वर हर व्यक्ति को महत्व देते हैं, चाहे वह कितना ही कमजोर या खोया हुआ क्यों न हो.

‘मेमने’ का बलिदान और यीशु का बलिदान

Why jesus is called lamb of god: यीशु को ‘ईश्वर का मेमना’ (lamb of god) क्यूं कहा जाता है?

पुराने समय में, भेड़ या मेमने की बलि को पवित्र और पापों की क्षमा के लिए आवश्यक माना जाता था.  यीशु ने अपने जीवन का बलिदान देकर मानव जाति के लिए यही कार्य किया.  उनके बलिदान को ‘पवित्र बलिदान’ कहा गया, जिसने मानवता के लिए नया रास्ता खोला.

सांस्कृतिक और आध्यात्मिक महत्व

यीशु और भेड़ों का संबंध न केवल धार्मिक है, बल्कि यह सांस्कृतिक और आध्यात्मिक दृष्टि से भी गहरा अर्थ रखता है.  यह हमें सिखाता है कि हमें विश्वास, दया और प्रेम के साथ जीवन जीना चाहिए.

यीशु को ‘ईश्वर का मेमना’ कहना उनके बलिदान, प्रेम और मानवता के प्रति समर्पण का प्रतीक है.  भेड़ों और मेमनों का उनके जीवन में विशेष स्थान रहा, जो विश्वास, मासूमियत और पवित्रता का प्रतीक हैं.  यह संबंध हमें सिखाता है कि हमें भी अपने जीवन में प्रेम और करुणा को अपनाना चाहिए.

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