World Intellectual Property Day 2022: आज के दिन यानी 26 अप्रैल को विश्व बौद्धिक संपदा दिवस (Intellectual Property Day) मनाया जाता है. इस दिन की शुरुआत विश्व बौद्धिक संपदा संगठन (World Intellectual Property Organization) द्वारा साल 2000 में दुनिया भर में “नवाचार और रचनामकता को बढ़ावा देने में बौद्धिक संपदा अधिकारों पेटेंट, कॉपीराइट, ट्रेडमार्क और डिज़ाइन की भूमिका के बारे में जागरूकता फैलाने और रोजमर्रा के जीवन पर रचनाकारों द्वारा समाज के विकास में किए गए योगदान को बढ़ावा देने के लिए की गई थी.
यह संयुक्त राष्ट्र की सबसे पुरानी एजेंसियों में से एक है. गौरतलब है कि डब्ल्यूआईपीओ संयुक्त राष्ट्र के 15 विशिष्ट एजेंसियों में से एक है. इसकी स्थापना 14 जुलाई 1967 को हुई थी. इसका मुख्यालय जिनेवा, स्विट्जरलैंड में है. डब्ल्यूआईपीओ बौद्धिक संपदा की जानकारी के लिये विश्वसनीय वैश्विक संदर्भ स्रोत का काम करता है. भारत डब्ल्यूआईपीओ का सदस्य है और डब्ल्यूआईपीओ द्वारा प्रशासित कई संधिओं के लिए पार्टी है.
बौद्धिक संपदा अधिकार, मानसिक रचनाएं, कलात्मक और वाणिज्यिक, दोनों के संदर्भ में विशेष अधिकारों के समूह हैं. प्रथम अधिकार कॉपीराइट क़ानूनों से आवृत हैं, जो रचनात्मक कार्यों, जैसे पुस्तकें, फ़िल्में, संगीत, पेंटिंग, छाया-चित्र और सॉफ्टवेयर को संरक्षण प्रदान करता है और कॉपीराइट अधिकार-धारक को एक निश्चित अवधि के लिए पुनरुत्पादन पर या उसके रूपांतरण पर नियंत्रण का विशेष अधिकार देता है. दूसरी श्रेणी, सामूहिक रूप से “औद्योगिक संपत्ति” के रूप में जानी जाती है, क्योंकि इनका उपयोग विशिष्ट रूप से औद्योगिक या वाणिज्यिक प्रयोजनों के लिए किया जाता है.
इसे पेटेंट एक नए, उपयोगी और अस्पष्ट आविष्कार के लिए दिया जा सकता है और पेटेंट धारक को दूसरों को आविष्कारक द्वारा बिना लाइसेंस दिए एक निश्चित अवधि के लिए आविष्कार के अभ्यास से रोकने का अधिकार प्रदान करता है. बहु पक्षीय व्यापार और वाणिज्य बढ़ाने के वर्तमान के वैश्विक परिदृश्य में किसी भी देश के लिए रचनाकारों और आविष्कारकों को सांविधिक अधिकार प्रदान करके अपनी बौद्धिक सम्पत्ति की सुरक्षा करना आवश्यक हो गया है और इससे उन्हें विश्व के बाज़ार में अपने प्रयासों का उचित वाणिज्यिक मूल्य प्राप्त करने में मदद मिलती है.
नवीन और सृजनात्मक क्षमता को विश्व व्यापार संगठन की बौद्धिक सम्पत्ति प्रणाली के तहत सुरक्षित रखा जाता है. इस तथ्य को मानते हुए, भारत ने विश्व व्यापार संगठन का एक संस्थापक सदस्य होने के नाते व्यापार संबंधी बौद्धिक सम्पत्ति अधिकारों (टीआरआईपीएस) से संबंधित करार का अनुसमर्थन किया है. इस करार के अनुसार भारत सहित सभी सदस्य देश परस्पर वार्ता से निर्धारित किए गए प्रतिमानों और मानकों का पालन अनुबंधित समय सीमा के अंतर्गत करेंगे.