World Braille Day 2023: आज 4 जनवरी को विश्व ब्रेल दिवस मनाया जाता है. प्रति वर्ष विश्व ब्रेल दिवस 04 जनवरी को लुई ब्रेल के जन्मदिन के स्मरणोत्सव के रूप में मनाया जाता है. लुइस ब्रेल जिन्होंने एक हादसे में आंखों की रोशनी गंवाने के बाद ईजाद की ब्रेल लिपि. इस के सहारे दुनिया में लाखों ऐसे लोग जो देख नहीं सकते, पढ़ना सीखकर अपने पैरों पर खड़े होते हैं.
ब्रेल लिपि क्या है?
ब्रेल एक लेखन पद्धति है. यह नेत्रहीन व्यक्तियों के लिए सृजित की गई थी. ब्रेल एक स्पर्शनीय लेखन प्रणाली है. इसे एक विशेष प्रकार के उभरे कागज़ पर लिखा जाता है. इसकी संरचना फ्रांसीसी नेत्रहीन शिक्षक और आविष्कारक लुइस ब्रेल ने की थी. इन्हीं के नाम पर इस पद्धति का नाम ब्रेल लिपि रखा गया है.
ब्रेल में उभरे हुए बिंदु होते हैं. इन्हें ‘सेल’ के नाम से जाना जाता है. कुछ बिन्दुओं पर छोटे उभार होते हैं. इन्हीं दोनों की व्यवस्था और संख्या से भिन्न चरित्रों की विशिष्टता तय की जाती है. ब्रेल की मैपिंग प्रत्येक भाषा में अलग हो सकती है.
इस लिपि में स्कूली बच्चों के लिए पाठ्यपुस्तकों के अतिरिक्त रामायण, महाभारत जैसे ग्रंथ छपते हैं. ब्रेल लिपि में कई पुस्तकें भी निकलती हैं.
ब्रेल लिपि के आविष्कार के बाद विश्वभर में नेत्रहीन, दृष्टिहीन या आंशिक रूप से नेत्रहीन लोगों की जिंदगी बहुत हद तक आसान हो गई. इसकी सहायता से ऐसे कई लोग अपने पैरों पर खड़े हो सके.
लुइस ब्रेल के द्वारा बनाए गए ब्रेल लिपि में कई बार संशोधन किया जा चुका है. उल्लेखनीय है कि 1949 में संयुक्त राष्ट्र शैक्षिक, वैज्ञानिक और संगठन:यूनेस्को (UNESCO) के द्वारा एक सर्वेक्षण कराया गया जिससे यह जाना जा सके कि ब्रेल लिपि में क्या कठिनाइयां है एवं ब्रेल लिपि में एकरूपता को किस प्रकार स्थापित किया जा सकता है? इसके साथ ही वर्तमान में ब्रेल लिपि को सुविधाजनक बनाने हेतु इसको प्रौद्योगिकी का भी सहारा लिया जा रहा है.