World Lion Day 2022: विश्व शेर दिवस (World Lion Day) हर साल 10 अगस्त को शेरों के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए मनाया जाता है. यह दिन शेर के संरक्षण के लिए समर्थन जुटाने का भी प्रयास करता है.
साल 2013 में विश्व शेर दिवस मनाने की शुरुआत हुई थी, ताकि शेर की दुर्दशा और उनके विषय में विश्व स्तर पर बात की जा सके एवं लोगों को इनके लिए जागरूकता फैलाए जा सके. जो लोग जंगली शेर के आस-पास रहते हैं उन्हें उनके विषय में शिक्षित किया जा सके और उनकी विलुप्त हो रही प्रजातियों को सुरक्षित और संरक्षित किया जा सके. हर साल 2013 से लेकर अब तक 10 अगस्त को विश्व शेर दिवस मनाया जाता है.
लोग अवैध रूप से शेर का शिकार कर उन्हें वैश्विक बाजार पर बेच रहे हैं इसलिए सरकार और एनिमल एक्टिविस्ट का कहना है कि इकोसिस्टम में संतुलन बनाए रखने के लिए शेरों का होना बहुत महत्वपूर्ण है. लेकिन धीरे-धीरे तस्करी और अवैध शिकारी के चलते शेर की प्रजातियां और संख्या विलुप्त होते जा रहे हैं, इसलिए इन्हें संरक्षण प्रदान करना बहुत महत्वपूर्ण है इसलिए ही इस दिन को मनाया जाता है, ताकि विश्व स्तर पर शेरों की घटती आबादी को संरक्षण प्रदान किया जा सके.
शेरों के इतिहास की बात करे तो आज से लगभग तीन मिलियन साल पहले एशिया, अफ्रीका, मध्य पूर्व और यूरोप में शेर स्वतंत्र रूप से घूमते थे. लेकिन बीते 100 सालों में शेर अपनी ऐतिहासिक सीमा के 80 प्रतिशत इलाके से गायब हो गए हैं. वर्तमान में शेर 25 से ज्यादा अफ्रीकी देशों और एक एशियाई देश में मौजूद हैं. हाल ही में किए गए सर्वेक्षण से पता चला है कि शेरों की संख्या 30,000 से घटकर लगभग 20,000 हो गई है.
भारत में पाए जाने वाले एशियाई शेरों की बात की जाए तो वह अब प्रतिबंधित गिर वन और राष्ट्रीय उद्यान और इसके आसपास के क्षेत्रों में ही पाए जाते हैं. हालांकि बीते दिनों की बात करे तो दशकों साल पहले ये पश्चिम में सिंध से लेकर पूर्व में बिहार तक फैले भारत-गंगा के मैदानों में स्वतंत्र रूप से घूमते थे.
एशियाई शेर को वैज्ञानिक रूप से पेंथेरा लियो पर्सिका (Panthera leo persica) कहा जाता है. इनकी ऊंचाई लगभग 110 सेमी होती है. उन्हें वन्यजीव (संरक्षण) अधिनियम 1972 की अनुसूची I में सूचीबद्ध किया गया है और IUCN रेड लिस्ट में लुप्तप्राय प्रजातियों के रूप में माना जाता है. वयस्क नर शेर का वजन 160 से 190 किलोग्राम के बीच होता है और मादा का वजन 110 से 120 किलोग्राम के बीच होता है.
2020 में, गुजरात के गिर जंगलों में एशियाई शेरों की आबादी में लगभग 29% की वृद्धि हुई है. शेरों के वितरण क्षेत्र में भी 36% की वृद्धि हुई है.