World Elephant Day 2022: ‘वर्ल्ड एलिफेंट डे’ यानी विश्व हाथी दिवस हर साल 12 अगस्त को मनाया जाता है. एलिफेंट रिइंट्रोडक्शन फाउंडेशन और फिल्म निर्माताओं पेट्रीसिया सिम्स और माइकल क्लार्क द्वारा साल 2011 में इस दिवस को मनाने का फैसला किया गया.
सिम्स और एलिफेंट की इंट्रोडक्शन फाउंडेशन द्वारा साल 2011 में इसकी पहल की गई थी लेकिन ऑफिशियली 12 अगस्त, 2012 को इसे मनाने की घोषणा हुई थी.
देश में 2017 में आखिरी बार हाथियों की गिनती की गई थी. 2017 में हुई हाथियों की गिनती के अनुसार भारत में 30 हजार हाथी हैं, लेकिन धीरे-धीरे इनकी संख्या कम होती जा रही है.
हाथियों की मौत के मामले में केरल भारत का सबसे बदनाम राज्य है, जहां हर तीन दिन में एक हाथी मारा जाता है.
हाथी इस विश्व के लिए बहुत महत्वपूर्ण है. हाथी दूसरी वन्यजीव प्रजातियों के लिए जंगल और सवाना पारिस्थितिकी तंत्र को बनाये रखने में मदद करते हैं. हाथी महत्वपूर्ण पारिस्थितिकी तंत्र इंजीनियर हैं.
हाथी घने जंगलों में मार्ग बनाते हैं जो दूसरे जानवरों द्वारा उपयोग किया जाता है. एक हाथी का पदचिह्न एक सूक्ष्म पारिस्थितिकी तंत्र को सक्षम कर सकता है और ये जब पानी से भर जाता है तो इसमें टैडपोल और अन्य जीव भी रह सकते हैं.
वर्तमान में देश के 14 राज्यों में लगभग 65000 वर्ग किलोमीटर में हाथियों के लिए 30 वन क्षेत्र सुरक्षित हैं. एशियाई हाथियों की वैश्विक आबादी का 60 प्रतिशत से अधिक भारत में है. परंतु हाल के वर्षों में जिस अनुपात से मानव हाथी संघर्ष की घटनाएं हुई हैं, वह अत्यंत चिंता का विषय है. हाथियों की सुरक्षा के लिए आवश्यक है कि वन विभाग, गैर सरकारी संस्थाएं एवम पर्यावरण प्रेमियों के समूह द्वारा संयुक्त रूप से जन जागरूकता तथा हाथियों के पुनर्वास के लिए सार्थक प्रयास किया जाना चाहिए.
जन्म के 20 मिनट बाद ही हाथी का बच्चा खड़ा हो जाता है. हाथी दिनभर में 150 किलो खाना खा लेता है। अगर वजन की बात करें तो हाथी का वजन 5 हजार किलो तक हो सकता है.