world family day 2020: कोरोना संकट की मजबूरी ही सही लेकिन एक बार फिर से लोगों को संयुक्त परिवार के हिंदुस्तानी परिवेश की याद ताजा हो गई. इस संकट काल में 50 से ज्यादा दिन तक घर के अंदर रहने वाले लोगों ने ये एहसास किया होगा कि जो संयुक्त परिवार में हैं उनके लिए ये मुसीबत खेल खेल और बच्चों बूढ़ों के साथ मस्ती में निकल गया लेकिन ये संकट उन लोगों के लिए बहुत भारी साबित हो रहा है जो एकल परिवार यानी मियां बीवी और बच्चे वाले फैमिली सिस्टम में रह रहे हैं. आज फैमिली डे पर आपके साथ शेयर कर रहे हैं ऐसी ही एक सर्वे रिपोर्ट जो ये कहती है कि एकल परिवार के नुकसान और संयुक्त परिवार के फायदे क्या हैं…
जर्नल आफ इवोल्यूशन आफ मेडिकल एंड डेंटल साइंसेस में छपी एक रिपोर्ट के मुताबिक शहरों की न्यूक्लियर फैमिली में रहने वाले पुरुष और महिला दोनों की सेहत खराब पाई गई. यही नहीं उनमें से ज्यादातर लोगों को शराब और सिगरेट जैसे नशे की लत भी लग गई थी. हालांकि एक बात जरूर सामने आई कि एकल परिवार की ज्यादातर औरतों को प्रसव संबंधी पूरी जागरूकता थी. यानी सेहत के लिए क्या फायदेमंद है और क्या नुकसानदायक है इसकी जागरूकता एकल परिवार वालों को ज्यादा है लेकिन इसके बावजूद वो ज्यादा बीमार पाए गए. इसकी सबसे बड़ी वजह ये है कि संयुक्त परिवार में लोग एक दूसरे का ख्याल रखते हैं तो सेहत सभी की ठीक रहती है जबकि एकल परिवार में ऐसा नहीं होता है.
क्या निकला एकल परिवार में:
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25.71% पुरुषों पर मध्यम स्तर का वर्कलोड था.
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68.57% पुरुषों पर आफिस वर्कलोड बहुत ज्यादा पाया गया.
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37.15% पुरुषों की सेहत काफी खराब पाई गई.
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48.57% पुरुष शराब पीने के आदी पाए गए.
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37.14% पुरुषों को सिगरेट की लत थी.
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सिर्फ 34.29% पैरेंट चाइल्ड रिलेशनशिप से संतुष्ट थे.
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45.71% ने कहा कि संयुक्त परिवार ही रहने का बढ़िया तरीका है.
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65.87% पुरुषों पर मध्यम स्तर का वर्कलोड पाया गया.
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सिर्फ 18.25% पुरुषों पर काम का अतिरिक्त दबाव था.
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92.06% पुरुषों की सेहत औसत स्तर पर ठीक पाई गई.
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15.87% पुरुष ही शराब पीने के आदी थे.
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19.05% पुरुष सिगरेट पीने की आदत थी.
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91.27% पुरुषों ने कहा कि वे पैरेंट चाइल्ड रिलेशनशिप से संतुष्ट हैं.
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50% महिलाओं पर अतिरिक्त काम का प्रेशर दिखा.
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40% महिलाओं की सेहत खराब पाई गई.
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60% महिलाएं पैरेंट चाइल्ड रिलेशनशिप से संतुष्ट थीं.
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33.33% महिलाओं ने कहा कि उन्हें संयुक्त परिवार में रहना पसंद है.
67.27% महिलाओं ने बताया कि उनपर काम का बहुत लोड रहता है.
34.55% महिलाओं की ही सेहत ठीक पाई गई.
ये आंकड़े 2011 की जनगणना के आधार पर हैं
ये है शहरों की स्थिति———
न्यूक्लियर फैमिली: 70 प्रतिशत
अकेले रहने वाले: 11 प्रतिशत
संयुक्त परिवार में: 20 प्रतिशत
नोट: गांवों में ये आंकड़ा काफी बेहतर है. वहां संयुक्त परिवार ज्यादा हैं.
ये अध्ययन 50 एकल परिवार और 50 संयुक्त परिवार के आधार पर किया गया है. इसे एस बी बंसल, संजय दीक्षित, गीता शिवराम, ध्रुवेंद्र पांडेय और सतीश सरोश ने मिलकर किया था.