Winter Solstice 2022: साल की सबसे लंबी रात और सबसे छोटा दिन 22 दिसंबर यानी अगले गुरुवार को है. इस दिन साल का सबसे छोटा दिन व सबसे लंबी रात होगी. इसके बाद से दिन की अवधि बढ़ना शुरू हो जाएगी. विंटर सॉल्सटिस के नाम से जाने जाने वाला यह दिन इस दिन सूर्य पृथ्वी से काफी दूर रहता है जिससे चांद की रोशनी पृथ्वी पर काफी देर तक रहती है.
सॉल्सटिस एक लैटिन शब्द है जो सोल्स्टिम से बना हुआ है.लैटिन शब्द सोल का अर्थ होता है सूर्य जबकि सेस्टेयर का अर्थ होता है स्थिर खड़ा रहना.इन दोनों शब्दों को मिलाकार सॉल्सटिस शब्द बना है जिसका अर्थ है सूर्य का स्थिर रहना.
इस दिन को विंटर सॉल्सटिस भी कहते हैं क्योंकि मकर रेखा पृथ्वी के सबसे पास होती है, पृथ्वी अपने घूर्णन के अक्ष पर लगभग 23.5 डिग्री झुकी हुई होती है. इस घटित होने वाली घटना को खगोलीय घटना भी कहते हैं. पृथ्वी के झुकाव के चलते हर गोलार्ध को पूरे साल अलग-अलग मात्रा में सूर्य की किरणें प्राप्त होती है. 22 दिसंबर को सूर्य की किरणें सीधे ही भूमध्य रेखा के दक्षिण की ओर मकर रेखा के साथ पहुंचती है. ये किरणें सीधे ही पूरे साल में दो बार पृथ्वी पर भूमध्य रेखा से होकर पहुंचती है जो एक बार 22 दिसंबर में और दूसरी बार 21 जून को पहुंचती है.
उत्तरी गोलार्ध साल में 6 महीने सूर्य की ओर झुका रहता है जिससे सूर्य की अच्छी रोशनी यहां पड़ती है और इन महीनों के दौरान यहां गर्मी पड़ती है.इसके बाद बाकी 6 महीने ये इलाका सूर्य से दूर रहता है और दिन छोटा होने लगता है.
Winter Solstice के समय दक्षिणी गोलार्द्ध में सूर्य की किरणें ज्यादा पड़ती हैं, तो वहीं उत्तरी गोलार्द्ध में कम.इसकी वजह से उत्तरी गोलार्द्ध में रात लंबी होती है और दिन छोटा.दक्षिणी गोलार्ध में सूर्य सबसे ज्यादा देर तक रहता है और इस इलाके में पड़ने वाले देशों में ये दिन सबसे बड़ा दिन होता है.अर्जेंटिना, ऑस्ट्रेलिया और दक्षिण अफ्रीका जैसे देशों में आज से गर्मी की शुरुआत हो जाती है.