World Bamboo Day 2022: आज मनाया जा रहा है विश्व बैंबू दिवस, जानें इसका हमारे जीवन में महत्व
World Bamboo Day 2022: आज 18 सितंबर को विश्व बैंबू दिवस इसलिए मनया जाता है क्योंकि इस दिन लोगों को बांस की खेती को बढ़ावा देने कि बात की जाती है. यह सबसे तेजी से बढ़ने वाले घास के पौधों में से एक है. बांस कई चीजों में काम आता है. जिसमें फर्नीचर बनाना, भोजन, जैव ईंधन, कपड़े और बहुत कुछ शामिल हैं.
World Bamboo Day 2022: बांस के लाभों के बारे में जागरूकता बढ़ाने और रोजमर्रा के उत्पादों में इसके उपयोग को बढ़ावा देने के लिए हर साल 18 सितंबर को विश्व बैंबू दिवस (World Bamboo Day) मनाया जाता है. मुख्य रूप से पूर्व और दक्षिण पूर्व एशिया में विभिन्न उद्देश्यों के लिए बांस का उपयोग किया जाता है. बांस पोएसी परिवार की एक लंबी, पेड़ जैसी घास है. इसमें 115 से अधिक जेनेरा और 1,400 प्रजातियां शामिल हैं.
World Bamboo Day 2022: विश्व बैंबू दिवस का इतिहास
वर्ष 2009 में बैंकाक (थाईलैंड) में आयोजित 8वीं विश्व बांस कांन्ग्रेस (World Bamboo Congress) में विश्व बांस संगठन (World Bamboo Organization) ने आधिकारिक रूप से 18 सितंबर को विश्व बांस दिवस (WBD) मनाए जाने की घोषणा की. डब्ल्यूबीओ का उद्देश्य इस दिन को मनाने के पीछे बांस की क्षमता को और अधिक विस्तार देना है. इसके अलावा दुनिया भर के क्षेत्रों में नए उद्योगों के लिए बांस की नई खेती को बढ़ावा देना और सामुदायिक आर्थिक विकास आदि के लिए स्थानीय स्तर पर पारंपरिक उपयोगों को बढ़ावा देना है.
World Bamboo Day 2022: क्यों खास है विश्व बैंबू संगठन
विश्व बैंबू संगठन का उद्देश्य प्राकृतिक संसाधनों एवं पर्यावरण की रक्षा के लिये स्थायी उपयोग सुनिश्चित करने हेतु दुनिया भर के क्षेत्रों में नए उद्योगों के लिये बांस की खेती को बढ़ावा देना साथ ही सामुदायिक आर्थिक विकास के लिये स्थानीय रूप से पारंपरिक उपयोगों को बढ़ावा देना है.
विश्व बांस संगठन (World Bamboo Organization) की स्थापना वर्ष 2005 में हुई थी.
इसका मुख्यालय एंटवर्प (बेल्जियम) में है.
जानें क्या है विश्व बैंबू दिवस का महत्व
विश्व बैंबू दिवस इसलिए खास है क्योंकि इस दिन लोगों को बांस की खेती को बढ़ावा देने कि बात की जाती है. यह सबसे तेजी से बढ़ने वाले घास के पौधों में से एक है. बांस कई चीज़ों में काम आता है. जिसमें फर्नीचर बनाना, भोजन, जैव ईंधन, कपड़े और बहुत कुछ शामिल हैं. भारत में भी इसकी खेती भारी मात्री में होती है और देश से हर साल लाखों टन बांस एक्सपोर्ट भी होता है.