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विश्व पर्यावरण दिवस पर स्पीच
प्रत्येक वर्ष की भांति इस वर्ष भी 5 जून को विश्व पर्यावरण दिवस मनाया जा रहा है. जिसकी शुरुआत का उद्देश्य हमारे वातावरण को स्वच्छ व शुद्ध रखना है. संयुक्त राष्ट्र महासभा के द्वारा मानव पर्यावरण के संयुक्त राष्ट्र सम्मेलन से 1972 में इसकी शुरुआत हुई थी. पहली बार इसे 5 जून 1973 में विशेष थीम के साथ मनाया गया. प्रकृति दिवस को करीब 100 से अधिक देशों में मनाया जाता है. इस दौरान विभिन्न तरह की पर्यावरण संबंधी गतिविधियां की जाती है. प्रकृति के प्रति सकारात्मक रवैये को लेकर लोगों को जागरूक किया जाता है. स्कूल, कॉलेज व अन्य स्थानों पर निबंध, भाषण, क्विज, कला प्रतियोगिता, बैनर प्रदर्शन, संगोष्ठी, कार्यालय, नुक्कड़-नाटक आदि के जरिए लोगों को प्रोत्साहित करने का कोशिश किया जाता है. जैसा की ज्ञात को बढ़ते प्रदूषण और ग्लोबल वार्मिंग के कारण वातावरण शुद्ध होते जा रहा है. ऐसे में आने वाली पीढ़ी के लिए. इसे अनुकूल बनाने के संकल्प का दिन है विश्व पर्यावरण दिवस.
विश्व पर्यावरण दिवस निंबध 3
आज यानी 5 जून 2021 को विश्व पर्यावरण दिवस मनाया जा रहा है. इसका मुख्य उद्देश्य है पर्यावरण की रक्षा करने के लिए लोगों को जागरूक करना. इस दिन देश-दुनिया के विभिन्न संस्थान कॉले, स्कूल व अन्य स्थलों पर कार्यक्रम आयोजित की जाती है. लोगों को पर्यावरण के प्रति जागरूक करने के लिए क्वीज, भाषण, स्पीच, निबंध, चित्रकला प्रतियोगिताएं होती है. कुछ स्थानों पर मूवी, डॉक्यूमेंट्री आदि का प्रसारण करके भी लोगों को जागरूकर करने की कोशिश की जाती है. वहीं, कुछ संस्था के तरफ से पौधारोपण अभियान भी आयोजित किए जाते है. कुल मिलकार प्रयास यह किया जाता है कि वातावरण के लिए खतरनाक प्लास्टिक जैसे कई पदार्थों का उपयोग बंद किया जाए और सोलर एनर्जी जैसी इको फ्रेंडली चीजों को ज्यादा से ज्यादा प्रयोग में लाया जाए.
विश्व पर्यावरण दिवस निंबध 2
विश्व पर्यावरण दिवस एक अभियान है वातावरण को स्वच्छ बनाने का. यह हर वर्ष 5 जून को 100 से ज्यादा देशों में इसे मनाया जाता है. इस अभियान का उद्देश्य है लोगों के मन में प्रकृति के प्रति प्रेम को उजागर करना. इसे नष्ट से होने से देने से बचाना.
आपको बता दें कि विश्व पर्यावरण दिवस की घोषणा सबसे पहले संयुक्त राष्ट्र महासभा द्वारा की गयी थी. 1972 में पर्यावरण को लेकर एक सम्मेलन किया गया और 5 जून 1973 को पहली बार इसे विशेष थी में साथ मनाया गया.
इस दिन पर्यावरण से संबंधित विषयों पर चर्चा होती है. विभिन्न गतिविधियां व कार्यक्रम आयोजित किए जाते है. जिनमें निबंध लेखन, भाषण, क्विज प्रतियोगिता, कला प्रतियोगिता, बैनर प्रदर्शन, सेमिनार, संगोष्ठियों, चित्रकला प्रतियोगिता, डॉक्यूमेंटरी या मूवी शो आदि शामिल है.
