Women Equality Day 2022: सपनों को पैशन बना नाम किया रौशन, इनका लोहा मानती है दुनिया
Women Equality Day 2022: हर साल 26 अगस्त को ‘महिला समानता दिवस’ दुनियाभर में सेलिब्रेट किया जाता है. हर साल इस डे को एक खास थीम के तहत सेलिब्रेट किया जाता है. इस वर्ष ‘महिला समानता दिवस’ की थीम ‘सेलिब्रेटिंग वूमेंस राइट टू वोट’ है.
Women Equality Day 2022: आज हर एक क्षेत्र में महिलाओं को समानता का दर्जा प्राप्त है. इसके प्रति जागरूकता फैलाने के लिए हर साल 26 अगस्त को महिला समानता दिवस (Women’s Equality Day 2022) मनाया जाता है. देशभर में इस दिवस को महिला संगठन बहुत जोर-शोर से मनाते हैं. इसके साथ ही रोजगार, शिक्षा समेत कई क्षेत्र में महिलाओं के समान अधिकार की वकालत करते हैं. अंतरिक्ष यात्री कल्पना चावला, मिस वर्ल्ड मनुषि छिल्लर, एक्ट्रेस मंदिरा बेदी, रेणुका शाहणे, आलिया भट्ट जैसी कई महिलाओं ने अपने पैशन का लोहा मनवाया है.
कल्पना चावला
भारतीय मूल की महिला अंतरिक्ष यात्री कल्पना चावला का नाम इतिहास के पन्नों में हमेशा के लिए दर्ज हो चुका है. कल्पना चावला अंतरिक्ष पर जाने वाली पहली भारतीय मूल की महिला हैं. कल्पना ने एक सपना देखा था, जिसे पूरा करने के लिए उन्होंने अपना पूरा जीवन लगा दिया. कम उम्र में अंतरिक्ष तक पहुंची. एक बड़ी उपलब्धि हासिल की. कल्पना ने भारत का नाम और मान विदेश से लेकर अंतरिक्ष तक बढ़ाया. यहां तक की अपने जीवन के आखिरी पल में भी वह एक यान में सवार थीं, जो अंतरिक्ष के सफर के लिए निकल रहा था.
मानुषी छिल्लर
चीन के सन्या मे आयोजित मिस वर्ल्ड 2017 (Miss World 2017) के कॉमपिटीशन मे भारत की मानुषी छिल्लर (Manushi Chhillar)ने जीत हासिल कर अपने देश को गोरवान्वित किया . मानुषी भारत के हरियाणा स्टेट से ताल्लुक रखती हैं . इसी वर्ष 2017 मे इन्होंने फेमिना मिस इंडिया 2017 का खिताब हासिल किया और आज देश की छठवी मिस वर्ल्ड के रूप मे अपना नाम इतिहास के पन्नो मे दर्ज कराया.
आलिया भट्ट
आलिया भट्ट बॉलीवुड की बहुत कम समय मे अपनी पहचान बनाने वाली हीरोइन मे से एक है, जिसका प्रमुख कारण था उनका परिवार उनके पिता जिनकी बॉलीवुड मे अपनी पहचान है. यह एक स्टार किड थी, जिन्होंने बचपन से उसी माहोल मे रहने के कारण इन्होंने बहुत कम उम्र मे ही बॉलीवुड मे कदम रख दिया था और कमियाबी भी हासिल की. मात्र छ: साल की उम्र मे “संघर्ष” फिल्म मे उन्होंने एक बॉलीवुड अभिनेत्री के बचपन का किरदार निभाया था.
हरनाज संधू
हरनाज संधू इस साल मिस यूनिवर्स इंडिया 2021 के खिताब की सबसे नई विजेता हैं. 21 साल की हरनाज ने कई ब्यूटी पेजेंट अपने नाम किये है ,हरनाज़ ने मॉडलिंग के साथ साथ कई पंजाबी फिल्मों में भी अपनी एक्टिंग का जलवा बिखेरा है. चंडीगढ़ शहर में जन्मी हरनाज़ ने चंडीगढ़ के स्कूल और कॉलेज से अपनी शिक्षा प्राप्त की है.
