World Diabetes Day 2022: मधुमेह रोगियों को रक्त एवं अन्य जाँच हो सकती है लाभदायक, इन बातों का ध्यान जरूरी

World Diabetes Day 2022: आज विश्व मधुमेह दिवस मनाया जा रहा है. मधुमेह के साथ रक्तचाप अनियन्त्रित होना करेले पर नीम चढ़ा जैसा है. ऐसी स्थिति में उपरोक्त उलझनें कई कई गुणा बढ़कर जानलेवा भी हो सकती हैं.

By Shaurya Punj | November 14, 2022 8:40 AM

World Diabetes Day 2022: विश्व मधुमेह दिवस के उपलक्ष्य में पद यात्रा कर रक्त शर्करा को नियंत्रित रखने को डाॅ वी के जगनाणी ने आवश्यक बताया. उन्होंने कहा कि अनियन्त्रित रक्त शर्करा अत्यधिक हानिकारक है एवं शरीर के प्रत्येक अंग को प्रभावित कर सकता है. अनियन्त्रित रक्त शर्करा के कारण पक्षाघात, हृदयाघात, रेटिनोपैथी (आँखों की रोशनी कम होना), नेफरोपैथी (वृक्क रोग), न्यूरोपैथी (नस तन्त्र रोग), डिस्लिपीडिमिया (वसा रोग) इत्यादि होने की सम्भावना कई गुणा बढ़ जाती है.

मधुमेह एवं हृदय रोग शिविर का आयोजन

पद यात्रा के साथ मधुमेह (World Diabetes Day 2022) एवं हृदय रोग शिविर का भी आयोजन किया गया. शिविर में 48 लोगों की जाँच हुई. इस शिविर में रक्त शर्करा, रक्तचाप, एच बी ए वन सी, फाइब्रोस्कैन (लीवर) कर डॉ वी के जगनाणी द्वारा उचित उपचार एवं परामर्श दिया गया.

मधुमेह के साथ रक्तचाप अनियन्त्रित होना करेले पर नीम चढ़ा जैसा है. ऐसी स्थिति में उपरोक्त उलझनें कई कई गुणा बढ़कर जानलेवा भी हो सकती हैं.

चिकित्सीय परामर्श से ही औषधि का सेवन जरूरी

मधुमेह एवं रक्तचाप को नियन्त्रण रहने से हमलोग इन उलझनों से बच सकते हैं. इसके लिए हमलोगों को पौष्टिक सादा गृह निर्मित भोजन, पर्याप्त जल का सेवन करना चाहिए. प्रयास कर प्रतिदिन 1 घण्टा व्यायाम करना चाहिए. हमें अपने रोग के अनुसार चिकित्सीय परामर्श से ही औषधि का सेवन करना चाहिए. कभी भी स्वयं उपचार का प्रयास न करें, हानि हो सकती है. आवश्यकतानुसार रक्त एवं अन्य जाँच कर औषधि में उचित परिवर्तन चिकित्सीय परामर्श से कर नियमित सेवन करना लाभदायक सिद्ध होता है.

विश्व मधुमेह दिवस की पद यात्रा एवं शिविर में अल्केम, ऐमन, मेडले, फ्रैंको इण्डिया, जाविक, जायडस, थायरोकेयर, एस आर एल एवं गुप्ता मेडिकल के सौजन्य से आयोजित किया गया. इस कार्यक्रम के आयोजन में शम्स तनवीर, दीपक, विनय मिश्र, विशाल, अभिषेक, निर्मल प्रकाश, प्रवीण अग्रवाल, अश्विनी अखौरी, मोहित प्रकाश, उज्जवल सिंह, अमित झा, राजन, अविनाश गुप्त, पंकज, इर्शाद एवं आर्यन गुप्त ने बहुमूल्य योगदान दिया.

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