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विश्व विवाह दिवस : वैवाहिक रिश्ता सहेजने में काम आयेंगे ये टिप्स

World Marriage Day: कहते हैं कि शादी एक इमारत है, जिसे आप अपने जीवनसाथी के साथ मिलकर बनाते हैं. इसके आंगन में बीते छोटे-छोटे पल ही आपकी प्रेम कहानी बनाते हैं. इस कहानी में शादी को जिंदगी की नयी शुरुआत माना जाता है. इस बंधन में अनगिनत खुशियां जीवन में दस्तक देती हैं.

By Prabhat Khabar News Desk | February 11, 2024 12:05 PM
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World Marriage Day: खुशहाल शादीशुदा जिंदगी की चाहत इस अटूट बंधन में बंधने वाले हर मन को होती है. जिंदगी भर के इस साथ में स्नेह और सामंजस्य की मौजूदगी की आशा भी की जाती है. वैवाहिक जीवन में कदम रखने वाला हर इंसान इस सफर में सहजता और समर्पण की ही उम्मीद रखता है. भावी रिश्तों की देहरी पर पंरपराओं को निभाते हुए कदम रखने वाला हर दिल यही दुआ करता है कि गठबंधन की यह गांठ कभी न टूटे. ऐसी कितनी ही प्यारी चाहतों को मन में लिए आज के नये दौर के जोड़े नयी तरह की जिम्मेदरियों के साथ शादीशुदा जीवन में कदम रखते हैं. वैवाहिक जीवन के परंपरागत स्वरूप से थोड़ी अलग है इन शादियों की निबाह, लेकिन समझ और सहजता से सात फेरों के इस बंधन को सदैव स्नेह से लबरेज रखा जा सकता है.

जिम्मेदारियों भरा जुड़ाव

कहते हैं कि शादी एक इमारत है, जिसे आप अपने जीवनसाथी के साथ मिलकर बनाते हैं. इसके आंगन में बीते छोटे-छोटे पल ही आपकी प्रेम कहानी बनाते हैं. इस कहानी में शादी को जिंदगी की नयी शुरुआत माना जाता है. इस बंधन में अनगिनत खुशियां जीवन में दस्तक देती हैं. साथ ही कुछ जिम्मेदारियां और चुनौतियां भी आती हैं. आज के समय में इस रिश्ते को मन के जुड़ाव के साथ ही गहरी समझ की भी दरकार है. शिक्षित, कामयाब और हर तरह से अवेयर, जोड़ों के मन ही नहीं, दिमाग का भी एक दूजे से जुड़ना जरूरी है. यानी, वैवाहिक जीवन के सहज निभाव के लिए अब स्नेह और समर्पण तो जरूरी है ही, समझ और समन्वय भी आवश्यक है.

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साझी खुशी का स्वागत

शादीशुदा जीवन में दोनों एक दूजे की खुशी का ख्याल करें तो ऐसी खुशियां साझी खुशियां बन जाती हैं. वैवाहिक जीवन में कदम रख रहे नये जोड़ों को भी यही करना होगा. आज की भागदौड़ भरी जीवनशैली में ये मिली-जुली खुशियां ही साथ को मायने देती हैं. शुरुआत से ही ख्याल रखें कि सब कुछ हासिल करने की व्यस्तता में ऐसी खुशियां न खो जायें. ऐसी साझी खुशियां जीवनभर के लिए इस इमोश्नल बॉन्ड को मजबूत करती हैं. यह अहसास दिलाती हैं कि तमाम व्यस्तताओं के बावजूद आपके साथी के लिए आपकी खुशियों के बहुत मायने हैं. शादीशुदा जीवन में हमेशा खुश रहें और खुश रखने वाला फॉर्मूला अपनायें. अपने संबंधों को ऐसा बनायें, जिसमें रहकर आप दोनों खुशी महसूस करें. अपने साथी के साथ समय बिताकर पति-पत्नी दोनों ही अपनी सारी चिंता-फिक्र भूल जायें. शादी के नये रिश्ते को नये ढंग, नयी सोच के साथ समझें. मौजूदा दौर में दो लोग साथ रहते हुए भी हर तरह से अपनी निजी पहचान को बरकरार रखना चाहते हैं. ऐसे में अपने ही नहीं अपने साथी के भी शौक, पसंद, विचार, उम्मीदों और इच्छाओं को महत्व दें.

संवाद बने समझ की बुनियाद

जीवन भर के बंधन के शुरुआती पड़ाव पर ही यह समझ लें कि आजकल दोनों की जिंदगी व्यस्तता के घेरे में घिरी होती है. घर ही नहीं, ऑफिस की भी जिम्मेदारियां आप दोनों के हिस्से होती हैं. जीवनशैली ही ऐसी होती है कि दूरियां पनपने लगती हैं. खुलेपन के इस दौर में दोस्तों और सहकर्मियों के साथ संवाद और मेलजोल भी पति और पत्नी दोनों के लिए आम बात है. ऐसे में कई बार जाने-अनजाने भरोसा भी दरकने लगता है, पर दांपत्य जीवन तो विश्वास की बुनियाद पर ही टिका होता है. इस विश्वास को टूटने न दें. हाल के समय में तलाक के ऐसे मामले तेजी से बढ़े हैं, जिनकी वजह नये-नये रिश्ते में संवाद न होकर शक का जगह बना लेना है. कई बार देखने में आता है कि वर्कलोड की वजह से होने वाली व्यस्तता के चलते भी अक्सर छोटी-छोटी बातों पर तकरार शुरू हो जाती है. कई बार अपने साथी की इस व्यस्तता को कुछ और ही समझ लिया जाता है, जिसके चलते दोनों के बीच कम्युनिकेशन गैप भी आ जाता है. आपसी बातचीत ही ऐसी उलझन का सही हल हो सकती है. इसलिए आज के दौर में हर सफल और सजग जोड़े को आपसी विश्वास को मजबूती देने की कोशिश शादी के शुरुआती दौर से करनी चाहिए. याद रखिए कि रिश्ता आप दोनों का है, इसे प्यार और जतन से सहेजें.

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ढीली पड़ रही है आज रिश्ते की डोर

मौजूदा समय में शादी जैसे रिश्ते की डोर ढीली पड़ती नजर आ रही है. आंकड़े बताते हैं कि बीते एक दशक में तलाक के मामलों में 56 प्रतिशत का इजाफा हुआ है. महानगरों में तो शादी के पांच साल के अंदर ही तलाक चाहने वाले ज्यादातर युवाओं की संख्या तेजी से बढ़ी है. देश भर में हर 100वीं शादी का अंत तलाक तक पहुंच रहा है. तलाक के मामले सिर्फ बड़े शहरों में ही नहीं, बल्कि छोटे शहरों और कस्बे में भी बढ़ रहे हैं. तलाक लेने वाले जोड़ों में कई सारे ऐसे भी हैं, जो बेहद छोटी-छोटी बातों पर अपनी राहें अलग कर रहे हैं. यही वजह है कि इस रिश्ते के पहले सोपान पर ही सही समझ की बुनियाद बनना जरूरी है.

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