विश्व पर्यावरण दिवस पर निबंध
हर साल की भांति इस साल भी पांच जून को विश्व पर्यावरण दिवस मनाया जा रहा है. यह 100 से अधिक देशों में मनाया जाता है. जिसकी घोषणा संयुक्त राष्ट्र महासभा के द्वारा 1972 में की गई थी. पहली बार 1974 में यह विशेष थीम के साथ मनाया गया था. हर साल से कोई ना कोई देश इसकी मेजबानी करता है. इस साल पाकिस्तान इस दिवस की मेजबानी कर रहा है. इस बार यह इकोसिस्टम रीस्टोरेशन थीम के साथ मनाया जा रहा है. जबकि वर्ष 2020 में सेलिब्रेट बायोडायवर्सिटी थीम के साथ से मनाया गया था.
इस दिन दुनिया भर की विभिन्न संस्थाएं, दफ्तर, स्कूल, कॉलेज आदि में पर्यावरण से संबंधित क्वीज, भाषण, निबंध, चित्रांकण प्रतियोगिता या या अन्य कार्यक्रम व पौधारोपण अभियान आयोजित किए जाते है. साथ ही साथ पर्यावरण को स्वच्छ बनाए रखने का संकल्प भी लिया जाता है.
हालांकि इस दिन सार्वजनिक अवकाश नहीं होता है. लेकिन लोगों को बृहद रूप से वृक्षारोपण, प्रकृति प्रेम, वृक्ष कटाईसे रोकने के लिए जागरूक किया जाता है. साथ ही साथ उन्हें आसपास को साफ सुथरा रखने, पानी की बचत, बिजली का कम उपयोग करने उसके जगह पर सोलर एनर्जी का उपयोग करने, जंगली जीवन की सुरक्षा आदि के लिए संकल्प भी लिया दिलाया जाता है. ताकि हमारी प्राकृतिक सुंदरता सदैव बरकरार रहे.
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विश्व पर्यावरण दिवस पर लेख: जीवन के लिए जंगली बनो...
विश्व पर्यावरण दिवस, प्रति वर्ष 5 जून को मनाया जाता है. विश्व पर्यावरण दिवस वर्ष 1972 में संयुक्त राष्ट्र महासभा द्वारा स्थापित किया गया था. यह पहली बार वर्ष 1973 में पृथ्वी पर वातावरण को प्रदूषित होने से बचाने के लिए सकारात्मक कदम उठाने और इस दिशा में दुनिया भर के लोगों को प्रेरित करने के उद्देश्य से विश्व पर्यावरण दिवस मनाया गया था. अवैध व्यापार की वजह से हमारी कीमती जैव विविधता नष्ट होते जा रहे हैं. वहीं, जंगली जानवरों जैसे हाथी, बाघ, राइनो, गोरिल्ला, समुद्री कछुए, आदि महत्वपूर्ण प्रजातियों के अस्तित्व समाप्त होने के कगार पर पहुंच गए है. विश्व पर्यावरण दिवस 2016 का नारा था "जीवन के लिए जंगली बनो” ताकि वन्यजीवों के प्रति अपराध में शामिल लोगों को सुधार सकें और उनके द्वारा किए गए नुकसान की भरपाई कर सकें. पृथ्वी पर एक बेहतर भविष्य पाने के लिए इस बड़ी समस्या को हल करना आवश्यक है और यह एक बड़ी चुनौती के रूप में हमारे सामने है.
