World Piano Day 2022: हर साल 29 मार्च को विश्व पियानो दिवस मनाया जाता है. हर जगह संगीत समारोहों में एक पियानो का उपयोग किया जाता है और इसका एक लंबा इतिहास है. आज इस खास दिन पर हम आपके साथ इस म्यूजिकल इंस्ट्रूमेंट के बारे में कुछ रोचक तथ्य साझा कर रहे हैं, जिनके बारे में जानकारी शायद ही आपके पास हो
पियानो का आविष्कार इटली में 1709 में हार्पसीकोर्ड निर्माता बार्टोलोमो डी फ्रांसेस्को क्रिस्टोफोरी द्वारा किया गया था. क्रिस्टोफ़ोरी के मूल पियानो में से एक अभी भी न्यूयॉर्क शहर में मेट्रोपॉलिटन म्यूज़ियम ऑफ़ आर्ट में है
पियानो शब्द पियानोफोर्ट शब्द का छोटा संस्करण है, जिसका अर्थ है नरम (पियानो) और जोर से (फोर्ट).
पहले पियानो बहुत महंगे हुआ करते थे. लगभग एक सदी तक, केवल एक खास वर्ग के लोग ही पियानो का खर्च उठा सकते थे.
एक नए पियानो को उसके नए वातावरण और बदलते मौसम के साथ समायोजित करने के लिए साल में चार बार ट्यून किया जाना चाहिए. पहले वर्ष के बाद, वर्ष में दो बार ट्यूनिंग पर्याप्त है.
पियानो में कुल 88 ब्लैक एंड व्हाइट की हैं.
पियानो एक अविश्वसनीय रूप से जटिल उपकरण है. इसके 12,000 से अधिक भाग हैं, जिनमें से 10,000 चल रहे हैं.
अब तक के सबसे बड़े पियानो का वजन 1.4 टन है और यह 5.7 मीटर लंबा है, जिसे न्यूजीलैंड के पियानो ट्यूनर एड्रियन मान द्वारा डिजाइन किया गया हैं.
क्रिस्टोफरी (Bartolomeo Cristofori) एक अंसतुष्ट संगीतकार थे . वे संगीत पर अपनी हाथो का नियन्त्रण चाहते थे तो उन्होंने म्यूजिक Generate करने के लिए हथौड़ा विधि का प्रयोग किया था . यह दो तरह से आवाज निकालता है . पहली Loud और दुसरी Soft . जब इन दोनों आवाजो को सही क्रम में बनाया जाता था तो एक अच्छा Music सुनने को मिलता था .
अब यह Keyboard पर based होता है जिसमे अगर Key को ज्यादा हार्ड प्रेस करते है तो तेज आवाज निकलती है जबकि Light प्रेस करनेपर धीमी आवाज निकलती है . वर्ष 1709 में जब उन्होंने पियानो तैयार कर लिया था तब इस उपकरण को पहले “क्लेविनसेबोलो कोल पियानो इ फोर्टे” नाम दिया गया था .