World Population Day 2022: गलोबल पॉपुलेशन ईशूज को लेकर अवेयरनेस बढ़ाने के लिए हर साल 11 जुलाई को विश्व जनसंख्या दिवस (World Population Day) मनाया जाता है. इस दिन का उद्देश्य जनसंख्या से संबंधित मुद्दों के महत्व के बारे में लोगों को जागरूक कराना है. उल्लेखनीय है कि विश्व जनसंख्या दिवस मनाने की शुरुआत 1989 में संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम (United Nations Development Programme) द्वारा की गई थी. इस समय वैश्विक जनसंख्या 5 बिलियन तक पहुंच गई थी. यह दिन तीन दशकों से अधिक समय से मनाया जा रहा है, इसका उद्देश्य जनसंख्या नियंत्रण से संबंधित समाधानों के बारे में लोगों में जागरूकता बढ़ाना है. संयुक्त राष्ट्र जनसंख्या कोष (United Nations Population Fund) के अनुसार, विश्व की जनसंख्या 2022 में 8 अरब का आंकड़ा छू लेगी. बता दें कि दुनिया में 2011 में ही सात अरब जनसंख्या पूरा हो चुका है.
विश्व जनसंख्या दिवस 2022 की थीम “8 बिलियन की दुनिया: सभी के लिए एक लचीला भविष्य की ओर – अवसरों का दोहन और सभी के लिए अधिकार और विकल्प सुनिश्चित करना” है. इस थीम का अर्थ और उद्देश्य साफ है कि दुनिया की आबादी 8 बिलियन के आंकड़े तक पहुंच चुकी है और अब हम सभी के लिए बहुत जरूरी हो गया है कि बेहतर भविष्य के लिए जनसंख्या नियंत्रण के उपायों को अपनायें, जागरूकता फैलाएं.
11 जुलाई 1987 को दुनिया की आबादी के आंकड़े 5 अरब को पार कर गए थे. इसके तुरंत बाद, संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम की गवर्निंग काउंसिल ने 1989 में विश्व जनसंख्या दिवस की मनाने की शुरुआत की. इस दिन को संयुक्त राष्ट्र महासभा द्वारा दिसंबर 1990 में प्रस्ताव पारित कर मान्यता दी गई थी, जिसका उद्देश्य बढ़ती जनसंख्या के साथ-साथ जागरूकता फैलाना था. साथ ही समानता, मौलिक अधिकार, गरीबी, विकास और पर्यावरण सहित जनसंख्या के मुद्दे भी इसमें शामिल थे.
विश्व जनसंख्या दिवस विश्व स्तर पर जनसांख्यिकी से संबंधित मुद्दों के बारे में जागरूकता बढ़ाने का प्रयास करता है. यह दिन इसलिए महत्वपूर्ण है क्योंकि यह अधिक जनसंख्या की समस्याओं पर प्रकाश डालता है, पर्यावरण और विकास पर अधिक जनसंख्या के प्रभावों के बारे में जागरूकता बढ़ाता है. यह बच्चे पैदा करने वाली महिलाओं के सामने आने वाली स्वास्थ्य समस्याओं और परिवार नियोजन, लैंगिक समानता, गरीबी, मातृ स्वास्थ्य और मानवाधिकारों के महत्व के बारे में भी बात करता है.
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1000 ईस्वी में विश्व की जनसंख्या केवल 400 मिलियन थी. यह पहली बार 1804 में 1 अरब और 1960 में 3 अरब तक पहुंच गया. जनसंख्या को दोगुना यानी 6 अरब होने में केवल 40 साल (2000 में ) लगे.
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हर दिन के हर सेकंड में 4.2 लोग पैदा होते हैं और 1.8 लोग मरते हैं. यह उम्मीद की जा रही है कि 2050 तक, दुनिया की लगभग 70% आबादी शहरों में रहेगी.
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दुनिया भर में जीवन प्रत्याशा (Life expectancy) बढ़ने की संभावना है. विश्व स्तर पर, दोनों लिंगों के लिए संयुक्त रूप से जीवन प्रत्याशा 2010-2015 में 71 वर्ष से बढ़कर 2045-2050 में 77 वर्ष और अंततः 2095-2100 में 83 वर्ष होने का अनुमान है.
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दुनिया की आबादी प्रति वर्ष 1.10 प्रतिशत या सालाना अतिरिक्त 83 मिलियन लोगों की दर से बढ़ रही है. वैश्विक जनसंख्या 2030 में 8.6 बिलियन, 2050 में 9.8 बिलियन और 2100 में 11.2 बिलियन तक पहुंचने की उम्मीद है.