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मानव गतिविधियां है जिम्मेदार
प्रकृति ने समस्त जीवों की उत्पत्ति एक ही सिद्धांत के तहत की है. वह समस्त चर-अचर जीवों के अस्तित्व को एक दूसरे से जुड़ा हुआ है. लेकिन समस्या तब शुरू हुई जब मनुष्य ने स्वयं को पर्यावरण का हिस्सा ना मानकर उसको अपनी आवश्यकताओं के अनुसार विकृति करने लगा. इन गतिविधियों ने प्रकृति के रूप को पूरी तरह बिगाड़ दिया. नदियां, पहाड़, जंगल और जीव पृथ्वी पर चारों तरफ जो नजर आते थे इनकी संख्या घटती गई. इनमें से ढेरों विलुप्त के कगार पर हैं. ऐसा लगता है कि इंसान समाज ने प्रकृति के विरुद्ध एक अघोषित युद्ध छेड़ रखा है और स्वयं को प्रकृति से अधिक ताकतवर साबित करने में जुटा हुआ है. यह जानते हुए भी कि प्रकृति के विरुद्ध युद्ध में वह जीत कर भी अपना वजूद सुरक्षित नहीं रख पाएंगे.
धन्यावाद
विश्व पर्यावरण दिवस पर पहला भाषण
इस बार विश्व पर्यावरण दिवस 2021 'इकोसिस्टम रीस्टोरेशन' थीम के साथ मनाया जा रहा है. पर्यावरण में फैला प्रदूषण धीरे-धीरे वैश्विक संकट बनते जा रहा है. जिसके प्रति लोगों को जागरूक करने का दिन ही है प्रकृति दिवस. इसके खिलाफ लोगों को जागरूक करने के लिए ही इस दिन की शुरुआत की गई. प्रदूषण से पृथ्वी से लेकर वायु मंडल व इस पर रहने वाले सभी जीव-जंतुओं के अस्तित्व पर खतरा मंडराने लगा है. वनों की अनियंत्रित कटाई इसका मुख्य कारण है. जिसके परिणाम स्वरूप बढ़ते ग्लोबल वार्मिंग, चक्रवात, बाढ़, तूफान आदि का खतरा दुनिया पर मंडरा रहा है. वैज्ञानिक व पर्यावरणविद् लगातार इसे लेकर लोगों को जागरूक होने की सलाह दे रहे हैं. ऐसे में सभी को जरूरत है पौधारोपन का. यदि एक पेड़ काटते हैं तो अपने लिए न सही अपनी आने वाले पीढ़ी के लिए सैकड़ों पौधे लगाएं.
धन्यावाद
विश्व पर्यावरण दिवस पर पहला भाषण
यहां उपस्थित सभी आदरणीय महानुभव, प्रिंसिपल सर, मैडम व मेरे प्रिय साथियों. आप सभी को विश्व पर्यावरण दिवस की ढेर सारी शुभकामनाएं. मेरा नाम....मैं कक्षा.... का छात्र/छात्रा हूं. आज हम एक गंभीर विषय पर चर्चा करने के लिए उपस्थित हुए हैं. दरअसल, कुछ दशकों से हमारा पर्यावरण लगातार प्रदूषित हो रहा है. जिससे इस पर रहने वाले जीव-जंतु, जलवायु समेत सभी चीजें प्रदूषित हो रही है. जिससे सबके अस्तित्व पर खतरा मंडरा रहा है. विश्व पर्यावरण दिवस मनाने का एकमात्र उद्देश्य है कि लोगों को इसके प्रति जागरूक करना. ताकि लोग ज्यादा से ज्यादा पौधारोपण करें ना की पेड़ों की कटाई. जिस तरह से देश में विकास हो रहा है, कंस्ट्रक्शन किए जा रहे हैं उसके बदले कई पेड़ पौधे की कटाई बड़ी मात्रा में कर दी जा रही है. ऐसे में यह जीवनदायिनी पेड़-पौधे ही अगर नहीं रहेंगे तो हम या हमारी आने वाली पीढ़ी कैसे रहेगी. ऐसे में हमें एकजूट होकर इसे गंभीरता से लेना होगा. वन प्रबंधन, ग्रीन हाउस गैस को नियंत्रण करना, पनबिजली संयंत्र का उपयोग या सोलर ऊर्जा के इस्तेमाल करने से ही हमारा वातावरण शुद्ध हो सकता है.
धन्यवाद
आपका विश्वासी
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