World Elder Abuse Awareness Day 2023: दुनियाभर में हर साल 15 जून का दिन विश्व बुजुर्ग दुर्व्यवहार दिवस (WEAAD) के तौर पर मनाया जाता है. इस दिन को मनाने का खास मकसद ही है बुजुर्ग के साथ होने वाले दुर्व्यवहार की तरह लोगों का ध्यान आकर्षित करना, उन्हें जागरूक करना और इसे रोकने के प्रयास करना. इस दिन विश्व भर के वृद्धजनों को उनके अधिकारों के विषय में जागरूक भी किया जाता है.
इसे पहली बार 15 जून 2011 को मनाया गया था. इंटरनेशनल नेटवर्क फॉर द प्रिवेंशन ऑफ एल्डर एब्यूज (INPEA) द्वारा संयुक्त राष्ट्र संघ में यह प्रस्ताव रखा गया था. जिसके बाद वर्ष 2011 में इसे संयुक्त राष्ट्र सभा द्वारा आधिकारिक तौर पर मान्यता दी गई.
इस दिन का मुख्य उद्देश्य दुनियाभर में वृद्धजनों के साथ हो रहे दुर्व्यवहार के प्रति लोगों में जागरूकता फैलाना और उनके अधिकारों को बढ़ावा देना है. INPEA ने कहा है कि बुजुर्गों के लिए एक अच्छा वातावरण सुनिश्चित करना, उनके सम्मान की रक्षा करना और उन्हें उनके अधिकारों से अवगत करवाना हम सभी का दायित्व है.
भारतीय संविधान में बुजुर्गों के साथ किसी भी रूप में किए गए दुर्व्यवहार को अपराध की श्रेणी में गिना जाता है. वृद्धावस्था में किया गया दुर्व्यवहार लंबे समय तक मन-मस्तिष्क को हानी पहुंचाता है. बुजुर्गों की स्थिति समाज का एक ऐसा मुद्दा है जिस पर ध्यान दिया जाना अत्यंत आवश्यक है.
इस वर्ष, विश्व बुजुर्ग दुर्व्यवहार जागरूकता दिवस (WEAAD) दो महत्वपूर्ण घटनाओं के साथ मेल खाता है. पहला स्वस्थ उम्र बढ़ने के संयुक्त राष्ट्र दशक (2021-2030) की शुरुआत है. यह वृद्ध लोगों, उनके परिवारों और उनके समुदायों के जीवन को बेहतर बनाने के लिए विविध हितधारकों के साथ दस वर्षों के ठोस, उत्प्रेरक और निरंतर सहयोग की शुरुआत का प्रतीक है. दूसरा एजिंग पर द्वितीय विश्व असेंबली का 20वां मील का पत्थर है और मैड्रिड इंटरनेशनल प्लान ऑफ एक्शन ऑन एजिंग (एमआईपीएए) के कार्यान्वयन की चौथी समीक्षा और मूल्यांकन है. ये पुराने एजेंडे को आगे बढ़ाने के लिए अंतरराष्ट्रीय कार्रवाई के लिए नई गति उत्पन्न करने का अवसर प्रदान करते हैं.
इंटरनेशनल नेटवर्क फॉर द प्रिवेंशन ऑफ एल्डर एब्यूज (आईएनपीईए) के अनुरोध के बाद, संयुक्त राष्ट्र महासभा ने अपने संकल्प 66/127, दिसंबर 2011 में इसे आधिकारिक तौर पर मान्यता दी थी, जिसने पहली बार जून 2006 में स्मरणोत्सव की स्थापना की थी.