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International Men’s Day 2022: आज है अंतरराष्ट्रीय पुरुष दिवस, जानें  इस दिन का इतिहास और महत्व

International Men's Day 2022: भारत में अंतरराष्ट्रीय पुरुष दिवस पहली बार 2007 में 19 नवंबर को मनाया गया. पुरुषों के प्रति जागरूकता बढ़ाने के उद्देश्य से हर साल 19 नवंबर को यह दिन सेलिब्रेट किया जाता है. आइए जानते हैं इस दिन के इतिहास, महत्व से जुड़ी जरूरी बातों के साथ ही क्या है इस बार का थीम ...

By Shaurya Punj | November 19, 2022 5:01 AM

International Men’s Day 2022: आज  विश्व भर में अंतरराष्ट्रीय पुरुष दिवस मनाया जा रहा है. जैसे विश्व महिला दिवस 8 मार्च को मनाया जाता है उसी तरह से नवंबर माह के 1 तारीख को विश्व पुरुष दिवस मनाया जाता है.  आइए जानते हैं इस दिन के इतिहास, महत्व से जुड़ी जरूरी बातों के साथ ही क्या है इस बार का थीम …

भारत में पहली बार कब मनाया गया था अंतरराष्ट्रीय पुरुष दिवस

भारत में अंतरराष्ट्रीय पुरुष दिवस पहली बार 2007 में 19 नवंबर को मनाया गया. पुरुषों के प्रति जागरूकता बढ़ाने के उद्देश्य से हर साल 19 नवंबर को यह दिन सेलिब्रेट किया जाता है. यह दिन पुरुषों को उनके अधिकार दिलाने, भेदभाव, शोषण, उत्पीड़न या हिंसा के खिलाफ मनाया जाता है. पूरी दुनिया के 80 देशों में अंतरराष्ट्रीय पुरुष दिवस मनाया जाता है.

अंतर्राष्ट्रीय पुरुष दिवस 2022 की थीम

प्रतिवर्ष पुरुष दिवस की एक थीम निर्धारित होती है, जिसके आधार पर इस दिन को मनाया जाता है. अंतर्राष्ट्रीय पुरुष दिवस 2022 की थीम ‘पुरुषों और लड़कों की मदद करना’ (Helping Men and Boys) है. इस थीम का उद्देश्य विश्व स्तर पर मर्दों के स्वास्थ्य और कल्याण में सुधार के लिए कार्य करना है.

पुरुषों के खिलाफ भी आंकड़े चौंकाने वाले हैं

InternationalMensDay की एक वेबसाइट भी है. इसमें जिक्र है कि पूरी दुनिया में महिलाओं की अपेक्षा पुरुष 3 गुना ज्यादा सुसाइड करते हैं. वहीं 3 में से एक पुरुष घरेलू हिंसा का शिकार होता है. महिलाओं की मौत से 4 से 5 साल पहले ही पुरुषों की मौत हो जाती है. महिलाओं की अपेक्षा पुरुष दोगुना दिल के मरीज हैं. हालांकि इन आंकड़ों में कितनी सच्चाई है इसकी पुष्टि नहीं होती है.

International Men’s Day 2022: पुरुष दिवस मनाने के मुख्य उद्देश्य

  • पुरुष रोल मॉडल को बढ़ावा देना.

  • समाज, समुदाय, परिवार, विवाह, बच्चों की देखभाल और पर्यावरण के लिए पुरुषों के सकारात्मक योगदान का जश्न मनाना.

  • पुरुषों के स्वास्थ्य और भलाई पर ध्यान केंद्रित करना; सामाजिक, भावनात्मक, शारीरिक और आध्यात्मिक तौर पर.

  • पुरुषों के खिलाफ भेदभाव को उजागर करना.

  • लिंग संबंधों में सुधार और लैंगिक समानता को बढ़ावा देना.

  • एक सुरक्षित, बेहतर दुनिया बनाना.

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