World Blood Donor Day 2022: दुनियाभर में आज यानी 14 जून को विश्व रक्तदान दिवस मनाया जा रहा है. पहली बार इसे साल 2005 में मनाया गया था. इसका उद्देश्य ‘खून की कमी से लोगों की जान न जाए’, इसलिए लोगों के बीच जागरुकता फैलाना है. रक्तदान से आप ना सिर्फ किसी की जिंदगी बचा सकते हैं, बल्कि खुद को स्वस्थ भी रखने में मदद मिलेगी. कई रिसर्च में ये बात सामने आई है कि ब्लड डोनेट करने से शारीरिक और मानसिक रूप से हेल्दी रहते हैं.
प्रत्येक वर्ष, विश्व रक्तदान दिवस मनाने के लिए एक थीम और स्लोगन का चयन किया जाता है. यह WHO (विश्व स्वास्थ्य संगठन) के द्वारा किया जाता है. इस वर्ष 2022 के थीम है- “Give blood and keep the World beating”
रक्तदाताओं ने न जाने कितने जीवन की रक्षा की है. इन रक्तदाताओं की सामाजिक महत्त्व और पहचान के लिए प्रत्येक वर्ष रक्तदान शिविर का आयोजन किया जाता है. अतः रक्तदान के महत्व और इसका प्रचार – प्रसार के लिए विश्व रक्तदाता दिवस मनाया जाता है.
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रक्तदाताओं का धन्यवाद करना और निरंतर और निशुल्क रक्त के प्रति बृहत रुप से लोगों को जागरूक करना
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रक्तदान के सामुदायिक मूल्यों को सामुदायिक एकता एवं सामाजिक एकजुटता के लिए प्रोत्साहित करना
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मानवता के लिए रक्तदान करने के लिए युवाओं को प्रोत्साहित करना तथा अन्य लोगों को भी इसके लिए प्रेरित करना
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युवाओं की क्षमता को स्वास्थ्य वर्धन में सहभागिता का उत्सव मनाना
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ब्लड डोनेट करते समय डोनर के शरीर के केवल एक यूनिट ब्लड ही लिया जाता है.
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एक नॉर्मल व्यक्ति के शरीर में 10 यूनिट यानी 5 से 6 लीटर ब्लड होता है.
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‘O नेगेटिव’ ब्लड ग्रुप यूनिवर्सल डोनर कहलाता है, इसे किसी भी ब्लड ग्रुप के व्यक्ति को दिया जा सकता है.
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इमरजेंसी के समय जैसे जब किसी नवजात बालक या अन्य को खून की आवश्यकता हो और उसका ब्लड ग्रुप ना पता हो, तब उसे ‘O नेगेटिव’ ब्लड दिया जा सकता है.
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कोई व्यक्ति 18 से 60 वर्ष की आयु तक रक्त दान कर सकता हैं.
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पुरुष 3 महीने और महिलाएं 4 महीने के अंतराल में नियमित रक्त दान कर सकती हैं.
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अगर कभी रक्त दान के बाद आपको चक्कर आना, पसीना आना, वजन कम होना या किसी भी अन्य प्रकार की समस्या लंबे समय तक बनी हुई हो तो आप रक्त दान ना करें.
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भारत में सिर्फ 7 प्रतिशत लोगों का ब्लड ग्रुप ‘O नेगेटिव’ है.
वैक्सीनेटेड ब्लड डोनर से ब्लड लेने के बाद नहीं होगा कोरोना? जानिए इस दावे की सच्चाई – ब्लड डोनेशन करने के फायदे:
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रक्तदान करने से आपके भावनात्मक और शारीरिक स्वास्थ्य को लाभ होता है.मेंटल हेल्थ फाउंडेशन की एक रिपोर्ट के अनुसार ब्लड डोनेट कर दूसरों की मदद करने से तनाव कम होता है.
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ब्लड डोनेशन से जुड़े कुछ फैक्ट: डोनर के शरीर से सिर्प एक यूनिट ब्लड ही लिया जा सकता है, एक आम व्यक्ति के शरीर में 10 यूनिट(5 से 6 लीटर) ब्लड होता है,18 से 60 वर्ष की आयु तक कोई भी ब्लड डोनेट कर सकता है.
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अगर आप किसी तरह के वायरस से पीड़ित हैं तो ब्लड रक्त दान न करें.जैसे एचआईवी (एड्स), टीबी, हेपेटाइटिस, सिफलिस से पीड़ित लोगों को ब्लड डोनेशन की मनाही होती है.
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बता दें कि ‘O नेगेटिव’ ब्लड ग्रुप यूनिवर्सल डोनर होते है.ये किसी भी ब्लड ग्रुप के व्यक्ति खून दे सकते हैं.भारत में केवल 7 प्रतिशत लोगों का ब्लड ग्रुप ‘O नेगेटिव’ है.
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रक्तदान करने वालों को कमजोरी का एहसास हो सकता है.इसलिए ब्लड डोनेशन के 3 घंटे तक कोई भारी काम न करें और पौष्टिक आहार लेना जरूरी है.