महिला समानता दिवस का थीम
हर साल 26 अगस्त को ‘महिला समानता दिवस’ दुनियाभर में सेलिब्रेट किया जाता है. हर साल इस डे को एक खास थीम के तहत सेलिब्रेट किया जाता है. इस वर्ष ‘महिला समानता दिवस’ की थीम ‘सेलिब्रेटिंग वूमेंस राइट टू वोट’ है.
महिला समानता दिवस का इतिहास
26 अगस्त, 1970 को उन्नीसवें संशोधन के पारित होने की 50 वीं वर्षगांठ के दौरान, राष्ट्रीय महिला संगठन ने “समानता के लिए हड़ताल” का आह्वान किया. यह हड़ताल अमेरिकी महिलाओं का राष्ट्रव्यापी प्रदर्शन था, जिसमें महिलाओं के लिए समान अधिकारों की मांग की गई थी. 37 वें अमेरिकी राष्ट्रपति रिचर्ड निक्सन ने आधिकारिक तौर पर 26 अगस्त को को महिला अधिकार दिवस घोषित किया, ऐसा करने वाले वे पहले राष्ट्रपति बने. तब से, प्रत्येक अमेरिकी राष्ट्रपति ने 26 अगस्त को महिला समानता दिवस के रूप में मनाने की घोषणा की है.
महिला समानता दिवस का उद्देश्य (Objective of Women’s Equality Day)
इस दिवस को मनाने का खास उद्देश्य यह है कि महिला सशक्तिकरण (Women Empowerment) को बढ़ावा मिलता है. इसके साथ ही भेदभाव, दुष्कर्म, एसिड अटैक्स, भूर्ण हत्या जैसे कई मुद्दों पर जागरूकता फैलाना है. वैसे आज के समय में महिलाएं हर क्षेत्र में अपना नाम रौशन कर रही हैं.
महिला समानता दिवस कैसे मनाएं?
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इस साल महिला समानता दिवस मनाने के लिए यहां कुछ सुझाव दिए गए हैं.
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एक महिला-विशिष्ट इंटर्नशिप कार्यक्रम स्थापित करें
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अपनी सर्वश्रेष्ठ महिला कर्मचारियों को कॉलेज छात्रवृत्ति प्रदान करें जो उच्च अध्ययन करना चाहती हैं.
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बेघर महिलाओं के लिए कुछ दान करने पर विचार करें.
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दोपहर के भोजन का आयोजन करें और अपने क्षेत्र की कुछ महिला नेताओं के साथ सत्र सीखें.
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आप स्कूलों में जा सकते हैं या छात्रों को उनकी ऑनलाइन कक्षाओं में शामिल कर सकते हैं और लिंग अध्ययन पर एक पठन सत्र कर सकते हैं.
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नौकरी से संतुष्टि और काम पर महिलाओं की सुरक्षा में सुधार के तरीकों पर व्यक्तिगत इनपुट लें.
तथ्य
संयुक्त राज्य अमेरिका में महिलाओं का आंदोलन 1848 में शुरू हुआ जब एलिजाबेथ कैडी स्टैंटन और ल्यूक्रेटिया मोट ने न्यूयॉर्क में आयोजित सेनेका फॉल्स कन्वेंशन में महिलाओं की सामाजिक, नागरिक और धार्मिक स्थिति और अधिकारों पर चर्चा की
सेनेका फॉल्स कन्वेंशन अमेरिका में पहली बार महिला सम्मेलन था जिसमें महिला नेताओं और फ्रेडरिक डगलस जैसे उन्मूलनवादियों ने भाग लिया था.