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World No Tobacco Day 2022: विश्व तंबाकू दिवस आज, जानें कैसे ये सेहत के साथ वातावरण को भी करता है खराब

World No Tobacco Day 2022: हर साल 31 मई को ‘विश्व तंबाकू निषेध दिवस’ मनाया जाता है. ‘विश्‍व तंबाकू निषेध दिवस’ मनाने का मुख्य उद्देश्य तंबाकू के खतरों और स्वास्थ्य पर इसके नकारात्मक प्रभावों के प्रति लोगों में जागरूकता फैलाना है.

World No Tobacco Day : आज के दिन यानी हर साल 31 मई को ‘विश्व तंबाकू निषेध दिवस’ मनाया जाता है. हम सभी को पता है कि तंबाकू का सेवन हमारे स्वास्थ्य के लिए कितना हानिकारक है, फिर भी लोग तंबाकू के सेवन करना नहीं छोड़ते. ग्लोबल एडल्ट टोबैको सर्वे (2016-2017) के अनुसार भारत में तंबाकू सेवन प्रारंभ करने की औसत आयु 18.7 वर्ष है और महिलाओं की तुलना में पुरुष कम उम्र में तंबाकू का सेवन शुरू कर देते हैं.

विश्व तंबाकू निषेध दिवस का महत्‍व

‘विश्‍व तंबाकू निषेध दिवस’ मनाने का मुख्य उद्देश्य तंबाकू के खतरों और स्वास्थ्य पर इसके नकारात्मक प्रभावों के प्रति लोगों में जागरूकता फैलाना है. यही नहीं, इसके साथ-साथ निकोटीन व्‍यावसाय और तंबाकू के सेवन से होने वाली बीमारियों और मौतों को कम करना भी है.

विश्व तंबाकू निषेध दिवस का इतिहास

दरअसल, सबसे पहले विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा 1987 में एक प्रस्ताव पारित किया गया था. जिसे 7 अप्रैल, 1988 को ‘विश्व धूम्रपान निषेध दिवस’ के रूप में लागू किया गया है. इस अधिनियम के तहत लोगों को कम से कम 24 घंटे तक तंबाकू का उपयोग करने से रोकना था. हालांकि, बाद में इसे 31 मई से विश्व तंबाकू निषेध दिवस के रूप में मनाया जाने लगा. वर्ष 2008 में WHO ने तंबाकू से संबंधित किसी भी विज्ञापन या प्रचार पर भी प्रतिबंध लगा दिया. इसका मकसद था कि विज्ञापन देख युवा को धूम्रपान करने के लिए आकर्षित न हों.

क्‍या है इस बार की थीम

इस बार ‘विश्‍व तंबाकू निषेध दिवस’ की थीम है– ‘पर्यावरण की रक्षा करें’. बता दें कि पिछले साल इस दिवस की थीम “कमिट टू क्विट” थी.

शरीर के किस हिस्से को कितना कर सकता है प्रभावित, कौन-कौन सी बीमारियां संभव
क्रिटिकल केयर मेडिसीन के डॉ. हिमांशु कुमार कहते हैं कि सिगरेट या तंबाकू में निकोटीन नाम का एक पदार्थ पाया जाता है जो बेहद खतरनाक हो सकता है. कोरोना काल में तंबाकू का सेवन आपको मौत के कगार पर ला सकता है. इससे कई गंभीर बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है. जहां कोरोना के दौरान फेफड़ों में ऑक्सीजन नहीं पहुंच पाने से लोगों की जान जा रही है. ऐसे में धूम्रपान करने वाले लोगों में कोविड होने से तुरंत गंभीर स्थिति उत्पन्न हो सकती है. वे बताते हैं कि शरीर में तंबाकू निम्नलिखित अंगों को प्रभावित कर सकता है…

  • दरअसल, मस्तिष्क में जहरीला पदार्थ निकोटीन जब पहुंचता है तो हमें बेचैनी, चिड़चिड़पन आदि महसूस हो सकता है.

  • इससे दिल की बीमारी का खतरा चार गुना अधिक बढ़ जाता है.

  • तंबाकू फेफड़ों में एक परत बैठा सकता है जिससे महत्वपूर्ण गैस एक्सचेंज होने में दिक्कत होने लगती है. परिणाम स्वरूप ऑक्सीजन की कमी हो सकती है.

  • इससे लंग्स व मुंह के कैंसर का खतरा भी बढ़ सकता है.

  • इससे शरीर में ग्लूकोज की मात्रा बढ़ जाती है जिससे डायबिटीज जैसी बीमारी भी संभव है.

  • इसके धुएं में आर्सेनिक, फार्मलाडिहाइड और अमोनिया जैसे हानिकारक रसासन पाए जाते है.

  • जो ब्लड में मिश्रण होकर हमारी आंखों के नाजुक ऊतकों को नुकसान पहुंचा सकते है जिससे रोशनी तक जा सकती है.

  • पुरुष या महिलाओं जो धूम्रपान का सेवन करते है उनमें डिमेंशिया या अल्जाइमर जैसे रोग हो सकते है. जिससे आपकी याददाशत तक जा सकती है.

  • इससे महिलाओं की प्रजनन क्षमता भी प्रभावित होती है.

  • यह दिल की धड़कन के साथ-साथ ब्लड प्रेशर को भी बढ़ा सकता है.

  • तंबाकू के सेवन से लकवा, गठिया, फेफड़े का रोग समेत अन्य समस्याएं हो सकती है.

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