World Consumer Rights Day 2022: प्रत्येक वर्ष 15 मार्च को उपभोक्ताओं के अधिकारों और उनकी आवश्यकताओं के बारे में जागरूकता फैलाने के लिए विश्व उपभोक्ता अधिकार दिवस 2021 मनाया जाता है. 15 मार्च, 1962 को राष्ट्रपति जॉन एफ कैनेडी द्वारा अमेरिकी कांग्रेस को एक विशेष संदेश भेजा गया था और इसलिए यह दिन उनसे प्रेरित था. संदेश में उन्होंने उपभोक्ता अधिकारों के मुद्दे को औपचारिक रूप से संबोधित किया. ऐसा करने वाले, वह पहले नेता थे. विश्व उपभोक्ता अधिकार दिवस के पीछे का इतिहास यह है कि पहला उपभोक्ता आंदोलन 1983 में देखा गया था और तब से प्रत्येक वर्ष महत्वपूर्ण मुद्दों और अभियानों पर कार्रवाई करने के लिए यह दिन मनाया जाता है.
भारत में, राष्ट्रीय उपभोक्ता अधिकार दिवस 24 दिसंबर को मनाया जाता है. क्योंकि भारत के राष्ट्रपति ने उसी दिन ऐतिहासिक उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम, 1949 के अधिनियम को स्वीकारा था. हालांकि विश्व उपभोक्ता अधिकार दिवस आज के दिन यानी कि 15 मार्च को ही मनाया जाता है. क्या आप जानते हैं कि भारत में उपभोक्ताओं के अधिकार क्या हैं? उपभोक्ता अधिकार की परिभाषा ‘सूचना का अधिकार’ है, उपभोक्ता मामले, खाद्य और सार्वजनिक वितरण मंत्रालय ने निम्नलिखित अधिकार सूचीबद्ध किए हैं:
हर साल विश्व उपभोक्ता अधिकार दिवस मनाया जाता है लेकिन हर साल यह दिवस एक विशेष थीम के अनुरूप बनाया जाता है. इस साल विश्व उपभोक्ता अधिकार दिवस 2022 की थीम है ‘फेयर डिजिटल फाइनेंस’.
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प्रत्येक 15 मार्च को उपभोक्ता आंदोलन और विश्व उपभोक्ता अधिकार दिवस उपभोक्ता अधिकारों और जरूरतों के बारे में वैश्विक जागरूकता बढ़ाने का एक अवसर है. जो सभी उपभोक्ताओं के अधिकारों का सम्मान किए जाने और उनकी रक्षा की वकालत करता है.
इसके आलावा यह दिन बाजार के दुरुपयोग और उन अधिकारों को कमजोर करने वाले सामाजिक अन्याय तथा बाज़ार में होने वाली ठगी, मिलावट, MRP से ज्यादा दाम, बिना तोले समान बेचना या नापतोल में गड़बड़ी, गारंटी के बाद भी सर्विस न देना तथा एक्सपायरी डेट या सील टूटी हुई वस्तुएं बेचने अथवा बिल ना देने व धोखाधड़ी जैसे अपराधों का विरोध करता है.
1. सुरक्षा का अधिकार
2. सूचित किए जाने का अधिकार
3. चुनने का अधिकार
4. सुने जाने का अधिकार.
5. समस्या के समाधान का अधिकार
6. उपभोक्ता शिक्षा का अधिकार.