World Population Day 2023: दुनिया भर के देशों की आबादी (Population) को लेकर अलग अलग समस्याएं हैं. किसी देश के लिए बढ़ती जनसंख्या समस्या (Problem of Population) है तो किसी देश के लिए घटती आबादी सिरदर्द. 11 जुलाई को विश्व जनसंख्या दिवस मनाया जाता है. यह दिन वैश्विक जनसंख्या मुद्दों के समाधान के महत्व पर प्रकाश डालने का काम करता है. इसके साथ ही यह शिक्षा, स्वास्थ्य देखभाल और महिलाओं के सशक्तिकरण तक पहुंच की आवश्यकता पर भी जोर देता है. इसके अलावा व्यक्तियों, समुदायों और नीति निर्माताओं को स्थायी जनसंख्या वृद्धि हासिल करने के लिए कार्रवाई करने के लिए भी प्रोत्साहित करता है.
आंकड़ों की मानें तो भारत में हर मिनट 25 बच्चे जन्म लेते है. हैरानी की बात यह है कि इन आंकड़ों में केवल वे बच्चे शामिल हैं जो अस्पताल में पैदा होते हैं. भारत की आबादी 142.86 करोड़ पहुंच गई है जबकि चीन की जनसंख्या 142.57 करोड़ है. भारत की आबादी अब 29 लाख ज्यादा हो गई है. यह पहली बार है कि भारत की जनसंख्या 1950 के बाद से चीन से आगे निकल गई है. अनुमान ये भी है कि 2050 तक भारत की आबादी बढ़कर 166.8 करोड़ पहुंच जाएगी तो दूसरी ओर चीन की जनसंख्या घटकर 131.7 करोड़ होने की उम्मीद है.
-
साल 1000 ई में दुनिया की कुल जनसंख्या 40 करोड़ थी. 1804 में यह संख्या एक अरब, 1960 में 3 अरब पहुंच गई.
-
शोध के अनुसार प्रति सेकेंड 4.2 लोग पैदा होते हैं, जबकि मृत्यु दर 1.8 है.
-
आकलन किया जा सकता है कि जन्म दर की तुलना में मृत्यु दर 50 फीस से भी ज्यादा है.
-
विश्व की जनसंख्या 1.10 प्रतिशत वार्षिक दर से बढ़ रही है. वैश्विक जनसंख्या 2030 में
-
8.6 अरब, 2050 में 9.8 अरब, 2100 में 11.2 तक पहुंचने की उम्मीद है.
-
संपूर्ण विश्व की अगले 15 वर्षों में 9 अरब तक पहुंचने की संभावना है.
-
2020 में यूरोपीय संघ की औसत प्रजनन दर 1.5 बच्चे की थी.
-
दुनिया की सबसे घनी आबादी वाला एक देश यूरोप में भी है.
-
यूरोपीय महाद्वीप में आइसलैंड का जनसंख्या घनत्व सबसे कम है.