आपने भी अक्सर लोगों को कहते सुना होगा कि मूंगफली खाने से अक्ल बढ़ती है. वैज्ञानिक और डॉक्टर्स भी इस सच को मानते हैं. अब, वैज्ञानिक मूंगफली खाते हैं तो जरूरी नहीं कि उनको भी अक्ल बढ़ाने की जरुरत होती है. हो सकता है मूंगफली खाना किसी अंधविश्वास से जुड़ा हो. जी हां, आपने सही पढ़ा. मूंगफली खाने से जुड़ा अंधविश्वास नासा के वैज्ञानिकों का है. दरअसल, अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा के वैज्ञानिक भी अंधविश्वास के घिरे हैं. इस कारण नासा के वैज्ञानिक स्पेस मिशन के दौरान मूंगफली खाते हैं.
अब आपके मन में सवाल उठ रहा होगा- आखिर नासा के वैज्ञानिक मिशन के दौरान मूंगफली क्यों खाते हैं? तो, चलिए हम आपको जवाब देते हैं. यह पूरी तरह सच है जब नासा के वैज्ञानिक किसी भी मिशन को शुरू करते हैं तो वो मूंगफली खाते हैं. कई मौकों पर मूंगफली खाते उनकी फोटो और वीडियो भी हमारे सामने आती है. नासा के वैज्ञानिकों का मानना है कि स्पेस मिशन के दौरान मूंगफली खाने से उनका अभियान सफल होता है. उन्होंने मिशन से जुड़ी जो प्लानिंग की थी, उसमें भी उन्हें सफलता मिल जाती है.
अगर आप नासा की वेबसाइट पर जाएंगे तो आपको एक आर्टिकल मिलेगा. जिसकी हेडिंग है- What Are NASA’s Lucky Peanuts? इसमें आपको नासा के वैज्ञानिकों के स्पेस मिशन के दौरान मूंगफली खाने की सारी सच्चाई पता चलेगी. आप तमाम कारणों को आसानी से समझ सकेंगे. इस आर्टिकल में यह भी बताया गया है कि मूंगफली खाने की परंपरा कब से शुरू हुई है.
नासा की वेबसाइट पर पब्लिश आर्टिकल में जिक्र है कि मिशन के दौरान वैज्ञानिकों के मूंगफली खाने की शुरुआत 1960 के दशक में हुई थी. इसकी वजह है कि नासा के लगातार छह मिशन असफल रहे थे. इसके बाद नासा का सातवां मिशन सफल हो गया था. इस मिशन के बाद नासा के सिचुएशन रूम और सेंटर कमांड में काफी खुशी थी. इस दौरान लैब में मौजूद एक वैज्ञानिक को मूंगफली खाते हुए देखा गया. इसके बाद फैसला लिया गया गया हर स्पेस मिशन के दौरान नासा के सारे वैज्ञानिक मूंगफली जरूर खाएंगे.
Also Read: लखनऊ में आफत की बारिश पर ब्रेक, कई इलाके जलमग्ननासा के वैज्ञानिकों का मानना है कि स्पेस मिशन के दौरान मूंगफली खाने से उनके अभियान सफल होते हैं. उन्होंने भारतीय अंतरिक्ष एजेंसी इसरो के वैज्ञानिकों को भी मिशन के दौरान मूंगफली खाने की सलाह दी. नासा के वैज्ञानिकों का कहना है कि मूंगफली खाने से दिमाग तेज होता है, उनके स्पेस मिशन भी सफल होते हैं. भले ही यह आपको अंधविश्वास लगे. लेकिन, जब वैज्ञानिक बोल रहे हैं तो कुछ सच तो होगा ही.